अज्ञात कुमार
आगरा नगर में कुछ तथाकथित पत्रकारों की सांठगांठ और सीटीवी केबल नेटवर्क के मालिक नीरज जैन की छत्रछाया और उसके भाई विवेक जैन के सहयोग से बनी डी कम्पनी (डग्गेमारी कम्पनी) अब पतन की ओर है। इस कम्पनी की शुरुआत आगरा में 2007 में हुई। जिसमें कई टीवी समाचार चैनलों के स्ट्रिंगर शामिल हुये। सीटीवी केबल के मालिक नीरज जैन ने अपने चचेरे भाई और ज़ी न्यूज़ के स्ट्रिंगर विवेक जैन की मदद से इन सभी को ये बात समझायी कि सब मिलकर काम करेंगे तो सभी को आर्थिक लाभ होगा। क्योंकि चैनल स्टोरी का भुगतान बहुत कम देते हैं। ये बात इन सभी की समझ में आ गयी। आगरा के मानस नगर स्थित सीटीवी केबल के कार्यालय में नीरज जैन, विवेक जैन की अगुवाई में आज तक के स्ट्रिंगर अरविन्द शर्मा उर्फ गुड़्डु, एनडीटीवी के स्ट्रिंगर नसीम अहमद उर्फ नसीम कुरैशी, आईबीएन7 के स्ट्रिंगर विमल मिश्रा, इंडिया टीवी के अंकुर, पहले स्टार न्यूज़ और अब एबीपी न्यूज़ के चर्चित स्ट्रिंगर शाहनवाज़ शम्सी समेत कुछ छुटभैय्ये पत्रकार और पुलिस के डर से भागने वाले असामाजिक तत्व भी शामिल हो गये। तब से ये डी कम्पनी पूरे आगरा नगर में ही नही वरण जनपद में ब्लैकमैलिंग और दलाली करने वाला एक संगठित गिरोह बन गया। इन सभी ने मिलकर जनपद के कई व्यवसाईयों, व्यापारियों और बिल्ड़रों से जमकर धन की वसूली की। लगभग 2 वर्ष पहले भी एक गेहूँ व्यापारी से वसूली का प्रकरण भी चर्चाओं में आया था। जिसका समाचार उस समय समस्त प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुआ था। इनमें से कई तो इस तरह के लोग थे जिनके पास खुद की साइकिल तक नही थी लेकिन इस गिरोह के बल पर आज वो कारों में घूम रहे हैं।
लेकिन कहते हैं कि ईश्वर की लाठी में आवाज़ नही होती। इनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। सीटीवी केबिल नेटवर्क का मतलब निकल जाने के बाद नीरज जैन और उसके भाई ने इन सभी को बाहर को रास्ता दिखा दिया। सूचना यह भी है कि विवेक जैन और इन लोगों के बीच वसूली के पैसे को लेकर विवाद हुआ था उसी के बाद इन सभी का प्रवेश सीटीवी केबिल के कार्यालय में बंद हो गया। इसके बाद आज तक के अरविन्द शर्मा ने इन सभी तथाकथित पत्रकारों को अपने घर में आश्रय दिया और वहीं से इनका काम संचालित होने लगा। अरविंद को भी निशुल्क काम करने वाले मिल गये। लेकिन रुपयों की वसूली और बंटवारे का विवाद बढ़ने के बाद आज तक के स्ट्रिंगर अरविन्द शर्मा और आईबीएन7 के स्ट्रिंगर विमल मिश्रा ने अपना गिरोह अलग बना लिया। और एबीपी न्यूज़ के चर्चित स्ट्रिंगर शाहनवाज़ शम्सी और एनडीटीवी के नसीम कुरैशी को बाहर कर दिया। डग्गेमारी के प्रशिक्षित खिलाड़ी बन चुके ये दोनों भी बसपा के तत्कालीन विधायक ज़ुल्फिकार भुट्टों की शरण में जा पहुंचे। नसीम कुरैशी ने सार्वजनिक स्थानों पर खुद को विधायक का भाई कहना शुरु कर दिया। अब इन दोनों ने विधायक के नाम पर कई ठेकेदारों और बिल्ड़रों से वसूली और महिना बांध लिया। यही नही इसी बीच विधायक भुट्टों ने ताजगंज स्थित अपने आवास के सामने ही एक मजबूर महिला के घर पर नसीम कुरैशी का कब्ज़ा करा दिया। इन दोनों का नया ठिकाना बने फतेहाबाद रोड़ स्थित एक विवादित होटल की मालकिन और उसके मित्र के साथ मिलकर भी कई तरह के गौरखधंधे शुरु कर लिये। उधर, अरविन्द शर्मा और विमल मिश्रा ने भी अपने कुछ लोगों को साथ मिलाकर अपने धंधे का विस्तार कर लिया।
डी कम्पनी अब दो फाड़ हो चुकी थी। सालों से इन चारों ने अपने अपने नये गुर्गे पाल लिये हैं जो पूरे जनपद में वसूली, दलाली और गिरोहबाज़ी कर रहे थे। लेकिन इस साल इन दोनों गिरोहों को बड़ा झटका लगा है। पुष्ट समाचार मिले हैं कि सीटीवी को सैटेलाइट चैनल बनने के चक्कर में नीरज जैन और उसके भाई विवेक जैन ने कई जैनियों को टोपी पहनाकर जो चक्कर चलाया था वो असफल हो गया। सीन्यूज़ चैनल और समाचार पत्र बंदी के कगार पर पहुंच गये हैं। वहां कार्य करने वाले स्टाफ को चार माह से वेतन भी नही मिला है। विवेक जैन अब कॉलेज बनाने के नाम पर दूसरे शिकार तलाश रहा है। उसे ज़ी न्यूज़ ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उसके स्थान पर किसी दूसरे को रख लिया है। इसके बाद मथुरा से दैनिक अवागमन करने वाले आईबीएन7 के स्ट्रिंगर विमल मिश्रा को भी चैनल ने बाहर कर दिया है। जिसके परिणाम स्वरुप आगरा में अरविन्द शर्मा की शक्ति कम होती दिख रही है। विमल मिश्रा ने ताजगंज के एक चर्चित होटल के मालिक के साथ मिलकर भी कई बड़ी वसूली की थी। इसी प्रकार से दूसरे गिरोह का भी एक विकेट गिर गया है।
पुष्ट समाचार के अनुसार एबीपी न्यूज़ के शाहनवाज़ शम्सी को भी चैनल ने भारी शिकायतों के चलते बाहर निकाल दिया है। उसने तो अपने चैनल के कई बड़े अधिकारियों के नाम पर भी वसूली कर डाली। आगरा जनपद में आधा दर्जन वाहनों पर एबीपी न्यूज़ के स्टीकर लगाने वाला शाहनवाज़ शम्सी अब किसी ओर का विकेट गिराने की योजना बना रहा है। जानकारी मिली है कि वो आगरा में आज तक पर कब्ज़ा करना चाहता है। जिससे अरविंद की परेशानी दुगनी हो सकती है। शाहनवाज़ के स्थान पर आगरा में पंकज गुप्ता को नया स्ट्रिंगर बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि पंकज गुप्ता नसीम और शाहनवाज़ के साथ ही काम करता रहा है। अब इन तीन गिरोहबाज़ लोगों के बाद एनडीटीवी के नसीम कुरैशी और आज तक के अरविंद शर्मा पर भी तलवार लटक रही है।
सूत्रों के अनुसार इन्ही लोगों के साथ काम करने वाले छुटभैय्ये इन दोनों की बाहर करवाने के लिये इनके चैनल वालों को शिकायते भेज रहे हैं। और यही इनके लिये वसूली और रंगदारी का काम भी कर रहे हैं। विवेक, शाहनवाज़ और विमल के उपरान्त नसीम और अरविन्द अपनी पैरोकारी में जुट गये हैं। दोनों ही आये दिन अपने चैनलों के प्रमुख अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कहते हैं कि मजबूर और कमज़ोर लोगों के दिल से निकली आह भगवान का प्रकोप बनकर गिरती हैं। इन सभी ने मिलकर जिस तरह से जनपद में कई व्यक्तियों की मजबूरी का लाभ उठाकर अवैध धन की वसूली की है। उसी तरह से ईश्वर उसका बदला इनसे ले रहे हैं। वर्तमान में स्थिति यह है कि नगर अथवा जनपद में कोई भी सभ्य व्यक्ति इन सभी लोगों को अपने पास बैठाना भी नही चाहता है। आज कल ये लोग अपने अपने स्तर पर नई योजनाऐं बना रहे हैं ताकि इनका अवैध धंधा फलता फूलता रहे।
(एक पत्रकार द्वारा भेजे गए ख़त पर आधारित। यदि रिपोर्ट से आपकी सहमति नहीं है तो अपनी बात mediakhabaronline@gmail.com पर भेजें।)