यौन शोषण मामले में दिल्ली वि.वि. के प्रो. अजय तिवारी का क्यों न बहिष्कार किया जाए?

संभव है कि आप लोग बिल्कुल ही इस बात से अनजान हों कि दिल्ली. विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर रहे इस व्याक्ति (प्रो. अजय तिवारी) पर यौन शोषण का मामला अदालत में साबित हो चुका है।

विश्वविद्यालय ने इसे इसी आधार पर बर्खास्त भी कर दिया था। यह खबर हिन्दी-अंग्रेजी के सभी बड़े अखबारों में प्रकाशित भी हुई थी।

मैं यह जानना चाहता हँ कि जिस पर यौन शोषण का मामला साबित हो चुका है क्या बुद्धिजीवी वर्ग को उसका सामाजिक बहिष्कार नहीं कर देना चाहिए ?

क्या ऐसे व्यक्ति से फेसबुक मित्रता से परहेज नहीं करना चाहिए ? जो संपादक इस व्यक्ति को अपनी पत्र-पत्रिकाओं में सम्मान प्रकाशित करते हैं क्या उन्हें अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करना चाहिए ?

(रंगनाथ सिंह के फेसबुक वॉल से साभार)


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.