टीवी डिबेट में बहस तभी ज़ोरदार होती है जब पक्ष और विपक्ष दोनों के प्रतिनिधि सामने हो. लेकिन जब विपक्ष को सामने खड़ा देख दूसरा पक्ष बहस में आने से ही कतराने लगे तो समझ जाइए कि उस पक्ष को अपना पक्ष मजबूती से रखने लायक तर्क नहीं है. बहरहाल इस पूरी भूमिका के पीछे उद्देश्य आपका ध्यान एनडीटीवी इंडिया की उस बहस की ओर ध्यान खींचना है जिसे छोड़कर आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान चले गए. दरअसल कल एक बहस होने वाली थी उसमें पैनल में योगेन्द्र यादव के साथ आशीष खेतान थे. लेकिन अचानक आशीष खेतान गायब हो गए. बाद में पता चला कि योगेन्द्र यादव के पैनल में होने की वजह से आम आदमी पार्टी ने खेतान को वापस बुला लिया. इस संबंध में उस शो की एंकर निधि राजदान ने ट्वीट भी किया. पूरे मामले पर योगेन्द्र ने आम आदमी पार्टी की खिंचाई करते हुए लिखा –
योगेन्द्र यादव –
सच्चाई और ईमानदारी की राजनीति करने आयी आम आदमी पार्टी को अब सच से भी डर लगने लगा है। कल निधि राज़दान के टीवी शो में था। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशीष खेतान डिबेट में थे। फिर अचानक से चले गए। निधि के ट्वीट से पता चला कि डिबेट पैनल में मेरे होने की वजह से उनकी पार्टी ने उन्हें बीच शो में से वापस बुला लिया। अब इसे क्या कहूँ? दरअसल इस पार्टी को समस्या मुझसे नहीं बल्कि सच का सामना करने से है!