नरेंद्र मोदी और भाजपा की गुजरात में जीत के बाद अंग्रेजी और हिंदी के न्यूज़ चैनलों पर लगातार विश्लेषण चल रहा है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर मंथन शुरू हो गया है.
आजतक के अभिसार शर्मा मोदी की जीत से इस कदर उत्साहित हो गए कि उन्हें 2014 का प्रधानमंत्री ही करार दिया. ज़ी न्यूज़ पर भी उनका महिमामंडन चल रहा है और तारीफों के पुल बंधे जा रहे हैं.
वही कुछ चैनलों पर कटाक्ष का दौर भी शुरू हो चुका है. इसी क्रम में टाइम्स नाउ पर एक मजेदार टिप्पणी आयी. टाइम्स नाउ पर पत्रकार जे.स्वामीनाथन अय्यर ने कहा कि गुजरात का शेर हिमाचल का बकरा. कलकत्ता विश्वविश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा –
टाइम्स नाउ चैनल पर अभी एक पत्रकार (जे.स्वामीनाथन अय्यर) ने कहा- “गुजरात का शेर हिमाचल का बकरा।” योगेन्द्र यादव ने कहा कि भावी परिणाम के रूप में मोदी की जीत लोकतंत्र का डार्कसाइड है।
जगदीश्वर चतुर्वेदी की कुछ और टिप्पणियाँ :
1. हिन्दी में बोलना राष्ट्रीय नेता होना नहीं है। मोदी का हिन्दी स्पीच से चुनाव प्रचार का आरंभ और समापन हुआ। हिन्दी बोलने से पीएम बनना आसान होता तो अटलजी को 40साल न लगते पीएम बनने में और आडवाणी तो अभी भी इंतजार में हैं ,लेकिन देवगौड़ा पीएम बन गए बिना हिन्दी जाने। हिन्दी में बोलने का मतलब है हिन्दी चैनलों के लिए बोलना।
2.मोदी शेर हैं तो धूमल क्या हैं ? गुजरात की जीत पर भाजपा के लोग नाच रहे हैं ,लेकिन हिमाचल की हार पर रोनेवाले कहां हैं टीवी इमेजों में .
3. मोदी को नायक बनाया भाजपा ने,मीडिया ने भी उछाला,लेकिन हिमाचल पर मोदी का कोई असर नहीं पड़ा, ऐसे में देश पर कितना असर होगा कल्पना कर सकते हैं।
4.मजेदार बात यह है कि चैनलों में भ्रष्टाचार प्रधान मुद्दा था लेकिन सरकार भाजपा या कांग्रेस को ही बनाने का मौका मिलेगा। क्या ये दोनों दल अब भ्रष्टाचारमुक्त हो गए हैं ?
5. टीवी चैनलों पर बैठे राजनीति विशेषज्ञों का हाल यह है कि वे लोकल को जानते नहीं है लेकिन सरलीकरण के जरिए व्याख्याएं कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव अंततः लोकल मसले पर होते हैं,लोकल कारक प्रधान होते हैं। विचारधारात्मक कारक गौण होते हैं।
6. टीवी पर मोदी विमर्श का खोखलापन यह है कि उसमें से गुजरात में पूंजीवाद का असमान विकास कभी प्रमुख एजेण्डा नहीं बन पाया।
7. समाचार प्रस्तुति की नई शैली एबीपी न्यूज में देखें कि किस तरह दीपक चौरसिया बोल रहे हैं, जैसे कोई शेयर मार्केट में आवाज लगाते 5-5, 6 और 6 ,ये लोग कहां ले जाएंगे खबरों को ?