जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी

जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी
जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी

रवि शंकर

जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी
जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी

लोकसभा चुनावों से पहले कई लोग जिनमें भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल थे, कहा करते थे कि मोदी यदि आ गए तो संगठन को समाप्त कर देंगे। केवल मोदी ही मोदी रह जाएंगे, संगठन का कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा। मोदी प्रधानमंत्री बन गए। फिर कुछ लोगों ने यही कहना शुरू कर दिया। व्यक्तिवाद बढ़ाया जा रहा है। परंतु आज क्या हुआ?

आज मोदी पार्टी मुख्यालय में थे। सदस्यता अभियान की शुरूआत करने के लिए। क्या आपको याद आता है राजग का पिछला कार्यकाल? क्या एक बार भी कभी प्रधानमंत्री या उप प्रधानमंत्री किसी ने भी पार्टी मुख्यालय आने की जहमत उठाई थी? नहीं। 2004 में चुनाव हारने के बाद आडवाणी मुख्यालय आए थे। परंतु तब तक चिड़िया खेत चुग चुकी थी। तब आडवाणी ने स्वीकारा था कि कार्यकर्ताओं से दूरी के कारण भाजपा हारी। परंतु वे इस कमी को दूर नहीं कर पाए।

इसलिए जो समझते हैं कि मोदी संगठन को समाप्त कर देंगे, वे या तो मूर्ख हैं या फिर स्वार्थी। मोदी संगठन को मजबूत करेंगे क्योंकि इसके बिना वे भी कुछ नहीं बन सकते। यह बात वे भी समझते हैं और उनका आज पार्टी मुख्यालय में होना यही साबित करता है।

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