शुभम
प्राइम टाइम में आजतक पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू – केजरीवाल Exclusive. इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी जो आजकल ‘आप’ और अरविंद केजरीवाल से नजदीकियों को लेकर चर्चा में हैं.
दरअसल पुण्य प्रसून की एक ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल की तरह फैल गयी है जिसमें वे केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के दूसरे मंत्रियों के साथ उनके बैठक में बैठे दिखाई पड़ते हैं.अब इस बैठक में वे किस हैसियत से बैठे हैं. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. ना उनकी तरफ से कोई स्पष्टीकरण आया और न आप की तरफ से. इसलिए कयास जोर पकड़ने लगा है कि आशुतोष की तरह वे भी कोई ‘आप’ को लेकर कोई छिपा एजेंडा लिए पत्रकारिता कर रहे हैं. यह छिपा एजेंडा पत्रकारिता से राजनीति की तरफ रूख का भी हो सकता है. अफवाह यहाँ तक उड़ने लगी है कि वे ‘आप’ के टिकट पर गोड्डा(झारखंड) से चुनाव लड़ सकते हैं. हालाँकि मीडिया खबर डॉट कॉम इसे महज गॉसिप ही मानता है.
बहरहाल वापस मुद्दे पर लौटते हैं. केजरीवाल सरकार के एक महीना पूरे होने की ‘खुशी’ में यह इंटरव्यू लिया गया. खुशी शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि जिस अंदाज़ में पुण्य प्रसून ने अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू लिया. अमूमन वे उस अंदाज़ में नज़र नहीं आते. नेताओं से बात करते हुए उनका एक तेवर होता है लेकिन आज वह तेवर सिरे से गायब था.
हलके-फुल्के ढंग से पुण्य प्रसून ऐसे सवाल कर रहे थे कि बस इंटरव्यू की औपचारिकता पूरी कर रहे हों. आखिरी सवाल को छोड़कर ऐसा एक भी मौका नहीं दिखा जब अरविंद केजरीवाल सवाल से मुश्किल में दिखे हो. उन्हें अपनी सरकार की तारीफ़ और अपनी उपलब्धियों को गिनाने का पूरा-पूरा मौका दिया जा रहा था. वह ‘आप’ की एक महीने की उपलब्धियां गिना रहे थे और मुसुकुराते हुए पुण्य प्रसून उन्हें गिन रहे थे.
दरअसल यह इंटरव्यू आजतक का कोई दूसरा पत्रकार लेता तो बिल्कुल अखड़ता नहीं. लेकिन पुण्य प्रसून इस ‘सॉफ्ट’ अंदाज़ में इंटरव्यू नहीं लेते. सवाल तो सवाल उनके मुस्कुराहट में भी एक तंज होता है. लेकिन आज केजरीवाल के सामने वो तंज, आक्रमकता सब गायब !
ऐसे में यह कहने का दिल करता है कि – आजतक पर अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू फिक्स लगता है पुण्य प्रसून बाजपेयी जी !
(दर्शक की नज़र से)