राजनीति के ‘R’ फैक्टर के बीच न्यूज चैनलों के बीच आवाजाही तेज

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मर्म तलाशती टी.वी. पत्रकारिता-ज़रा सोचिये !लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. युद्ध का बिगुल अघोषित तौर पर बज चुका है. कांग्रेस और बीजेपी ने अपने – अपने सेनापतियों को आमने – सामने कर दिया है. दोनों कमर कस चुके हैं. एक – दूसरे पर दाँत कंटकंटा रहे हैं. घमासान युद्ध बस छिड़ने ही वाला है.

इधर राजनीति के गलियारे की हर खबर को अलग अंदाज़ में सबसे पहले दिखाने की होड़ भी न्यूज़ चैनलों के बीच शुरू हो चुकी है और राजनीति के इसी ‘R’ फैक्टर के बीच न्यूज चैनलों के बीच आवाजाही तेज हो गयी है.

एंकर, रिपोर्टर और डेस्क पर कार्यरत पत्रकार बेहतर विकल्प की तलाश में एक चैनल से दूसरे चैनल के बीच जा रहे हैं. ऊपर से लेकर नीचे तक यही हाल है.

अब देखिए पुण्य प्रसून बाजपेयी ज़ी न्यूज़ से आजतक गए तो अभिसार शर्मा के बारे में खबर आयी कि वे आजतक को अलविदा कहने के बाद ज़ी न्यूज़ को ज्वाइन करेंगे. दीपक चौरसिया ने अप्रत्याशित तौर पर एबीपी न्यूज़ को अलविदा कह इंडिया न्यूज़ की कमान संभाल ली. वही राणा यशवंत महुआ न्यूज़ की कश्ती छोड़ इंडिया न्यूज़ की कश्ती पर सवार हो गए. आजतक से अजय कुमार जल्द ही लॉन्च होने वाले चैनल नेशन टुडे में चले गए. इसके अलावा दर्जनों हेर – फेर हो चुका है और ये सिलसिला अभी जारी है.

दरअसल जॉब बदलने के लिए अभी न्यूज़ इंडस्ट्री में सबसे माकूल माहौल है. ऐसा माहौल ज़माने के बाद बना है. नहीं तो लंबे समय से ऐसी स्थिति कि जो जहाँ है बस वहीं. इंडस्ट्री में कोई विकल्प ही नज़र नहीं आ रहा था.

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र तो ऐसा हो ही रहा है, लेकिन उसके अलावा नेशन टुडे समेत कई चैनलों ने भी आवाजाही के विकल्प को बढ़ा दिया है. फिर इंडिया न्यूज़ भी जिस तरह से रीलॉन्चिंग कर रहा है, उससे भी माहौल काफी बदला है.

मिला – जुलाकर जॉब के लिहाज से न्यूज़ इंडस्ट्री में अभी हरियाली ही हरियाली छाई हुई है.

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