Hats off to City Scan system designers mom!
आजकल टेलीविजन पर एक विज्ञापन आता है। एक क्ला्सरूम है, जिसमें ढेर सारे बच्चे बैठकर चित्र बना रहे हैं। बच्चे् चित्र बना रहे हैं कि उनके मम्मी -पापा क्या काम करते हैं। एक बच्चा अपने चित्र को नरेट कर रहा है। वह कहता है, मेरी मम्मा सिटी स्कैन सिस्टम डिजाइन करती हैं और मेरे पापा पावर जनरेशल सिस्टम बनाते हैं। उसने सिटी स्कैन मशीन और अपनी मम्मा का एक रंगीन चित्र बनाया है। ये विज्ञापन है जैपनीज कंपनी तोशिबा का। ये विज्ञापन मुझे बहुत पसंद है क्योंकि शायद पहली बार किसी विज्ञापन में मां सिटी स्कैन सिस्टजम डिजाइन कर रही है। वरना हमें तो अब तक यही लगता था कि टीवी कमर्शियल्सस की मांएं सिर्फ :
-अपने बच्चों को ताकतवर बनाने के लिए कॉम्प्लान पिलाती हैं।
– दो मिनट में मैगी नूडल तैयार कर देती हैं।
– ऑल आउट लगाकर मच्छर भगाती हैं।
– विक्स वेपोरब से बच्चे की बंद नाक खोलती हैं
– ऐसे साबुन से कपड़े धोती हैं, जिससे उनके हाथ नर्मो-नाजुक बने रहें।
– दिन-रात इसी चिंता में घुली जाती हैं कि कौन-सा तेल इस्तेमाल करूं कि पति का कोलेस्टॉल घटे
– हार्पिक से टॉयलेट को कीटाणु रहित बनाती हैं।
– टेस्टि में बेस्ट मम्मी और एवरेस्ट् हैं
– रोज खाने में ऐसा मसाला इस्तेमाल करने की कोशिश करती हैं कि पति घर पर ही खाना खाए।
– प्रेस्टीज कुकर में फटाफट खाना बनाकर पति और उसके बॉस को खुश कर देती हैं, पति को इंक्रीमेंट मिल जाता है। इसलिए ये विज्ञापन थोड़ा अलग है। पहली बार टेलीविजन स्क्रीन पर किसी बच्चे की मां सिटी स्कैन सिस्ट़म डिजाइन कर रही है। जरूर उसकी मां उसे बहुत प्यार भी करती होगी, उसकी फेवरेट डिश भी पकाती होगी, जुखम होने पर विक्स भी लगाती होगी। क्योंकि ये सारे काम तो कोई भी इंसान करता है, लेकिन जीवन बड़ा और अर्थपूर्ण सिर्फ मैगी पकाने और विक्स् लगाने से नहीं बनता ना। ये एड अलग है, वरना अब तक तो धर्मग्रंथों और हिंदुस्तानी समाज के कुंद जेहन नियमों की तरह मॉडर्न टेलीविजन भी औरतों को यही बताता रहा है कि मैगी पकाने, विक्स लगाने और क्रैक क्रीम से अपनी एडि़यों की दरारें मिटाने में ही उनके जीवन की सार्थकता है। Hats off to City Scan system designers mom!
( इंडिया टुडे की पत्रकार मनीषा पाण्डेय के फेसबुक वॉल से साभार)
छोटे पर्दे का नया रूप है ..