ब्रेकिंग न्यूजः दिर्ल्लीे के कानून मंत्री फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार
नदीम एस.अख्तर
यानी केजरीवाल और मोदी के बीच की कड़वाहट चरम पर. नाक की लड़ाई. कानून मंत्री की गिरफ्तारी को अगर नजीर बना दें तो इस हिसाब से देश के कई माननीय जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए. राजनीति में जुबानी जंग तो होती रहती है, पब्लिक को दिखाने के लिए कमेटियां-जांच चलती रहती है लेकिन अगर उस पर वाकई एक्शन हो जाए, तो मतलब ये है कि दोनों पक्षों में अंदरूनी कटुता कूट-कूट कर भर गई है.
वरना हमाम में तो सब नंगे हैं. केजरीवाल की भी फजीहत तय है. जितना हाई मोरल ग्राउंड इस आदमी ने लिया था, उसके हिसाब से तो आरोप लगने के बाद उन्हें कानून मंत्री तोमर से बहुत पहले इस्तीफा ले लेना चाहिए था.
रही मोदी की बात. तो फर्ज कीजिए कि अगर केजरीवाल के पास आज ताकत होती कि वह मोदी सरकार के मंत्रियों को गिरफ्तार करवा सकते तो सोच लीजिए कि मोदी कैबिनेट के कौन-कौन मंत्री निशाने पर होते!! जिन पर आरोप लगे और जो छुट्टे घूम रहे हैं. उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई, उनकी गिरफ्तारी तो दूर की बात है.
सो देश की राजनीति के इस नए अध्याय के मजे लीजिए. मूकदर्शक बनकर. हमने 5 साल के लिए जिन प्रतिनिधियों को चुनकर भेजा है, वे केंद्र की सत्ता और दिल्ली की सत्ता के बीच तालमेल नहीं बिठा पा रहे. सबको अपनी नाक की पड़ी है. उन्हें इसी तरह लड़ने दीजिए.
तू मेरी पैंट फाड़, मैं तेरी पैंट-शर्ट दोनों फाड़ दूंगा. देखते रहिए. The Great Indian political Drama!!!
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