तहसील सिकन्दरपुर, बलिया के पत्रकार संजीव कुमार सिंह को मंत्री रामगोविन्द चैधरी के चचेरे भाई रामबचन यादव और उसके ड्राईबर धर्मेन्द्र के बारे में खबर छापने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
संजीव ने दुर्गा पुजा के दिन धर्मेन्द्र द्वारा सिकंदरपुर कस्बे में कथित छेड़छाड़ करने पर लोगों द्वारा की गयी पिटाई के बाद पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में खबर लिखी थी. इस पर 08 अक्टूबर को रात करीब 07.30 बजे धर्मेन्द्र, छोटक सिंह तथा अन्य लोगों ने समाचार छपने के लिए संजीव को भला-बुरा कहा और लात-घूंसे से मारा.
संजीव ने थाना सिकन्दरपुर जा कर एसओ को लिखित सूचना दी पर एसओ ने मंत्री से जुड़ा मामला बताते हुए इसका संज्ञान लेने से मना कर दिया. उन्होंने न तो किसी पुलिसवाले को मौके पर भेजा, न ही संजीव का मेडिकल कराया.
संजीव ने स्थानीय पत्रकारों के साथ जा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिकंदरपुर में मेडिकल कराया जिसमे चेहरे पर नीलगू निशान और सिर में फुलाव सहित तीन चोटें बतायी गयीं. उन्होंने एसपी बलिया राजूबाबू सिंह से भी बात की पर उन्होंने कोई कार्यवाही करने से इनकार कर दिया.
अब संजीव ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर से इस सम्बन्ध में मदद मांगी है जिस पर इन दोनों ने समस्त तथ्यों के साथ डीजीपी ए एल बनर्जी को पत्र लिख कर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. इन्होने कहा है कि डीजीपी ने हाल में टेस्ट एफआईआर दर्ज नहीं होने पर कई एसओ को निलंबित किया, अतः एक पत्रकार के चोटिल अवस्था में थाने पर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर निश्चित कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए. साथ ही इन्होने प्रेस कौंसिल अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू को भी एक पत्रकार को खबर लिखने के कारण पीटे जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र भेजा है.