पत्रकार की खरी-खरी,तेजस्वी यादव को सुनाया लालू चालीसा!




तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक ट्वीट किया था जिसमें संजय भंसाली को फिल्म ‘पद्मावती’ को फिल्माने के लिए बिहार आने का निमंत्रण था.इसी ट्वीट को पढकर वरिष्ठ पत्रकार ‘हरेश कुमार’ ने तेजस्वी को खरी-खरी सुनाई और लिखा –

@Tejashwi Yadav भाई हमारे जैसे करोड़ों बिहारियों का करियर तुम्हारे पिताजी Lalu Prasad Yadav ने बर्बाद कर दिया। इनके सत्ता में आने के बाद बिहार की शिक्षा-व्यवस्था और कानून का जो हाल हुआ उसके बारे में किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। आपके पिताजी के जंगलराज के कारण बिहार से सभी उद्योगपति भाग गए। इतना ही नहीं, आपके पिताजी के समय जो एकमात्र उद्योग-धंधा फला और फूला वह रहा- अपहरण का, जो उद्योग के तौर पर स्थापित हो गया था। इसमें आपकी पार्टी, आपके पिताजी व कई माननीय विधायकों और सांसदों की भूमिका रही। आप हमारे बीते दिन ही लौटा दो अगर हो सके तो।

भंसाली की चिंता करने से पहले उन करोड़ों बिहारियों को अपनी मातृभूमि में बुलाओ जो रोजगार व कानून-व्यवस्था के कारण दूसरे प्रांतों में मजदूरी करने को विवश हैं।

शायद आपको पता न हो तो आपके पिताजी का ही एक वाकया सुना देता हूं। आपके पिताजी एक बार वैशाली के क्षेत्र में राघोपुर दियारा गांव का दौरा कर रहे थे, तो ग्रामीणों ने उनसे सड़क बनवाने के बारे में कहा फिर आपके पिताजी ने ग्रामीणों से जो कहा वो आप भी जान लो। गरीबों के मसीहा @Lalu Prasad Yadav ने कहा कि सड़क बन जाएगा तो पुलिस सड़ाक दिन तुम्हारे यहां चली आएगी और इ जो गांजा का खेती कर रहे हो न सब खत्म हो जाएगा। फिर सभा में चुप्पी छा गई, तो ये था आपके पिताजी की सफलता का राज।

अपराधियों को खुलेआम संरक्षण देना कोई इनसे सीखे। आप अपने पिताजी के कारण बिहार की राजनीति में हो और वो भी डिप्टी सीएम। आपकी पढ़ाई-लिखाई व दुनियादारी के बारे में पूरी दुनिया को पता है।
कभी बिहार की शिक्षा-व्यवस्था और आर्थिक स्थिति कई राज्यों से बेहतर हुआ करती थी। लोग अभावों में भी खुशी-खुशी रहा करते थे और समाज में मिल-बैठकर झगड़ों का निपटारा करते थे। आज वो सिर्फ मनरेगा मजदूर बनकर रह गए हैं।

@Nitish Kumar को बिहार में लोगों ने जंगलराज के खात्मे के लिए ही दो बार बीजेपी के समर्थन से गद्दी सौंपी थी। लेकिन अपनी महत्वाकांक्षा के वशीभूत वो पीएम बनने के चक्कर में 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिए औऱ बाद में फिर वहीं पहुंच गए जिसके विरोध में राजनीति शुरू की थी।

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