हैदराबाद, 6 अक्टूबर, 2014 (प्रेस विज्ञप्ति).
साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्य मंथन’ ने साहित्य, समाजविज्ञान और संस्कृति से संबंधित विविध सृजन, अध्ययन और शोध क्षेत्रों के लिए ‘साहित्य मंथन सृजन पुरस्कार’ प्रदान करने की योजना की घोषणा की है.
‘साहित्य मंथन’ के संरक्षक गुरुदयाल अग्रवाल ने बताया कि यह पुरस्कार साहित्य, समाजविज्ञान और संस्कृति के तीन ज्ञानानुशास्नों से संबंधित विषयों पर केंद्रित प्रकाशित ग्रंथों को एक एक वर्ष के क्रम से प्रदान किया जाएगा.
चयन समिति की संयोजक डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने जानकारी दी कि समिति के निर्णय के अनुसार वर्ष 2013 के लिए साहित्य क्षेत्र का ‘साहित्य मंथन सृजन पुरस्कार’ अरुणाचल प्रदेश की हिंदी लेखिका डॉ. जोराम यालाम नाबाम द्वारा रचित कहानी संग्रह ‘साक्षी है पीपल’ के लिए घोषित किया गया है जो 8 नवंबर 2014 को हैदराबाद में आयोजित समारोह में लेखिका को प्रदान किया जाएगा. इस पुरस्कार के अंतर्गत 11 हजार रुपए की सम्मान राशि, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र और श्रीफल सम्मिलित हैं.
– डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
संयोजक, साहित्य मंथन सृजन पुरस्कार चयन समिति