आशुतोष से कहीं अच्छे तो राजीव शुक्ल हैं

जीतेंद्र प्रताप सिंह

ASHUTOSH RAJIV SHUKLAनए नेता आशुतोष BEA (BROADCAST EDITORS ASSOCIATION) को मीडिया की आजादी बचाने की सीख दे रहे हैं।अन्ना आंदोलन के समय रामलीला मैदान में टोपी लगाकर रैली कवर करना कितना निष्पक्ष था??

बतौर संपादक एक पक्ष बनकर आपने जैसी कवरेज की थी उससे पत्रकारिता के छात्रों को “निष्पक्षता” की अच्छी सीख मिली थी!!

यार तुमसे अच्छे तो राजीव शुक्ल जैसे लोग हैं जो पत्रकार होने के बाद राजनीतिज्ञ बनें…लेकिन तुम्हारी तरह बौद्धिक उल्टियां नहीं की…

इसकी वजह कांग्रेस रही क्योंकि वहां तुम जैसे गंदे लोग नहीं..तुम तो काशीराम से थप्पड़ खाकर भी नहीं सुधरे यार औऱ पत्रकारों की एक पीढ़ी को बर्बाद कर दिया.

(स्रोत-एफबी)

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