एडविन अमान-
नई दिल्ली । विज्ञापन प्रोडक्ट को पहचान देता है और ब्रांड इमेज बनाता है. इसलिए पूरे विश्व में सुरक्षा के बाद सबसे ज्यादा पैसा एडवरटाईजिंग यानी विज्ञापन पर ही खर्च किया जाता है। एडवरटाईजिंग करने के कई तरीके हैं जिसमें से टीवी विज्ञापन एक सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है। आप अपने परिवार के साथ टीवी देखते हैं और बीच में जब ब्रेक होता है तो विज्ञापन जरूर आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीच में आने वाले इन विज्ञापनों की क्या कीमत होती है। तो चलिये आज हम आपको इस बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं।
टीवी पर ऐड दिखाने का वैसे तो कोई फिक्स रेट नहीं है लेकिन यहां सब कुछ 10 सेकंड के हिसाब से चलता है। मान लीजिये अगर आपको अपना ऐड 10 सेकंड के लिये दिखाना है तो इसके कम से कम एक लाख रूपये लगते हैं। 18 सेकंड के ऐड के लिये यह रेट हो सकता है 01 लाख 80 हजार और 07 सेकंड के ऐड के लिये सत्तर हजार रूपये तक यह रेट हो सकता है। विज्ञापन कंपनियां अपने अपने हिसाब से इन रेटों को बदलती रहती हैं।
आमतौर पर यह माना जाता है कि सुबह सात से लेकर दस बजे का समय बहुत सस्ता समय होता है क्योंकि इस समय बहुत कम लोग टीवी देखते हैं और इस समय अगर आप अपना ऐड चलायेंगे तो इसका रेट बहुत कम आता है। अगर बात न्यूज़ चैनलों की की जाये तो सुबह ऐड दिखाने का ज्यादा पैसा लगता है क्योंकि न्यूज़ चैनलों में अधिकतर लोग सुबह और शाम ही ज्यादा देखते हैं। इसी तरह अगर आप आठ से लेकर ग्यारह बजे तक के बीच में ऐड दिखाया जाना चाहते हैं तो इसके लिये आपको बहुत अत्यधिक मात्रा में पैसे देने होंगे। यह चैनल्स का प्राईम टाईम भी माना जाता है।
लोकप्रिय चैनल जैसे जी टीवी, सोनी टीवी, स्टार प्लस इत्यादि अपना ऐड दिखाने के लिये अधिक पैसा लेते हैं लेकिन क्षेत्रीय चैनल जैसे महुआ टीवी, पीटीसी न्यूज़ कम पैसे में ऐड दिखाने को तैयार हो जाते हैं।
इसी तरह लोकप्रिय चैनल पर 10 सेकंड का कम से कम एड पचास हजार रूपये तक चलता है और वही क्षेत्रीय चैनलों पर यही आठ हजार से 15 हजार तक चल जाता है। अलग – अलग प्रोग्रामों के हिसाब से ऐड की रेट तय की जाती है जैसे द कपिल शर्मा शो के समय अगर आप अपना ऐड दिखाना चाहते हैं तो 30 सेकंड के 15 से 20 लाख रूपये न्यूनतम लगेंगे।
अब मान लीजिये आईपीएल मैच को पांच करोड़ लोग देख रहे हैं और आप अपना विज्ञापन एक चैनल को दस लाख रूपये देकर चलाते हैं। इस तरीके से कंपनी सिर्फ दो पैसे मैं अपने प्रोडक्ट की जानकारी एक व्यक्ति तक पहुंचा देती है। इसे एक अच्छा सौदा ही माना जायेगा लेकिन इस प्रकार की ब्रांडिंग में काफी पैसा खर्च होता है।
(साई)