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फेम इंडिया और एशिया पोस्ट सर्वे के 25 श्रेष्ठ सांसदों के नाम जानिए

फेम इंडिया
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लोक सभा में चुनाव जीत कर आये कुल 543 सांसद हैं. पिछले दिनों फेम इंडिया-एशिया पोस्‍ट सर्वे ने संयुक्‍त रुप से बड़ा सर्वे कर 2017 के 25 श्रेष्‍ठ सांसदों का चयन किया. श्रेष्‍ठ सांसदों के चयन को सर्वे में कई पारामीटर थे. फेम इंडिया के एडिटर इन चीफ यू एस सांथालिया कहते हैं कि सर्वे में चौंकाने वाली कई बातें सामने आईं. यह पाया गया कि सर्वे के नतीजे में मीडिया में सुर्खियां बटोरने वाले अनेक स्‍वनामधन्‍य नाम सतही कार्यों में शून्‍यता के कारण गायब हैं, तो फिर शीर्ष सांसदों में शामिल हुए कुछ ऐसे नाम थे, जो कहीं चर्चा में नहीं रहते हैं और कुछ रहते भी हैं तो नकारात्‍मक वजहों से.

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट ने श्रेष्ठ सांसदों का चयन करने के लिए 25 केटेगरी बनाई थी, जिससे पता चल सके कि उनमें जनता के द्वारा दिए गए दायित्व के प्रति कितनी निष्ठा है. इसके बाद एशिया पोस्ट के एनालिस्ट ने 8 प्रमुख बिन्दुओं पर कार्य किया, जिनमें सदन में उपस्थिति और बहस में भागीदारी, जनता के हित में प्रश्न उठाने, लोकतंत्र की मजबूती के लिए निजी विधेयक लाने, क्षेत्र की जनता के लिए सुलभता व मददगार, लोकप्रियता और छवि को प्रमुख माना गया. ध्यान रहे इस सर्वे में भारत सरकार के किसी भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया था.

ये हैं श्रेष्ठ 25 सांसद

प्रभावशाली सांसद की केटेगरी में गुजरात के भाजपा सांसद डॉ. किरीट भाई सोलंकी ने अपना स्थान बनाया. सक्रिय सांसद की केटेगरी में निशिकांत दुबे ने जगह बनाई जो झारखंड के गोड्डा से चुनाव जीते हैं. नारी शक्ति केटेगरी में महाराष्ट्र की सुप्रिया सुले, सरोकार केटेगरी में दिल्ली के सांसद उदित राज, लगन केटेगरी में उत्तर प्रदेश से बांदा के सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा और इरादे केटेगरी में रोडमल नागर ने टॉप किया.

हौसला केटेगरी की बात करें, तो हरियाणा के युवा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पहला स्थान पाया. चर्चित सांसदों की केटेगरी में हिमाचल प्रदेश के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर पहले स्थान पर रहे. विरासत केटेगरी में दुष्यंत चौटाला ने टॉप किया. मजबूत सांसद की केटेगरी में केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन को पहला स्थान मिला. लोकप्रिय केटेगरी में ओम बिड़ला सबसे आगे रहे, कर्मयोद्धा केटेगरी में राजस्थान के सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने सबसे अधिक नंबर हासिल. जागरूक केटेगरी में उत्तर प्रदेश के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल पहले पायदान पर पहुंचे. जज्बा केटेगरी में शिवसेना के सांसद अरविन्द सावंत ने टॉप किया. प्रयत्नशील केटेगरी में ओड़िसा के सांसद रविन्द्र कुमार जेना को सबसे अधिक अंक मिले.

युवा सांसदों की केटेगरी में टॉप पर महाराष्ट्र की सांसद पूनम महाजन रही. शख्सियत केटेगरी में उत्तर प्रदेश के वीरेंदर सिंह मस्त को पहला स्थान प्राप्त हुआ. उत्तराधिकार केटेगरी में नार्थ-ईस्ट के सांसद गौरव गोगोई टॉप पर रहे. उम्मीद केटेगरी में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी पहले स्थान पर पहुंचे. असरदार सांसद की केटेगरी में भाजपा के सांसद सुधीर गुप्ता को पहला स्थान हासिल हुआ. शानदार सांसद में ओड़िसा के कलिकेश सिंहदेव सबसे आगे आये. जननायक केटेगरी में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगात राय की धमक बनी. संघर्षशील केटेगरी में शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सबों को पीछे छोड़ा. इसी तरीके से कर्मठ सांसद की केटेगरी में हरियाणा के रमेश चंद्र कौशिक ने टॉप किया.

ऋषि कपूर ने किया 5000 लोगों को ब्लॉक

Rishi kapoor blocked 5000 users
Rishi kapoor blocked 5000 users

ऋषि कपूर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अपने ट्वीट से खूब धूम भी मचाते हैं। उनके स्टेटस को कभी तारीफ मिलती है तो कभी खूब आलोचना भी होती है। पर ऐसा लगता है कि वे आलोचकों को सुनने के मूड में कतई नहीं। इसलिए उन्होंने 5000 लोगों को सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया है।इस बात की स्वीकारोक्ति उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान की।

ऋषि कपूर ने कहा ‘मैं वो करूंगा, वो लिखूंगा जो मेरा मन चाहेगा। मुझे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। ये लोकतंत्र है और जो मैं महसूस करता हूं वो बोल सकता हूं। जब आप मुझे एब्यूस करते हैं तब मैं आपको ब्लॉक करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता। मैंने तकरीबन 5000 से भी ज्यादा लोगों को अपने अकाउंट पर ब्लॉक कर रखा है। जिसने कोई गड़बड़ की या मेरी फैमिली के बारे में कुछ कहा या कुछ गलत चीज लिखी तो मैं उसे ब्लॉक कर दूंगा। मैं किसी भी तरह की नेगेटिविटी अपनी टाइमलाइन पर नहीं चाहता हूं।’

स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है सोशल मीडिया

सोशल मीडिया
सोशल मीडिया

सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया। स्मार्ट फोन ने इसे और भी आसान बना दिया। चलते-फिरते और उठते-बैठते आप बड़ी आसानी से सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया से कनेक्ट हो पाते हैं। लेकिन इसके अत्यधिक प्रयोग से आपके मन, मस्तिष्क और शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।आइये आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग से क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है

  • बहुत ज़्यादा सोशल-मीडिया इस्तेमाल करने वाले दिमागी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन और नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं।
  • बीबीसी ने एक मोटे तजुर्बे से पाया है कि अगर कोई शख़्स दो घंटे या इससे ज़्यादा वक़्त सोशल मीडिया पर गुज़ारता है, तो आगे चलकर वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, जज़्बाती तौर पर अकेलापन महसूस करता है।
  • ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल हमें बीमार, बहुत बीमार बना सकता है। लोग सोशल मीडिया पर जाते हैं ताकि अपना ख़राब मूड ठीक कर सकें। मगर, रिसर्च बताती हैं कि सोशल मीडिया पर जाकर भी इससे आपको राहत नहीं मिलती।
  • लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल के डॉक्टर चार्ल्स टियक कहते हैं कि अगर बेडरूम में मोबाइल या लैपटॉप है, तो आम तौर पर लोग उसका इस्तेमाल करते हैं। नतीजा ये होता है कि वो अपनी नींद से समझौता करते हैं।

प्रभात खबर देवघर संपादक के नाम खुला पत्र

प्रभात खबर
प्रभात खबर

संपादक जी!

मैं अपने इस पत्र की शुरुआत जॉन एलिया की इस पंक्ति कि बहुत से लोगों को पढ़ना चाहिए मगर वो लिख रहे है के साथ करना चाहता हूँ। आपकी मौजूदगी, जानकारी और सहमति के साथ इन दिनों प्रभात खबर देवघर संस्करण जिस रास्ते की ओर चल रहा है, उस बाबत आपको यह पत्र लिखने के अलावा मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। बड़े लोग कहते है सबसे मुश्किल होता है सत्य की रक्षा करना और आज के समय में सबसे आसान होता है अपने आप को दलाल बना लेना। सच्चाई, अधिकार, कर्तव्य, जागरूकता, की बात करते करते अखबार कब धनपशुओं की दलाली करने लगा यह पत्रकारिता के छात्रों के लिए शोध का विषय हो सकता है।बहरहाल आप अपने आपको कहाँ पाते है इसका निर्णय का भी अधिकार आपको ही होना चाहिए।अभी की वर्तमान व्यवस्था को देखकर कुछ मौजूं सवाल है जिसे प्रभात खबर की समृद्ध पत्रकारिता को जिंदा रखने के लिए पूछे जाने जरूरी है।इन सवालों के जवाब की जरूरत नही बल्कि आप अपने मन को टटोल लें तो फिर से ये सवाल पूछना ना पड़े।

झारखंड के कृषि मंत्री रंधीर सिंह पर उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र के एक मुखिया ने जातिसूचक शब्द लगाकर गाली गलौज करने संबंधित तहरीर सारठ थाने में दी। आपके संवाददाता द्वारा खबर भी अखबार में भी गयी।फिर देर रात मंत्री आपके कार्यालय पहुंचे और आपने खबर को ड्रॉप करने का निर्णय लिया।मंत्री से मिलने के बाद क्या हुआ जिसकी वजह से पत्रकारिता की हत्या हो गयी।

झारखण्ड के एक चर्चित बड़बोले सांसद के आदेशानुसार आपने लगातार यह फर्जी खबर छापी कि दुरंतो एक्सप्रेस का परिचालन अब जसीडीह होकर किया जाएगा। पत्रकारिता का प्रवेशी छात्र भी यह बता सकता है कि ट्रेन परिचालन संबंधित आधिकारिक जानकारी रेलवे द्वारा दी जाती है।परंतु आपने एक बड़बोले जनप्रतिनिधि को खुश करने के लिए फर्जी खबर लगातार प्लांट की। झारखंड के एक मंत्री पर निजी सेना बनाने का आरोप लगा।आपको जानकारी दी गयी पर आप फिर उस मंत्री से मिले और नतीजा खबर फिर नहीं छपी।

बड़बोले सांसद का खुमार प्रभात खबर पर इस तरह छाया है कि अखबार ने सूखे जमीन पर पानी का नहर बना दिया और किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर फैला दी।चापलूसी के चक्कर में किसी अन्य गांव के किसानों की तस्वीर छाप दी गयी। गांव के लोगों ने प्रभात खबर की प्रतियां जलाई और आपके विरुद्ध नारेबाजी की।पर सांसद के अंधभक्ति में आपने इसे हिकारत भरी नजरों से देखा। एक सुप्रसिद्ध भजन कलाकार ने अपने देवघर यात्रा के दौरान जब आपके कार्यालय आने के अनुरोध को नम्रता से अस्वीकार कर दिया तब आपने उस कलाकार की खबर को अंडरप्ले कर दिया।

आप कहते है कि डीसी पावर हाउस होता है।इसलिए अखबार के लोगों को उस पावर हाउस से बचना चाहिए।पता नहीं आप क्या सोचकर पत्रकारिता में आये थे?प्रभात खबर पत्रकार हरिवंश के उसूलों पर चलने वाला अखबार रहा है और आपने इसे क्या समझा? और भी ऐसे दर्जनों सवाल है जो आपसे पूछे जाने जरूरी है।किसी जनप्रतिनिधि की चाकरी आसान रास्ता है कठिन है पत्रकारिता धर्म की रक्षा करना।सांसद, मंत्री, विधायक सब जनता के समस्याओं के लिए हैं।अपने इस खुले पत्र का समापन मीडिया समीक्षक दिलीप मंडल के फेसबुक पोस्ट से करना चाहूंगा जहां वो लिखते हैं सुबह का अखबार है कभी पढ़ लिया कभी पराठा लपेट लिया और कभी कुत्ते का सुसु सुखाने के काम आ गया।

-एक सुधि पाठक

बॉलीवुड सितारों में क्रिप्ट्रो करंसी का क्रेज़

बॉलीवुड सितारों में क्रिप्ट्रो करंसी का क्रेज़
बॉलीवुड सितारों में क्रिप्ट्रो करंसी का क्रेज़

क्रिप्ट्रो करंसी को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। यह एक डिजिटल मुद्रा है, जो डिजिटल लेनदेन के लिए उपयुक्त होती है। इन दिनों वैसे भी देश में डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है और क्रिप्ट्रो करंसी भी उसी का एक हिस्सा है, जिसमें निवेशक रातों-रात मालामाल हो सकते हैं। आम निवेशक ही नहीं, क्रिप्ट्रो करंसी की तरफ बॉलीवुड की हस्तियों का रूझान भी बढ़ रहा है, जो अपने पैसे का निवेश करना चाहते हैं। क्रिप्ट्रो करंसी के क्रेज़ को देखते हुए सिंगापुर स्थित भारतीय कारोबारी विकास गुप्ता ने गिन्नी आईसीओ यानी इनिशियल कॉइन ऑफर के लॉन्च की घोषणा की है जिसमें भारतीय निवेशक भी शामिल होंगे।

क्रिप्ट्रो करंसी एक डिजिटल संपत्ति है जो क्रिप्ट्रोग्राफी के उपयोग से लेनदेन को सुरक्षित रखती है। विकास गुप्ता कहते हैं कि पूरी प्रक्रिया में कैश या बैंकिंग प्रणाली की कोई प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है। निवेशक इटोरियम भेजते हैं और किसी इंसान के सहभागिता के बिना टोकन तुरंत स्वचलित रूप से उसी वॉलेट में वापस भेज देते हैं। यह एक बहुत ही पारदर्शी प्रक्रिया है, जहां प्रत्येक व्यक्ति यह देख सकता है कि इस स्टार्टअप द्वारा कितना धन बनाया गया है। गुप्ता कहते हैं कि हमें निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, जो हमारी लाइफलाइन हैं इसलिए हमने उन्हें हमसे ज्यादा रिवार्ड देने का फैसला किया है। हम केवल 42 प्रतिशत प्रोफिट ही अपने पास रखेंगे और शेष 58 प्रतिशत निवेशकों को एक अनुमानित अनुपात में रिवॉर्ड स्वरूप दिया जाएगा।

– अनिल बेदाग

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