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मनोज वाजपेई का फर्जी ट्विटर एकाउंट !

manoj bajpayee

बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेई ने गुरुवार को नेटिजंस को उनके नाम से चलाए जा रहे एक ट्विटर अकाउंट को लेकर आगाह किया है। अभिनेता ने अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से उनके नाम से चलाए जा रहे फर्जी अकाउंट के स्क्रीनशॉट साझा किए।

इस फोटोग्राफ के साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यह एक फर्जी अकाउंट है। सावधान रहें।”

वर्कफ्रंट की बात करें तो, बाजपेयी की दिवाली में ‘सुरज पे मंगल भारी’ फिल्म रिलीज हुई है। फिल्म में वह वेडिंग डिटेक्टिव के अवतार में दिख रहे हैं।

एलेक्सा पर जोड़ा गया हिंदी सपोर्ट

alexa hindi

एमेजॉन ने गुरुवार को ऐलान किया कि कंपनी की तरफ से फायर टीवी पर एलेक्सा के लिए एक नए लैंग्वेज सपोर्ट के रूप में अब हिंदी को शामिल किया जा रहा है। इसके तहत फायर टीवी पर एलेक्सा से हिंदी में इंटरैक्शन किया जा सकेगा, स्थानीय भाषा में कई जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी, हिंदी में हजार तरह के स्किल जोड़े जाएंगे इत्यादि। यूजर्स अपने डिवाइस लैंग्वेज के रूप में हिंदी का चुनाव कर फायर टीवी में मेन्यू भी इसी भाषा में देख सकेंगे।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “यूजर्स एलेक्सा वॉयस रिमोट के माध्यम से हिंदी को चुन सकते हैं। इसके लिए उन्हें सेटिंग्स में क्लिक कर फायर टीवी लैंग्वेज के सेटिंग्स में जाना होना, इसके बाद डिवाइस ऑप्शन में जाना होना और फिर डिवाइस लैंग्वेज को चुनना होगा। फायर टीवी के नए ग्राहक अपने डिवाइस बॉक्स को सेट करते वक्त ही भाषा का चयन कर सकते हैं।”

इसके लॉन्च होने से ग्राहक हिंदी में एलेक्सा के माध्यम से गाने, विभिन्न चीजों के बारे में ज्ञान, व्यक्तित्वों से संबंधित जानकारी, स्मार्ट होम, अलार्म, मौसम, न्यूज, स्थानीय चीजों के बारे में छानबीन सहित और भी कई सुविधाओं का लाभ उठा पाने में सक्षम हो सकेंगे। (एजेंसी)

सुदर्शन टीवी का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज

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दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुस्लिमों के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने से संबंधित आगामी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को वापस लिए जाने पर इसे बुधवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति नवीन चावला की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया, जब वकील शादान फरसाट ने यह कहते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी कि इसी तरह का मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।

याचिकाकर्ता सैयद मुज्तबा अतहर और कुछ अन्य लोगों ने अपनी याचिका में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आदेश एक नॉन स्पीकिंग ऑर्डर है।

दलील में आगे कहा गया है कि केबल टीवी अधिनियम की धारा-5, 19 और 20 के तहत कानून के जनादेश और 29 अगस्त को दिए गए आदेश में अदालत के निर्देश के बावजूद, दिया गया आदेश कार्यक्रम संहिता के उल्लंघन के संबंध में कोई आकलन करने में विफल है। यह दलील केबल टीवी अधिनियम की धारा 19 या 20, या तो प्रस्तावित शो या इसके प्रोमो के संबंध में दी गई है।

दलील में कहा गया है, “मूल्यांकन को केवल उत्तरदाता संख्या-2 (सुदर्शन न्यूज) और संख्या-3 (एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाण) के एक बयान पर छोड़ दिया गया है कि प्रोग्राम कोड का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।

कार्यक्रम सुरदर्शन टीवी के ‘बिंदास बोल’ सीरीज का हिस्सा है, जिसे चव्हाण द्वारा पेश किया जाता है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पूर्व में जारी एक आदेश में कहा कि वह किसी कार्यक्रम को पूर्व-सेंसर नहीं कर सकता है और न ही इसे टेलीकास्ट होने से रोक सकता है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया था, “अगर जब कार्यक्रम टेलीकास्ट होता है और कानून का कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो कार्रवाई की जा सकती है।”

बता दें कि इस कार्यक्रम के प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा भंडाफोड़ करने वाला है। (एजेंसी)

उत्तरप्रदेश के दो पत्रकारों पर फेक न्यूज मामले में एफआईआर दर्ज

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फतेहपुर (उप्र)| दो नाबालिग दलित लड़कियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या के बारे में ट्विटर पर फेक न्यूज फैलाने के आरोप में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर धारा सिंह यादव नामक शख्स और एक समाचार चैनल के पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई है। इसकी शिकायत असोथर थाना के प्रभारी रणजीत बहादुर सिंह ने की थी।

सिंह ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि जब वह चिचनी गांव में गश्त पर थे, तब उन्हें पता चला कि एक निजी चैनल के पत्रकार और धारा सिंह यादव ट्विटर पर दो नाबालिग लड़कियों की हत्या की झूठी खबर फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”दोनों लड़कियों की मौत एक तालाब में डूबने से हो गई थी। लेकिन पत्रकार दलित और अन्य समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए फर्जी खबरें फैला रहे थे। पत्रकार ट्विटर पर आधारहीन खबरें फैला रहे थे कि लड़कियों के हाथ और पैर बंधे हुए मिले थे और उनके साथ बलात्कार किया गया और उनकी आंखें निकाल ली गईं। इससे दलित और अन्य समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ रही थी।

उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया कि नाबालिग लड़कियों की डूबने से मौत हो गई और उनकी आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

बता दें कि चिचनी में एक तालाब में दो नाबालिग बहनें मृत पाई गईं थी और परिवार ने बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने कहा था कि लड़कियों की मौत डूबने से हुई है। (एजेंसी)

डिजिटल मीडिया में 26% एफडीआई की अनुमति के लिए एक महीने में देनी होगी सूचना

fdi in digital media

डिजिटल मीडिया में अधिकतम 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) के फैसले के पालन के लिए संस्थानों को एक महीने के अंदर जरूरी सूचनाएं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को देनी होंगी। इसको लेकर मंत्रालय ने सोमवार को पब्लिक नोटिस जारी किया है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 18 सितंबर 2019 को केंद्र सरकार के फैसले का पालन करने के लिए डिजिटल मीडिया के माध्यम से समाचार और करंट अफेयर्स को अपलोड / स्ट्रीमिंग में शामिल करने वाली योग्य संस्थाओं को सुविधा प्रदान करने के लिए यह सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।

सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि 26 प्रतिशत से कम विदेशी निवेश वाली संस्थाओं को एक महीने के भीतर कई तरह की सूचनाएं देनी होंगी।

मसलन, कंपनी, इकाई और उसके शेयरहोल्डिंग पैटर्न के बारे में विस्तृति जानकारी देनी होगी। कंपनी के प्रमोटर्स, निदेशकों, शेयरधारकों के नाम और पते मंत्रालय को उपलब्ध कराने होंगे। इसके साथ ही संस्थान का स्थाई खाता संख्या, ऑडिट रिपोर्ट के साथ नवीनतम प्रॉफिट एंड लॉस बैलेंस शीट की भी सूचना मंत्रालय को देनी होगी।

नोटिस में कहा गया है कि मौजूदा समय जिन संस्थानों में 26 प्रतिशत से अधिक एफडीआई है, उन्हें भी संबंधित सूचनाएं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को उपलब्ध करानी जरूरी है। ऐसे संस्थानों को 15 अक्टूबर, 2021 तक एफडीआई को निर्धारित सीमा 26 प्रतिशत के नीचे लाकर मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। प्रत्येक संस्थान को निदेशक मंडल और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की नागरिकता की शर्तो का भी पालन करना होगा। (एजेंसी)

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