इसे कहते है एक तीर से दो निशाना, वापसी करते ही सुधीर चौधरी ने दिल्ली रेप कांड को नया मोड़ दे दिया.
साथ ही उनके खुद के घुसखोरी के आरोपों पर इस घटना के माध्यम से पर्दा डालने का रास्ता भी तलाश लिया.
अब कम से कम मीडिया जगत के कई दिग्गजो की राय उनके बारे में बटती व बदलती नज़र आ रही है वही पलटवार करते हुए चौधरी ने घटना के चश्मदीद गवाह के आसरे दिल्ली पुलिस व दिल्ली सरकार को समाज के कठघरे मे खड़ा कर दिया है जहाँ दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार बेबस नजर आ रहे है.
(विकास ऋषि के फेसबुक वॉल से )
फर्ज कीजिये दामिनी का दोस्त सुधीर चौधरी को कहता कि आपको ये नैतिक अधिकार नहीं !
लंबे समय तक जेल में रहने के कारण जी न्यूज के संपादक औऱ बिजनेस हेड सुधीर चौधरी का चेहरा जो लोग नहीं देख पा रहे थे, अब देख पा रहे हैं. उन्हें लख-लख बधाई. वैसे भी चैनल के संपादक की शोभा न्यूजरुम में अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहने में ही है न कि अन्याय और भ्रष्टाचार करने पर जेल चले जाने से. कुछ अपराधियों को तो अपराध से मुक्त रखा ही जा सकता है. है कि नहीं ?
फर्ज कीजिए कि दामिनी का दोस्त सुधीर चौधरी से कहता- आपको ये नैतिक अधिकार नहीं है कि आप अन्याय के खिलाफ हमसे सवाल कर सकें. ये अधिकार आप खो चुके हैं तो वाकई हिन्दी सिनेमा का कोई सुपरहिट डायलॉग हो जाता लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया. कुछ बुद्धिजीवी फिल्मकारों के भरोसे छोड़ दिया.
Poojaditya Nath सुधीर चौधरी को देख के एक राजस्थान कि कहावत याद आ गयी… “नकटे तेरी नाक कटी? नाता बोला नहीं, वो तो और ऊंची हो गयी.” सुधीर चौधरी बेहतरीन अदाकार हैं…पत्रकार नहीं अदाकार….