चुपके – चुपके बड़े – बड़े काम हो जाते हैं और किसी को पता भी नहीं चलता. आजतक में ऐसा ही हुआ. कुछ लोगों की विदाई हुई तो एक बड़ी नियुक्ति भी. सबकुछ बड़ी शांति से. किसी को कुछ पता ही नहीं चला.
कॉरपोरेट वर्ल्ड में इसे मैनेजमेंट की कार्यकुशलता ही माना जाएगा और आजतक के चैनल हेड (मैनेजिंग एडिटर) सुप्रिय प्रसाद इसके माहिर खिलाड़ी हैं.
पहले अभिसार शर्मा और फिर आजतक के प्रमुख एंकर अजय कुमार के जाने के बाद जब रिप्लेसमेंट की जरूरत महसूस हुई तो उन्होंने बड़ी समझदारी से सीधे पुण्य प्रसून बाजपेयी को ही आजतक के न्यूज़रूम में उतारकर विरोधी चैनलों को सकते में डाल दिया.