प्रेस विज्ञप्ति
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में “वर्तमान परिदृश्य में सामुदायिक रेडियो की प्रासंगिकता” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। शुभारंभ सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.के. कुठियाला ने कहा कि सामुदायिक रेडियो ही सामाजिक संवाद के लिए प्रभावी वैकल्पिक मीडिया हो सकता है क्योंकि मुख्यधारा के मीडिया की अपनी सीमाएं है। इलेक्ट्रॉनिक मीडया विभाग द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी के पहले दिन चार सत्रों में देश के विभिन्न क्षेत्रों के सामुदायिक रेडियो संचालक एवं प्रोफेशनल्स ने उद्बोधन दिया। दो दिवसीय संगोष्ठी में देश के विभिन्न क्षेत्रों के सामुदायिक रेडियो संचालक एवं प्रोफेशनल्स ने उद्बोधन दिया। जम्मू (कश्मीर) के शारदा सामुदायिक रेडियो के संस्थापक निदेशक रमेश हांगलू ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि सीमित भौगौलिक दायरे में आने वाले समुदाय के लिए प्रसारण चुनौतिपूर्ण तो है लेकिन रोमांच और आनंददायक भी है। आजाद हिंद रेडियो के प्रमुख श्री इलाशंकर गुहा ने विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडियो के संचालन और तकनीकी से परिचय कराया। बुंदेलखंड के ललित लोकवाणी रेडियो के मृदुल श्रीवास्तव, मध्यभारत से चंदेरी की आवाज रेडियो के सुदेश सोमैया ने भी संगोष्ठी में अपने विचार और अनुभव रखे।