मॉरिशस में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित हुए मनोज भावुक

युवा कवि मनोज भावुक मॉरिशस में सम्मानित
युवा कवि मनोज भावुक मॉरिशस में सम्मानित

युवा कवि मनोज भावुक मॉरिशस में सम्मानित
युवा कवि मनोज भावुक मॉरिशस में सम्मानित
गत दिनों मॉरिशस में वहां के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने युवा कवि मनोज भावुक को अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गौरव सम्मान, मॉरिशस 2014 से नवाज़ा। मनोज को यह सम्मान विश्व स्तर पर भोजपुरी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार और अपने बहुमूल्य और बहुआयामी लेखन से भोजपुरी साहित्य और वृहत्तर अर्थ में हिंदी साहित्य को समृद्ध करने के लिए प्रदान किया गया।

विदित है कि मनोज ने अफ्रीका और ग्रेट ब्रिटेन आदि देशों में भोजपुरी एसोशिएशन की स्थापना की और सात समुन्दर पार बसे लोगों को भोजपुरी साहित्य व भोजपुरी संस्थानों से जोड़ा।

मनोज गिरमिटिया मज़दूरों के आगमन की 180वीं जयंती पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन में भाग लेने मॉरिशस गए थे जहाँ महात्मा गांधी संस्थान में उद्घाटन के अवसर पर मॉरीशस के राष्ट्रपति कैलाश पुरयाग ने कहा कि भोजपुरी मात्र भाषा ही नहीं बल्कि पूर्वजों के द्वारा उत्तराधिकार में दिया गया संस्कार है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज भारत से आए थे, इसलिए मैं भी भारतवंशी हूं।

श्री कैलाश पुरयाग ने मनोज भावुक के भोजपुरी ग़ज़ल-संग्रह ” तस्वीर जिंदगी के ” का विमोचन भी किया।

इस छः दिवसीय हिंदी – भोजपुरी अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में अलग-अलग विषयों पर कई सेमीनार हुए जिसमें मनोज भावुक ने भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर एक डॉक्यूमेंटरी दिखाई और पेपर पढ़ा जिसकी दुनिया के 18 देशों से आये प्रतिनिधियों ने जमकर तारीफ़ की। इस सत्र की अध्यक्षता श्री अरुणेश नीरन ने की जबकि वक्ता थे पत्रकार अरविन्द गुप्ता और लोक गायिका मालिनी अवस्थी।

अफ्रीका के प्रवेश द्वार और हिन्द महासागर के किनारे बसे सिंधु में बिंदु जैसे लगने वाले इस खूबसूरत देश में मॉरिशस सरकार और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से एक प्रवासी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मनोज भावुक ने मॉरिशस गए गिरमिटिया मजदूरों के संघर्ष और जिजीविषा पर केन्दित अपनी भोजपुरी ग़ज़लें पढ़कर समा बांध दिया। कवि सम्मेलन में मनोज के अलावा सासाराम के डॉ. बीबी सिंह, आरा के डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह, डॉ. नीरज सिंह, अमेरिका की विभा पांडे, डॉ. गुरुचरण सिंह ने काव्य पाठ से श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया।

इस अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में मॉरिशस के अलग -अलग लोकेशंस पर साहित्य, संस्कृति और संगीत के अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित थे।
इसी अवसर पर 2 नवम्बर को अप्रवासी घाट पर एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भावुक होकर कहा कि यह दिवस आभार अभिव्यक्ति का समारोह ही नहीं, बल्कि अतीत के दर्शन की यात्रा भी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.