डॉ.मुसाफिर बैठा
ऑनलाइन शॉपिंग फेसिलिटेट करने वाली साइटें अपने उपभोक्ता को लुभाने, संतुष्ट करने के चक्कर में काफी कुछ कर रही हैं। एक मजेदार वाकया मेरे साथ हुआ है। शायद आप में से भी कुछ लोग मुफ्त भुगतान के ‘भोगी’ हों!
मैंने COD मोड में ₹500 का POWER BANK फ्लिपकार्ट से पटना मंगवाना चाहा। ऑर्डर ले लिया गया। पर इस बीच उसका सेल टैक्स आदि का कोई पंगा बिहार से हो गया और सामान की डेलिवरी यहाँ रोकनी पड़ी। कोई 8-10 दिन के इन्तजार के बाद फ्लिपकार्ट ने मेरा ऑर्डर कैंसल कर दिया और sms एवं email की मार्फत यह सूचना देते हुए कहा कि आपको हुई असुविधा की क्षतिपूर्ति के लिए हम आपकी वॉलेट में ₹150 डाल रहे हैं जिसे आप हमारे यहाँ से अगली किसी खरीदारी में उपयोग कर सकते हैं।
पुनः कल मेरी wallet में ₹350 डालने का sms एवं ईमेल अंग्रेजी में आया है जिसका आशय यह है : “हम समझते हैं आपकी क्षतिपूर्ति ₹150 मात्र से नहीं हो पा रही थी अतः हम ₹350 और आपकी वॉलेट के हवाले कर रहे हैं।”
यानी कि जो ₹500 मैंने खरचे ही नहीं थे, उसकी भी क्षतिपूर्ति की गयी है, केवल करार पूरा न करने के चलते!
बाजार के भी अपने पैंतरे हैं। ग्राहकों के पौ बारह भी कभी हो जाते हैं!