सुशांत सिन्हा,एंकर,एनडीटीवी इंडिया
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक प्रसार भारती में 20 हजार पद सालों से खाली पड़े हैं जिनमें से 8000 वेकेन्सीज़ तो अकेले दूरदर्शन में हैं… सालों से टेक्निकल स्टाफ़ भरे जाते रहे हैं लेकिन पत्रकार नहीं… दुनियाभर के युवा पत्रकार नौकरी की तलाश में इधर से उधर धक्का खा रहे हैं… चैनल खुलते हैं, बंद हो जाते हैं.. ऐसे में वहां से बेरोज़गार होने वालों की भीड़ अलग…
जब सालों से ये तय है कि प्रसार भारती का एक नियुक्ति बोर्ड बनेगा जो नियुक्तियां करेगा तो सरकारों ने अपनी पैठ बनाए रखने के लिए उसे क्यों नहीं बनने दिया?
आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि इस वक्त मीडिया फील्ड में कितने ऐसे युवा हैं जिन्हें इन नौकरियों की ज़रूरत है। दूरदर्शन की स्थिति भी सुधरेगी अगर पत्रकार और प्रोफ़ेश्नल आएंगे तो और साथ हीं इन बेरोज़गार युवाओं की भी।
(स्रोत-एफबी)