डीडी किसान टीवी मकरसंक्रांति यानी 14 नवंबर को लॉन्च होगा.इस चैनल के माध्यम से कृषि सम्बन्धी वैज्ञानिक तकनीक, नवीन अनुसंधान के अलावा पारम्परिक लोकगीत, लोक कलाएँ व क्षेत्रीय भाषा में मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे।
इस बाबत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय ‘ब्रेन स्टॉर्मिंग’ कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डीडी किसान टीवी चैनल के सलाहकार नरेश सिरोही ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों तक सूचना पहुँचा कर उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से किसान चैनल शुरू करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हरित क्रांति के बाद देश के लोगों का पेट तो भरने लगा है लेकिन मिट्टी, जल व पर्यावरण के प्रदूषित होने के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। किसान चैनल के माध्यम से लोगों को सही जानकारी मिलेगी और दूसरी हरित क्रांति में किसान चैनल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण पारम्परिक कलाकारों जैसे कुम्हार, बढ़ई आदि के साथ-साथ पारम्परिक लोकगीत व लोककलाएँ लुप्त हो रही हैं और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए इस चैनल के माध्यम से हर संभव प्रयास किया जाएगा, जिसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गयी हैं।
कार्यक्रम में प्रसार भारती नई दिल्ली के उपमहानिदेशक शिवाजी फुलसुंदर ने किसान चैनल के माध्यम से किसानों के उत्थान हेतु उठाये जाने वाले कदमों से अवगत कराया। उन्होंने किसान चैनल की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए इसकी प्रमुखता की जानकारी दी। बता दें कि किसान चैनल पर बीएचयू के कृषि वैज्ञानिकों को भी जोड़ा जायेगा और यहाँ होने वाले शोधों को चैनल के माध्यम से किसानों तक पहुँचाया जायेगा।
(स्रोत-डीएनए)