मीडिया खबर डॉट कॉम ने कई वर्ष पहले मुंबई में एक सेमिनार का आयोजन किया था. वहां चर्चा का विषय रखा था – फिल्म पत्रकारिता या पीआर पत्रकारिता. हालांकि वहां आये फिल्म पत्रकारों ने पीआर पत्रकारिता की बात नहीं मानी. उनका कहना था कि सोशल मीडिया के ज़माने में इसको गुंजाइश कम है और फ़िल्मी सितारे खुद ही अपनी फिल्म की इतनी पीआर कर देते हैं कि दूसरों के लिए संभावना बहुत कम होती है.लेकिन शायद उनकी बात गलत थी. इसका प्रमाण उस वक़्त दिखाई दिया जब पत्रकार से फिल्मकार बने अविनाश दास की फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के पहले दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की रिपोर्ट आयी. उस रिपोर्ट में फिल्म की शानदार ओपनिंग की बात बताई गयी और कई बड़ी वेबसाइटों पर पहले दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 10 करोड़ लिखा गया. यहाँ तक कि अनुष्का की फिल्म ‘फिल्लौरी’ से आगे भी बताया गया. लेकिन ये रिपोर्ट तब झूठी साबित हो गयी जब असल बॉक्स ऑफिस के आंकड़े बॉलीवुड हंगामा जैसी प्रतिष्ठित सिनेमा साईट पर आयी. उसमें बताया गया कि ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ ने पहले दिन सिर्फ 10 लाख ही कमाए और ये एक सुपर फ्लॉप मूवी है. अंतिम रिपोर्ट आने तक फिल्म ने महज 80 लाख का कारोबार ही किया था.कहने का अभिप्राय है कि मीडियावालों ने 10 लाख की अनारकली को 10 करोड़ का बना दिया और खुद की हैसियत चवन्नी भर के कर ली.बहरहाल इसी मुद्दे पर ‘अश्वनी कुमार श्रीवास्तव’ ने सोशल मीडिया पर लिखा –
‘अनारकली ऑफ़ आरा’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप है या सुपर हिट
दैनिक भास्कर जैसे हिंदी अख़बार में बड़े पद पर पत्रकार रह चुके अविनाश दास की पहली फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप है या सुपर हिट, कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है…
पत्रकार से फ़िल्मकार बने अविनाश की फिल्म के बॉक्स ऑफिस आंकड़े न जाने कौन से सूत्रों से मीडिया को मिल रहे हैं कि दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे अखबारों ने जहाँ उसी दिन रिलीज़ हुई अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘फिल्लौरी’ को ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के सामने फिसड्डी बता दिया, वहीँ बॉलीवुड में बॉक्स ऑफिस की विश्वसनीय रपट देने वाली वेबसाइट ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ को बॉक्स ऑफिस पर सुपर फ्लॉप और ‘फिल्लौरी’ को औसत करार दे भी चुकी हैं।
दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और अमर उजाला में तो बाकायदा बॉक्स ऑफिस आंकड़े देते हुए ख़बरें चलाई गई हैं कि कुल 4 करोड़ में बनी अविनाश की फिल्म के पहले दिन की बॉक्स ऑफिस की कमाई 10 करोड़ है…इसी के साथ आज तक जैसी कुछ और वेबसाइट ने भी 10 करोड़ ही लिखा ….
हालाँकि फिर जब आईएमडीबी और बॉलीवुड हंगामा जैसी वेबसाइट ने फिल्म की पहले दिन की कमाई महज 10 लाख रुपये बताई तो आज तक ने भी इसे बदल कर अब 10 लाख ही कर दिया है…
मीडिया में फैली इतनी भारी गफलत के बावजूद फिल्म के निर्माता की तरफ से फिल्म रिलीज़ होने के तीन दिन बाद भी बॉक्स ऑफिस आंकड़े नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं जबकि अनारकली ऑफ़ आरा के साथ ही रिलीज हुई फिल्लौरी के बॉक्स ऑफिस आंकड़े बराबर आ रहे हैं…
अगर वाकई अनारकली ऑफ़ आरा ने अपने बजट की दोगुनी कमाई पहले दिन ही कर ली है तो यह बेहद बड़ी कामयाबी ही मानी जायेगी। इससे फिल्म के सुपरहिट होने की पूरी उम्मीद भी लगाई जा सकती है। लेकिन महज 10 लाख रुपये ही इस फिल्म ने पहले दिन कमाए हैं तो अनारकली ऑफ़ आरा को अपनी लागत तो दूर, एक करोड़ रुपया कमा पाना भी मुश्किल ही होगा।यही नहीं, मीडिया से मिल रही चौतरफा वाहवाही और बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन 10 करोड़ कमा लेने की मीडिया की प्लांटेड ख़बरों से भी यह फ़िल्म सुपरहिट में नहीं बदल पाएगी।
पत्रकार होने के नाते अविनाश दास की फिल्म की कामयाबी की कामना बाकी पत्रकारों की ही तरह मैंने भी की थी लेकिन लगता है कि भास्कर, जागरण और अमर उजाला के पत्रकारों ने पत्रकार धर्म को ताक पर रख कर मित्रता धर्म निभाते हुए अविनाश दास की कामयाबी के लिए फर्जी आंकड़ों से भरी खबर ही प्लांट करा दी।
वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट जिस फिल्म की पहले दिन की कमाई को महज 10 लाख रुपये और फिल्म को फ्लॉप बताये….वहीँ दूसरी तरफ हिंदी के अख़बार उसी फिल्म को फिल्लौरी की पहले दिन की कमाई 4 करोड़ के मुकाबले अनारकली की कमाई 10 लाख से सीधे 10 करोड़ पहुंचा कर फिल्म को सुपरहिट ही घोषित कर दें।
जबकि बॉक्स ऑफिस के वास्तविक आंकड़े मिलने में इतनी बड़ी गलती होने की गुंजाईश न के बराबर ही है।
ऐसे में बेहतर तो यही होगा कि फिल्म के निर्माता खुद ही बॉक्स ऑफिस के आंकड़ें जारी कर दें ताकि हम सभी को पता चल सके कि आखिर मीडिया में यह परस्पर विरोधाभासी ख़बरें चलने और बॉक्स ऑफिस आंकड़ों में इतना भारी अंतर आने की वजह क्या है? आखिर कौन सही जानकारी दे रहा है और कौन गलत?
हालाँकि मीडिया से बाहर बैठे लोगों को शायद यह गलती मामूली लगे लेकिन पत्रकार और बुद्धिजीवी अच्छी तरह से जान-समझ रहे हैं कि पत्रकारों द्वारा मित्रता और शत्रुता निभाने का यही खेल तो मीडिया और पत्रकारों को जनता की नजर में दलाल में बदल चुका है।
दैनिक भास्कर जैसे हिंदी अख़बार में बड़े पद पर पत्रकार रह चुके अविनाश दास की पहली फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप है या सुपर हिट, कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है…
पत्रकार से फ़िल्मकार बने अविनाश की फिल्म के बॉक्स ऑफिस आंकड़े न जाने कौन से सूत्रों से मीडिया को मिल रहे हैं कि दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे अखबारों ने जहाँ उसी दिन रिलीज़ हुई अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘फिल्लौरी’ को ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के सामने फिसड्डी बता दिया, वहीँ बॉलीवुड में बॉक्स ऑफिस की विश्वसनीय रपट देने वाली वेबसाइट ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ को बॉक्स ऑफिस पर सुपर फ्लॉप और ‘फिल्लौरी’ को औसत करार दे भी चुकी हैं।
दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और अमर उजाला में तो बाकायदा बॉक्स ऑफिस आंकड़े देते हुए ख़बरें चलाई गई हैं कि कुल 4 करोड़ में बनी अविनाश की फिल्म के पहले दिन की बॉक्स ऑफिस की कमाई 10 करोड़ है…इसी के साथ आज तक जैसी कुछ और वेबसाइट ने भी 10 करोड़ ही लिखा ….
हालाँकि फिर जब आईएमडीबी और बॉलीवुड हंगामा जैसी वेबसाइट ने फिल्म की पहले दिन की कमाई महज 10 लाख रुपये बताई तो आज तक ने भी इसे बदल कर अब 10 लाख ही कर दिया है…
मीडिया में फैली इतनी भारी गफलत के बावजूद फिल्म के निर्माता की तरफ से फिल्म रिलीज़ होने के तीन दिन बाद भी बॉक्स ऑफिस आंकड़े नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं जबकि अनारकली ऑफ़ आरा के साथ ही रिलीज हुई फिल्लौरी के बॉक्स ऑफिस आंकड़े बराबर आ रहे हैं…
अगर वाकई अनारकली ऑफ़ आरा ने अपने बजट की दोगुनी कमाई पहले दिन ही कर ली है तो यह बेहद बड़ी कामयाबी ही मानी जायेगी। इससे फिल्म के सुपरहिट होने की पूरी उम्मीद भी लगाई जा सकती है। लेकिन महज 10 लाख रुपये ही इस फिल्म ने पहले दिन कमाए हैं तो अनारकली ऑफ़ आरा को अपनी लागत तो दूर, एक करोड़ रुपया कमा पाना भी मुश्किल ही होगा।
यही नहीं, मीडिया से मिल रही चौतरफा वाहवाही और बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन 10 करोड़ कमा लेने की मीडिया की प्लांटेड ख़बरों से भी यह फ़िल्म सुपरहिट में नहीं बदल पाएगी।
पत्रकार होने के नाते अविनाश दास की फिल्म की कामयाबी की कामना बाकी पत्रकारों की ही तरह मैंने भी की थी लेकिन लगता है कि भास्कर, जागरण और अमर उजाला के पत्रकारों ने पत्रकार धर्म को ताक पर रख कर मित्रता धर्म निभाते हुए अविनाश दास की कामयाबी के लिए फर्जी आंकड़ों से भरी खबर ही प्लांट करा दी।
वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट जिस फिल्म की पहले दिन की कमाई को महज 10 लाख रुपये और फिल्म को फ्लॉप बताये….वहीँ दूसरी तरफ हिंदी के अख़बार उसी फिल्म को फिल्लौरी की पहले दिन की कमाई 4 करोड़ के मुकाबले अनारकली की कमाई 10 लाख से सीधे 10 करोड़ पहुंचा कर फिल्म को सुपरहिट ही घोषित कर दें।
जबकि बॉक्स ऑफिस के वास्तविक आंकड़े मिलने में इतनी बड़ी गलती होने की गुंजाईश न के बराबर ही है।
ऐसे में बेहतर तो यही होगा कि फिल्म के निर्माता खुद ही बॉक्स ऑफिस के आंकड़ें जारी कर दें ताकि हम सभी को पता चल सके कि आखिर मीडिया में यह परस्पर विरोधाभासी ख़बरें चलने और बॉक्स ऑफिस आंकड़ों में इतना भारी अंतर आने की वजह क्या है? आखिर कौन सही जानकारी दे रहा है और कौन गलत?
हालाँकि मीडिया से बाहर बैठे लोगों को शायद यह गलती मामूली लगे लेकिन पत्रकार और बुद्धिजीवी अच्छी तरह से जान-समझ रहे हैं कि पत्रकारों द्वारा मित्रता और शत्रुता निभाने का यही खेल तो मीडिया और पत्रकारों को जनता की नजर में दलाल में बदल चुका है।