बिहार टॉपर घोटाले पर पूरे देश में हडकंप मचा. उससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. आजतक और उसके पटना संवाददाता सुजीत कुमार झा की रिपोर्ट को चौतरफा वाहवाही मिली. लेकिन अभी वाहवाही का दौरा थमा भी नहीं कि बिहार में खबरनवीसों के बीच एक नए विवाद ने जन्म ले लिया. विवाद टॉपर घोटाले की खबर के क्रेडिट को लेकर है. पटना के पत्रकारों का एक धड़ा अप्रत्यक्ष तौर पर आजतक और सुजीत कुमार झा पर उंगली उठा रहा है और इस खबर का क्रेडिट चंद्रमणि और मधुप नाम के दो स्थानीय पत्रकारों को दे रहे हैं.बिहार के एक वेबसाईट ने तंज कसते हुए इसे खबर की लूट तक करार दिया. इसी पर आजतक के सुजीत कुमार झा ने भी पलटवार करते हुए फेसबुक पर लिखा – (संदर्भ – बिहार में जब खबर की ही हो गई ‘लूट’)
खिसियानी बिल्ली ….
टॉपर्स मामले में तीन दिन तक किसी चैनल के पास कोई विसुअल्स नहीं था। आजतक ने बड़ी मजबूती से इस मुद्दे को उठाया जिसकी वजह से सरकार ने कार्रवाई शुरू की। इसके बाद बाक़ी चैनलो की नींद खुली और खबर में पिछड़ने के बाद पटना के वरिष्ठ पत्रकार अब रियल हीरो की खोज में लग गए है। ताकि आजतक को पूरा क्रेडिट न मिले। पर ये भूल रहे है की दर्शको को पता है खबर को किसने उठाया है।
भाई लोग दो चैनलो के पत्रकारो का नाम तो ले रहे है लेकिन आजतक के वैशाली के प्रतिनिधि संदीप का नाम क्यों नहीं ले रहे है जबकि स्टोरी को करने में उसका महत्वपूर्ण योगदान है। उसका नाम इसलिए नहीं लिया जा रहा है क्योंकि वो आजतक से जुड़ा हुआ है? ये कहाँ की ईमानदारी है। जो लोग लिख रहे है उनको ये पता होना चाहिए की ये एक दिन में की गई स्टोरी नहीं है।
9 मई को साइंस का रिजल्ट आया उसके कई दिनों बाद आर्ट्स का रिजल्ट आया। उसको ये भी पता नहीं होगा की स्टोरी की प्लानिंग पिछले साल के रिजल्ट के समय ही हुई थी जब विशुन राय कॉलेज के 222 छात्रो को एक ही नंबर आया थ। इस साल ये पहले से तय किया गया था का अगर टॉपर्स विशुन राय कॉलेज के होंगे तो स्टोरी की जायेगी।
आजतक ने इसके लिए प्लांनिग की लेकिन दुसरो ने क्या किया ये सबने देखा। अब इस मामले में सरकार कार्रवाई कर रही है तो उसका पूरा श्रेय आजतक को जाता है।