विनीत कुमार
ये पाखंड की पराकाष्ठा है जिसे चैनल प्राइम टाइम में पेश कर रहा है.जाहिर है ऐसे में अगर आप सवाल करते हैं कि इस तरह के असामाजिक काम क्यों कर रहे हैं तो उनको बना-बनाया जवाब होगा कि लोग देखना चाहते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि लोग देखना चाहें या न चाहें, मीडिया के खुद का यकीन भी इन्हीं पाखंड़ों पर है.हद है.और दिलचस्प है कि इस पैकेज में आधे से ज्यादा फुटेज कार्टून के हैं.
एक बात आप और गौर कर रहे होंगे कि सुधीर चौधरी के जी न्यूज में आने से पहले ये हिन्दी का अकेला ऐसा चैनल था जो ज्योतिष,पाखंड़-अंधविश्वास से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण नहीं करता था. यहां तक कि निर्मल बाबा का भी नहीं लेकिन सुधीर चौधरी के आते ही ये चैनल पाखंड़ का पर्याय बनता चला जा रहा है.
(फेसबुक से साभार)