समस्तीपुर में हिन्दुस्तान को अपना स्तर थोड़ा बढ़ाना चाहिये

विवेक कुमार सिन्हा

बिहार की राजनीति में समस्तीपुर जिला एक विशेष पहचान रखता है। लोकतंत्र में चुनाव और चुनाव में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। बिहार में हिन्दुस्तान अखबार बेशक नंबर वन के पोजीशन पर काबिज है लेकिन चुनावी सीजन में प्रतिस्पर्धा अखबारों की तुलना में उसे पाठकों का विश्वास जीतना होगा तथा खुद की ताकत का अंदाजा लगाना होगा। लालू प्रसाद के जेल जाने एवं नमो के हुंकार रैली को लेकर बिहार में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी है और सभी प्रमुख राजनीतिक दल आगामी लोस चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है।

बिहार की ‘मीडिया मंडी’ में भी समस्तीपुर जिला एक महत्वपूर्ण और चर्चित जिला है जहां हिन्दुस्तान अखबार कई दशक से नंबर वन बना हुआ है। प्रबंधन द्वारा भी इस जिले का ख्याल रखने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जाता है लेकिन पता नहीं किसके नीयत में खोट है कि इस महत्वपूर्ण जिले को चलाने के लिए एक कुशल टीम लीडर नहीं मिल पा रहा है। हाल के दिनों में समस्तीपुर कार्यालय में कई बदलाव किये गये लेकिन यहां जो भी आये चल नहीं सके। इस जिले के पाठक काफी सजग और यह खूब समझते हैं कि एक अच्छे अखबार को किस तरह निष्पक्ष होकर समाचार परोसनी चाहिये।

राष्ट्रीय जनता दल बिहार की राजनीति में एक प्रमुख पार्टी है और समस्तीपुर जिला कभी राजद का गढ़ माना जाता था। जिले में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल का जिला कार्यकत्र्ता सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ। हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण और प्रभात खबर एवं अन्य ने राजद के जिलास्तरीय सम्मेलन से संबंधित समाचार प्रस्तुत किये। लेकिन बिहार का नंबर बन हिन्दुस्तान में सम्मेलन से संबंधित समाचार की प्रस्तुति से उसकी निष्पक्षता पर अंगुली उठने लगी है। तस्वीरों के चयन में भी राष्ट्रीय जनता दल के साथ बेईमानी की गई है। इस मामले में विस्तार से लिखने के बदले यही कहना ज्यादा बेहतर होगा कि अगर हिन्दुस्तान प्रबंधन को समस्तीपुर जिले में राजद की हैसियत और अपने प्रदर्शन का आकलन करना है तो इसके लिये 21 अक्टूबर रविवार के हिन्दुस्तान, जागरण एवं प्रभात खबर के समस्तीपुर संसकरण में तुलनात्मक मिलान करना होगा। ऐसा करने से उन्हें खुद समझ में आ जायेगा कि समस्तीपुर जिले के पाठकों को किस स्तर के समाचार परोसे जा रहे हैं।

इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि भले ही वर्तमान ब्यूरो चीफ की इस जिले में दूसरी पारी हो लेकिन उन्हें इस जिले की राजनीति का एबीसीडी तक पता नहीं है। अगर पता होता तो वे समस्तीपुर जिले की राजनीति में राजद की हैसियत के मुताबिक समाचार परोसते और यदि उन्हें यहां की राजनीतिक समझ है तो राजनीतिक दलों के बीच जारी कड़ी प्रतिस्पद्र्धा के दौड़ में राजद जैसी पार्टी के जिला सम्मेलन को साधारण ढ़ंग से लेना उनकी लापरवाही का परिचायक है। हिन्दुस्तान की मंशा कभी भी विवादों में पड़नेवाली नहीं रही है लेकिन अनुभवहीनता में राजनीतिक दलों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिये। यही अच्छी पत्रकारिता होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.