आलोक कुमार
मिशनरी तेजपाल ने फिर मिसाल कायम किया। हम मीडियाकर्मियों को उसका आभारी होना चाहिए। यह जानते हुए कि मीडिया में बरसों से तेजपाल पल रहे हैं। खासकर टीवी न्यूज चैनलों में तेजपालों की कहीं कोई कमी नहीं। मगर तेजपाल से कमतर को आरोपी बनाकर जूतिआया जाता, तो अफसोसनाक होता। छोटे चोर की कुटाई की आवाज संवेदना भडकाने के बजाय चंडूखाने की मिमियाहट बनकर रह जाती। ऐसे मौकों पर कॉलर पकडकर मां बहन करने वाली कुछ महिला मित्रों से अपना वास्ता है जो व्यवहारिक जिंदगी में मेरी तरह ही मौन रहने का जुर्म करती रही हैं, नौकरी पाने और बचाने के नाम पर। तेजपाल की हालत देख मीडिया के घोषित जुल्मी सहमे हैं। दुआ करता हूं कि प्रतीक के तौर पर तेजपाल की दुर्दशा हो जिससे गुंडे सहमे रहें।
(स्रोत-एफबी)