जी जिंदगी चैनल ने पाकिस्तानी टीवी सीरियलों( पीटीवी) के माध्यम से भारतीय टीवी दर्शकों के बीच जो अपनी अलग पहचान बनाई है, वो इसे भुला पाएगा ? जिस बेहूदगी से जी नेटवर्क का चैनल जी न्यूज लगातार युद्ध की तरफदारी कर रहा है, क्या उससे ये सवाल नहीं किया जाना चाहिए कि-
– अगर पाकिस्तान के लोग इस देश के दुश्मन हैं तो फिर वो दुश्मन देश के टीवी सीरियल क्यों प्रसारित करता रहा है ?
– यदि पाकिस्तान की संस्कृति देशद्रोह की संस्कृति है तो वो क्या अब तक वहां की संस्कृति पर आधारित सीरियलों का प्रसारण करके देश के दर्शकों को देशद्रोह बनाने का काम नहीं करता रहा है ?
– यदि स्त्रियों का तार्किक होना, अपने हक की बात करना दुश्चरित्र होना है तो क्या जी जिंदगी पाकिस्तान के सीरियलों का प्रसारण करके भारतीय स्त्री दर्शकों को चरित्रहीन हो जाने के लिए नहीं उकसाता आया है ?
– यदि पाकिस्तान की संस्कृति भारतीय संस्कृति से न केवल उलट है बल्कि इसके हित में नहीं है तो क्या जी नेटवर्क ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण करके अपने ही देश के दर्शकों से अपनी संस्कृति से दूर कर दुश्मन देश की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दे रहा ?
( ये सारे सवाल आप में से किसी को भी बकवास लग सकते हैं, मुझे भी लेकिन इसी समूह का एक चैनल जब पाकिस्तान के बहाने भारतीय दर्शकों को बदहवास, उग्र और विवेकहीन बनाने का काम करने लग जाए , ऐसे में ये सवाल तो जरूर ही बनते हैं कि फिर क्यों जी जिंदगी के माध्यम से ये समूह पाकिस्तान के लोकप्रिय सीरियलों का प्रसारण करता रहा ? क्या इसका अर्थ ये न लगाया जाए कि न्यूज चैनल का बिजनेस पाकिस्तान के बहाने जहर उगलने में है और वहीं मनोरंजन चैनल का राजस्व अलग किस्म के पाकिस्तान के सीरियल दिखाने से है. चैनल की राष्ट्रभक्ति बैलेंस शीट से तय होती है न कि स्वाभाविक तौर पर ?
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