इंडिया टीवी के चुनाव मंच पर वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम द्वारा योगी आदित्यनाथ के इंटरव्यू के बाद उनके इंटरव्यू से ज्यादा उस दौरान उनके पेशानी पर आए पसीने की ज्यादा चर्चा हो रही है.इसीपर अजीत अंजुम अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं –
1-पसीने -पसीने की बात है …इससे पहले किसी इंटरव्यू के बाद पसीना विमर्श कब हुआ था ? होगा कैसे …कभी किसी एंकर को किसी गेस्ट से इतना डर ही नहीं लगा होगा ..मैं जवाब सुनकर इतना डरा …इतना डरा …कि पसीने -पसीने हो गया …और मेरे पसीने से ‘ वो सब’ इतने ख़ुश हुए कि सोशल मीडिया पसीना पसीना हो गया …शुक्र है …बेहोश न हुआ …
इस पसीने की क़ीमत तुम क्या जानो भाई …
2-अगली बार जब भी योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू करूँगा तो पसीना आपदा प्रबंधन की मदद लूँगा…मैं नहीं चाहता कि योगी आदित्य नाथ के जवाब से थर थर काँपती हुई मेरी तस्वीर टीवी पर दिख जाए …
3-सोशल मीडिया पर बहुत से लोग बता रहे हैं कि मुझे योगी से क्या पूछना चाहिए था …क्या नहीं …
मैं आप सबकी सलाह का स्वागत करता हूँ …लेकिन अतिवाद तो बहुतों की सलाह में भी है
एक तरफ़ के लोग कह रहे हैं कि मुझे सार्थक सवाल पूछना चाहिए था और दूसरी तरफ़ के कुछ लोगों को लग रहा है कि मैंने डर के मारे तीखे सवाल पूछे ही नहीं ..
इधर वाले भाई …आप क्या चाहते थे ?
मैं पूछता …
योगी जी , इतने महान आप कैसे बने ?
बीस सालों से समाज कल्याण में कैसे जुटे हैं ?
आपको जनता की सेवा की प्रेरणा कैसे मिलती है ?
आप जनता के लिए क्या क्या करना चाहते हैं
हिन्दुओं के हित में आप क्या क्या करने वाले हैं ?
यही न ?
उधर वाले भाई ..आपके हिसाब से मैं ये पूछता ..
आप इतने बड़े माफ़िया हैं तो क्यों नहीं आज ही आपको जेल भेज दिया जाए ?
आप गुंडों के सरदार होकर संत कैसे बने हैं ?
गुंडाराज चलाने के लिए आपको इसी चुनाव मंच से पकड़कर क्यों नहीं गुंडा एक्ट में बंद कर दिया जाए ?
इत्यादि …इत्यादि ….
4-हे प्रभु …उन्हें माफ़ कर देना …वो नहीं जानते कि योगी आदित्यनाथ के इंटरव्यू में मुझे पसीना क्यों आया ?
जानते तो पसीने पर इतना विमर्श हो पाता क्या ?
पसीने -पसीने की बात है …पिछली बार किसी इंटरव्यू के बाद पसीना विमर्श कब हुआ था ? होगा कैसे …कभी किसी एंकर को किसी गेस्ट से इतना डर ही नहीं लगा होगा ..मैं जवाब सुनकर इतना डरा …इतना डरा …कि पसीने -पसीने हो गया …और मेरे पसीने से ‘ वो सब’ इतने ख़ुश हुए कि सोशल मीडिया पसीना पसीना हो गया …शुक्र है …बेहोश न हुआ …
इस पसीने की क़ीमत तुम क्या जानो भाई …