प्रेस रिलीज
वाजपेयी के मीडिया सलाहकार अशोक टंडन का खुलासा. वाजपेयी ने क्लिंटन से वायदे के तहत मुशर्रफ को आगरा बुलाया
नई दिल्ली, 15 मई, 2013.पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार रहे अशोक टंडन ने इंडिया न्यूज के विशेष कार्यक्रम टुनाइट विद दीपक चौरसिया में खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से किए वायदे के तहत शिखर वार्ता के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को आगरा बुलाया था. वाजपेयी ने यह वचन क्लिंटन को तब दिया जब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने करगिल से सेना हटाने के क्लिंटन के दो टूक संदेश के बदले आग्रह किया कि भारत से कम से कम बातचीत का वचन लिया जाए.
टंडन ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान क्लिंटन ने नवाज शऱीफ और वाजपेयी दोनों से अमेरिका आने का आग्रह किया लेकिन वाजपेयी ने जाने से इनकार कर दिया. वाजपेयी ने क्लिंटन से कहा कि न तो भारत ने हमला किया है और न ही जवाबी हमला. सारा कसूर पाकिस्तान का है इसलिए आप पाकिस्तान से ही बात करिए. टंडन ने कहा कि क्लिंटन के बुलावे पर नवाज शरीफ अमेरिका गए और उस बैठक में सउदी अरब के क्राउन प्रिंस भी मौजूद थे. नवाज से क्लिंटन ने पाकिस्तानी फौज को करगिल से हटाने को कहा जिस पर नवाज ने क्लिंटन से आग्रह किया कि उन्हें खाली हाथ न लौटने दिया जाए और कम से कम भारत से यह भरोसा लिया जाए कि वो बातचीत का रास्ता खुला रखेगा.
टंडन ने कहा कि वाजपेयी ने क्लिंटन को ये भरोसा दिया कि अगर पाकिस्तानी फौज हटती है तो भारत पाकिस्तान से बातचीत करेगा. एक सरकार के दूसरे सरकार से वायदे के तहत ही मुशर्रफ को बातचीत के लिए आगरा बुलाया गया था. टंडन के मुताबिक चूंकि नवाज का तख्तापलट करके मुशर्रफ राष्ट्रपति बन गए थे बावजूद इसके मुशर्रफ को ही बुलाया गया क्योंकि मुशर्रफ पाकिस्तान के शासनाध्यक्ष थे. टंडन ने कहा कि उस वक्त मुशर्रफ की जगह पर जो भी राष्ट्राध्यक्ष होता, उसे भारत सरकार बुलाती क्योंकि यह दो देशों के बीच का मामला था.