पेरिस (फ्रांस). पत्रकार और पत्रकारिता जगत के लिए साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही. आज आतंकियों ने पेरिस में ‘शार्ली एब्दो’ नाम की पत्रिका के दफ्तर पर हमला करके संपादक समेत 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मरने वाले में दो पुलिसकर्मियों के अलावा बाकी सभी दस पत्रकार थे.
शार्ली एब्दो एक व्यंग्यात्मक मैगजीन है और यह साल 2012 में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने की वजह से भी चर्चा में रही थी. हाल ही में मैगजीन ने आतंकी संगठन आईएस के चीफ अबु बकर अल-बगदादी का भी कार्टून छापा था.
ख़बरों के मुताबिक काले रंग के नकाब पहने कई हमलावर एके-47 लेकर इमारत में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे.
राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच गए और इस घटना के मद्देनजर राष्ट्रपति ओलांद ने कैबिनेट की एक आपात बैठक भी बुलाई है.
फ्रेंच मीडिया से आ रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर खुद को अल कायदा से जुड़ा बता रहे थे और वे चिल्ला रहे थे- पैगंबर का इंतकाम पूरा हुआ. अभी पुष्टि नहीं हुई है, मगर कहा जा रहा है कि पैगंबर के कार्टून्स की वजह से ही यह हमला किया है.
फेसबुक और ट्विटर पर लोग इस आतंकी हमले की आलोचना कर रहे हैं। दुनिया भर में लोग न सिर्फ इस्लाम और पैगंबर पर बने उन कार्टूनों को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं, बल्कि मारे गए पत्रकारों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें अपनी डिस्प्ले इमेज भी बना रहे हैं। गुस्सा और दुख जाहिर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि मैगजीन के कार्टूनों से इस्लाम का उतना नुकसान नहीं हुआ था, जितना उनके विरोध में किए गए इस घिनौने हमले ने किया है।