प्रेस विज्ञप्ति
दूसरे सत्र में जम्मू (कश्मीर) के शारदा सामुदायिक रेडियो के संस्थापक निदेशक रमेश हांगलू ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि सीमित भौगौलिक दायरे में आने वाले समुदाय के लिए प्रसारण चुनौतिपूर्ण तो है लेकिन रोमांच और आनंददायक भी है। सामुदायिक रेडियो का संचालन एक मिशन है, जिसमें लोक सेवा की भावना निहित होनी चाहिए, उन्होने शारदा रेडियो से जुड़े रोचक प्रसंग सुनाते हुए अपनी बात को स्थापित किया कि सामुदायिक रेडियों की सीमाएं अनंत है । तीसरे सत्र में विश्वविद्यालय के प्रोडक्शन निदेशक आशीष जोशी ने सामुदायिक रेडियो की अवधारणा, वर्तमान परिदृश्य और संभावना विषय पर प्रभावी उद्बोधन दिया। चौथे और अंतिम सत्र में आजाद हिंद रेडियो के प्रमुख श्री इलाशंकर गुहा ने विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडियो के इतिहास से परिचय कराते हुए वर्तमान परिदृश्य में इसकी प्रभावी विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के निदेशक श्री दीपक शर्मा, अध्यापकगण श्रीमती राखी तिवारी एवं श्री संजीव गुप्ता ने की।
संगोष्ठी के दूरे दिन भी सामुदायिक रेडियो के दूसरे पहलुओं पर विशिष्ठ आमंत्रित जन अपना उद्बोधन देंगे। जिनमें बुंदेलखंड के ललित लोकवाणी रेडियो के मृदुल श्रीवास्तव, मध्यभारत से चंदेरी की आवाज रेडियो के सुदेश सोमैया, एवं आल इंडिया कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवंत पाटिल इस संगोष्ठी में अपने विचार और अनुभव रखेंगे।