– चंद्रकांत पी. सिंह, शिक्षक, आईपी युनिवर्सिटी –
संता: प्राजी, पूरे मीडिया पर तो बैन नहीं लगनेवाला?
बंता: हाँ, अगर जेल तोड़कर भागे सिमी के 8 आतंकवादियों के एनकाउंटर का मतलब लाखों अन्य कैदियों के एनकाउंटर के बराबर हो!
संता: बात पल्ले नहीं पड़ी।
बंता: एनडीटीवी अकेले लगभग 425 टीवी न्यूज़ चैनलों और एक लाख अख़बारों और पत्रिकाओं के बराबर तो नहीं है न।
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संता: वैसे एनडीटीवी पर क्यों ऐक्शन लिया गया ?
बंता: पठानकोट हमले पर रिपोर्टिंग के दौरान हमलावर आतंकवादियोंं को सेना के बारे में संवेदनशील जानकारी देने के कारण।
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संता: ऐसा पहली बार हुआ है?
बंता: 2007 में ‘लाइव इंडिया’ को एक महीने के लिये बैन किया गया था निराधार रिपोर्टिंग के लिये।
संता: और एनडीटीवी पर कितने दिनों का बैन है?
बंता: एक दिन का।
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संता: लेकिन अपराध किसका ज़्यादा संगीन है?
बंता: एनडीटीवी का।
संता: अपराध ज्यादा और सज़ा कम?
बंता: ब्रो, राज़ को राज़ रहने दो।