हिन्दी न्यूज़ चैनलो की कुछ महिला एंकर खुद ही कोर्ट होती है। वकील, जज, अफसर, मंत्री, नेता। खुद ही सवाल करती है खुद ही जवाब भी देती है। खुद ही फैसला सुना देती है। इन महिला एंकरों को देखकर लगता है वो इंटरव्यू नहीं कर रही बल्कि किसी बलात्कारी नराधम का थर्ड डिग्री देकर इंट्रोगेशन कर रही है।
बेहतर पत्रकार की खुबिया होती है वो पक्ष और विपक्ष दोनों का समानांतर ट्रीट करे। एबीपी न्यूज़ संगीता तिवारी द्वारा केजरी का लिया गया इंटरव्यू केवल इंट्रोगेशन लगता है।
वैसे एबीपी न्यूज़ की संवाददाता संगीता तिवारी बड़बोलेपन के लिए प्रचलित है। केजरीवाल ने संगीता तिवारी को सही सवाल पूछा ” अगर हवाला से कोई पैसा देता है तो क्या चेक से पेमेंट होता है ?
संगीता तिवारी को मनी लेण्डरिंग, हवाला आदि मामलो की कितनी समझ है ये इंटरव्यू में साफ़-साफ़ झलकता है।
संगीता तिवारी के इंटरव्यू से लगता है वो पत्रकारिता के भेष में वो सत्तापक्ष का डिफेंस कर रही है।
सुजीत ठमके @ FB