-प्रो.जगदीश्वर चतुर्वेदी-
1-NDTV पर केन्द्र सरकार की दण्डात्मक कार्रवाई बताती है कि पीएम मोदी इस चैनल को जरूर देखते हैं। यह आंखों की पीड़ा है।यह फासिज्म नहीं है, यह तो तानाशाह की चाय की चुस्की है!!
2-सवाल यह है पठानकोट की घटना पर NDTVके अलावा दूसरे टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग क्या सहीथी ? मोदी सरकार पारदर्शिता का प्रदर्शन करे और बताए कि एनडीटीवी के कवरेज में किस दिन और समय के कार्यक्रम को आधार बनाकर और किन मानकों के आधार पर फैसला लिया गया और एनडीटीवी से उसका पक्ष जानने की कोशिश की गयी या नहीं ? एनडीटीवी को अपना पक्ष जनता के सामने रखना चाहिए और केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
3-पठानकोट के एंटी आतंकी ऑपरेशन का लाइव कवरेज कब से खतरे के दायरे में आ गया ? आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन का लाइव कवरेज अपराध है, लेकिन यह सन् २०१५ से कानून बना।।यानी कुछ न मिले तो आतंकी कवरेज के बहाने टीवी वालों को बांस करके रखो।
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