IBN7 ने दो दिन पहले अपने एसोसियट एडिटर पंकज श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया था.उसके बाद से चल रहा विवाद खत्म होता नज़र नहीं आता. पंकज श्रीवास्तव आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं. पहले उन्होंने इस संबंध में एक प्रेस कांफ्रेंस की फिर अब पुलिस थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है. सुनिए खुद उन्हीं की जुबानी पूरी कहानी. लेकिन कहानी के पहले IBN7 के उमेश उपाध्याय और सुमित अवस्थी पर लिखी उनकी एक कविता (मॉडरेटर)
पंकज श्रीवास्तव
उमेश उपाध्याय, सुमित अवस्थी और मयंक भटनागर के ख़िलाफ थाने में शिकायत दर्ज!
आईबीएऩ7 के दबाव में पुलिस का एफआईआर से इंकार !
”उस दफ्तर में मैं अपना पसीना छोड़ आया हूँ
बड़ा मजबूर था, बिटिया की फोटो छोड़ आया हूँ
उमेश उपधिया, सुमित को मिल सके पूरा भरा चुल्लू
मैं अपनी मेज़ पर पानी की बोतल छोड़ आया हूँ !! ”
. पंकज ‘बरख़ास्त’
दोस्तो, आज मैं नोएडा के सेक्टर- 20 थाने में आईबीएन-7 के न्यूज़ डायरेक्टर उमेश उपाध्याय, डिप्टी मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी और डिप्टी जनरल मैनेजर मयंक भटनागर के ख़िलाफ मुकदमा दर्ज कराने गया था। लेकिन अखिलेश यादव की पुलिस ने एफआईआर लिखने से मना कर दिया। घंटों की कोशिश के बाद महज़ मुहर लगाकर शिकायत स्वीकार की।
दरअसल, 21 जनवरी 2015 की रात 10 बजे बरखास्तगी का पत्र थमाने के बाद मुझे सुरक्षा गार्ड के जोर पर आईबीएऩ7 के दफ्तर से बाहर निकाला गया था। मैं बस इतना चाहता था कि मैं अपनी डेस्क पर जाकर कंप्यूटर में सेव जरूरी दस्तावेज, अनुसंधान सामग्री और तस्वीरें वगैरह ले आऊँ। साथ में दराज में रखी तमाम किताबें और पत्रिकाएं भी। लेकिन कुछ लोगों को भेजकर मेरी गैरमौजूदगी में मेरी दराज़ में रखा सामान निकलवाया गया (जो एक तरह की डकैती है)। यह सामान और मेरा बैग मुझे दे दिया गया, लेकिन कंप्यूटर में दर्ज सारी चीजों पर अवैध कब्जा कर लिया गया।
मेरी मांग है कि कंप्यूटर में सेव तमाम दस्तावेजों को मेरी बौद्धिक संपदा मानते हुए आईबीएन 7 प्रबंधन के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज किया जाये। नीचे पुलिस को दी गयी मेरी शिकायत और बरखास्तगी पत्र को क्लिक करके देखा जा सकता है।