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गूगल ने चीन से संबंधित 3000 फर्जी यूट्यूब चैनलों को बंद किया

youtube lock for content

चीन से संबंधित फर्जी यूट्यूब चैनलों पर गूगल ने लगाम कसी है और हजारों की संख्या में उन्हें बंद कर दिया है. पूरी रिपोर्ट –

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने में अब बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं, इस बीच गूगल ने जुलाई से सितंबर तक की अवधि में 3,000 से अधिक ऐसे फर्जी यूट्यूब चैनल हटाए हैं, जो चीन से संबंधित एक बड़े स्पैम नेटवर्क का हिस्सा रहे थे। इनके द्वारा अपने चैनल पर चुनाव को प्रभावित किए जाने संबंधी अभियानों को संचालित किया जा रहा था। कंपनी द्वारा इनका सफाया किए जाने के परिणामस्वरूप अब ये अपने चैनल पर दर्शक जुटा पाने में असमर्थ हैं।

शुक्रवार देर रात गूगल ने अपने एक बयान में कहा, “हमने जितने भी वीडियोज के पहचान किए हैं, उनमें से अधिकतर में लोगों के देखे जाने की संख्या दस से भी कम हैं और इस पर भी असली के यूजर्स के मुकाबले इन्हें स्पैम अकांउट्स से ही देखे गए हैं, जो वर्तमान में सक्रिय नहीं है।”

गूगल थ्रेट एनालिसिस ग्रुप टीएजी से शेन हंटले ने कहा, “हालांकि इन नेटवर्क्‍स के द्वारा पोस्ट तो नियमित तौर पर किया जाता रहा है, लेकिन इनमें स्पैम कंटेंट की अधिकता रही है। हमने यूट्यूब पर प्रभावी ढंग से दर्शकों तक इनकी पहुंच नहीं देखी है।”(एजेंसी)

ऑनलाइन इवेंट्स के लिए जूम का नया प्लेटफॉर्म-ऑनजूम

OnZoom

कोरोना युग में वीडियो मीटिंग एप ज़ूम सुपरहिट रहा और अब इसी को देखते हुए इसे और विस्तार देते हुए कंपनी ने ऑनलाइन इवेंट्स के लिए नया प्लेटफॉर्म ऑनजूम नाम से लॉन्च किया है।

यह प्लेटफॉर्म उन पेड यूजर्स के लिए तैयार किया गया है जो इसके माध्यम से फिटनेस क्लासेज, कन्सर्ट्स, स्टैंडअप और म्यूजिक लेसंस जैसे इवेंट्स क्रिएट, होस्ट और मोनेटाइज कर सकते हैं।

इस नए प्लेटफॉर्म के माध्यम से मेजबान अपना व्यवसाय बढ़ा सकते हैं और अपनी पहुंच नए ऑडिएंस तक कर सकते हैं।

जूम ने अपने नए प्लेटफॉर्म को यूज करने के लिए यूजर्स को कई सुविधाएं दी हैं। जैसे कि वे इस पर टिकट गिफ्ट कर सकते हैं और साथ ही साथ एक अटेंडी डैशबोर्ड भी क्रिएट कर सकते हैं।

जूम ने कहा है कि नए प्लेटफॉर्म की सेवाएं बुधवार से अमेरिकी यूजर्स के लिए पब्लिक बेटा पर उपलब्ध हो गई हैं। (एजेंसी)

प्रसार भारती और समाचार एजेंसी PTI का नाता टूटा

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समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को बड़ा झटका लगा है। प्रसार भारती ने उससे अपना नाता तोड़ लिया है। प्रसार भारती अब अन्य घरेलू समाचार एजेंसियों से नए प्रस्ताव आमंत्रित करेगा।

देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी पीटीआई, एक बोर्ड द्वारा चलायी जाती है जिसमें प्रमुख अखबार समूहों के मालिक शामिल होते हैं और यह एक नॉन प्रॉफिट ट्रस्ट है।

प्रसार भारती का ये फैसला पीटीआई के भारत-चीन संघर्ष पर कवरेज को अनुचित पाए जाने के चार महीने बाद आया है।

सूत्रों ने कहा कि प्रसार भारती पीटीआई के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है, और यह पीटीआई को 6.75 करोड़ रुपये सालाना भुगतान करता है।

इस बारे में पीटीआई और यूएनआई दोनों को पत्र भेजा गया है।

सूत्रों ने कहा कि प्रसार भारती पीटीआई और यूएनआई सहित सभी समाचार एजेंसियों से नए प्रस्तावों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

इस साल जून में समाचार एजेंसी द्वारा कथित राष्ट्र-विरोधी रिपोर्ट पर अपने संबंध को समाप्त करने की धमकी देते हुए प्रसार भारती ने एक पत्र भेजा था।

पीटीआई ने चीनी राजदूत सून विडोंग के साथ एक साक्षात्कार किया था, जिसमें उन्होंने भारत-चीन हिंसक गतिरोध के लिए भारत को दोषी ठहराया था, जिसमें 20 भारतीय बहादुर शहीद हो गए थे।

सूत्रों ने कहा कि जून में बोर्ड की बैठक से ठीक पहले पीटीआई को एक पत्र भेजा गया था, जहां प्रसार भारती ने पीटीआई द्वारा राष्ट्र विरोधी रिपोटिर्ंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। प्रसार भारती ने यह सूचित किया था कि पीटीआई का संपादकीय रुख ठीक नहीं है।

सरकारी सूत्रों का दावा है कि प्रसार भारती पीटीआई को काफी पैसा दे रहा था जो अक्सर कई करोड़ में था। (एजेंसी)

अगले 12 हफ्ते तक नहीं आएगी समाचार चैनलों की टीआरपी रेटिंग

TRP NEWS CHANNELS

समाचार चैनलों पर चल रहे टीआरपी घोटाले के घमासान के बीच टीआरपी रेटिंग देने वाली एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (Broadcast Audience Research Council) ने फिलहाल इसपर रोक लगा दी है. ये रोक 12 सप्ताह तक के लिए लगाया गया है. रोक सभी भाषाओं के समाचार चैनलों पर समान रूप से लागू होगा. ये रोक अस्थायी तौर पर लगाया गया है. बार्क की तरफ से कहा गया है कि टीआरपी का डेटा मापने के वर्तमान को ठीक किया जाएगा। उसे और बेहतर किया जाएगा।

बता दें कि फर्जी टीआरपी का यह मामला तब सामने में आया था जब बार्क ने हंस रिसर्च ग्रुप के जरिये इस आशय की शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। इसमें आरोप लगाया गया था कि ऐसे कुछ परिवारों को एक खास चैनल चलाने के लिए रिश्वत दी जा रही थी जिनके घरों में टीआरपी डाटा एकत्रित करने वाले उपकरण लगे थे।

पुलिस ने इस मामले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में न्यूज़ चैनल के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है। वहीं, रिपब्लिक टीवी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

पिछले हफ्ते मुंबई पुलिस कमिश्नर (सीपी) परमबीर सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया था कि विज्ञापनों से बेहतर राजस्व जुटाने के लिए रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनलों ने टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की थी। हालांकि रिपब्लिक टीवी ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

बार्क भारत में टीवी चैनलों के लिए हर हफ्ते रेटिंग प्वाइंट्स जारी करता है। बार्क मीडिया उद्योग का ही एक निकाय है जिसका गठन सटीक, विश्वसनीय और समय पर टीवी दर्शकों की संख्या मापने के लिए किया गया है। यह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सिफारिशों के मार्गदर्शन में कार्य करता है। (पीटीआई)

खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार दिबांग ने ट्वीट किया – न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी

फर्जी #TRP विवाद में #BARC ने की बड़ी घोषणा
सभी न्यूज चैनलों की वीकली रेटिंग पर अगले 8 से 12 हफ्ते के लिए रोक
फेक रेटिंग के दावों के बीच BARC करेगा सिस्टम की फिर से समीक्षा

अर्नब गोस्वामी गवाहों को धमका रहे हैं – मुंबई पुलिस

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टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) के कथित घोटाले में मुंबई पुलिस द्वारा दिए गए समन के खिलाफ रिपब्लिक टीवी की याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो पुलिस आयुक्तों द्वारा साक्षात्कार देने को लेकर चिंतित है। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच जिसमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं, ने कहा “हम पुलिस आयुक्तों के साक्षात्कार देने के बारे में चिंतित हैं।” बता दें कि इस घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कई चैनलों पर इंटरव्यू भी दिया था।

रिपब्लिक टीवी की ओर से मामले का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कोर्ट ने मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट में स्थानांतरित कराने के लिए कहा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के तहत जांच का सामना करने वाले किसी भी सामान्य नागरिक की तरह याचिकाकर्ताओं को भी पहले उच्च न्यायालय जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने साल्वे से कहा, “हमें उच्च न्यायालय में विश्वास रखना चाहिए।”

वहीं मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की सीबीआई जांच की मांग का विरोध करते हुए कहा है कि चैनल यह तय नहीं कर सकता कि किस एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए। साथ ही मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया है कि अर्नब गोस्वामी गवाहों को धमका रहे हैं और डरा रहे हैं।

पुलिस ने कुछ दिनों की जांच के बाद रिपब्लिक टीवी, इंडिया टुडे टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा को आरोपी बताया है। (साभार – आईएनएस)

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