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आजतक को इंडिया टीवी झटका !

आजतक की मुसीबतें कम नहीं हो रही, इंडिया टीवी अब भी उसके सिर पर सवार है. लगातार दूसरे हफ्ते इंडिया टीवी टीआरपी रेस में आजतक को मात देने में कामयाब रहा. गौरतलब है कि लंबे समय के बाद पिछले हफ्ते आजतक को पछाड़ने में इंडिया टीवी कामयाब हुआ था. उम्मीद ये जताई जा रही थी कि अगले हफ्ते स्थिति फिर बदल जायेगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और आजतक दूसरे नंबर से पहले नंबर पर नहीं आ पाया. देखें इस हफ्ते की टीआरपी में न्यूज़ चैनलों की स्थिति –

Weekly Relative Share: Source: BARC, HSM, TG:CS15+,TB:0600Hrs to 2400Hrs, Wk 15

India TV 19.6 up 2.0
Aaj Tak 18.1 up 1.7
India News 11.7 dn 1.3
ABP News 11.1 up 0.2
News Nation 9.9 dn 0.7
Zee News 7.8 dn 1.0
News 24 6.6 dn 1.9
IBN 7 5.4 same
Tez 3.9 up 0.4
NDTV India 3.3 up 0.5
DD News 2.4 up 0.3

TG: CSAB Male 22+
India TV 19.8 up 2.1
Aaj Tak 16.8 up 0.6
ABP News 11.2 up 0.1
India News 10.8 dn 1.5
News Nation 10.1 up 0.4
Zee News 9.5 dn 0.6
News 24 6.0 dn 1.6
IBN 7 5.8 up 0.2
NDTV India 4.3 up 0.6
Tez 3.7 up 0.1
DD News 1.9 dn 0.3

कोहिनूर के लिए बेताब आजतक

कोहिनूर के लिए बेताब आजतक
कोहिनूर के लिए बेताब आजतक

कोहिनूर के लिए बेताब आजतक
कोहिनूर के लिए बेताब आजतक
भारतीय समाचार चैनलों पर कोहिनूर हीरा एक बार फिर चर्चा में है. हालाँकि सरकार कह चुकी है कि कोहिनूर हीरा भारत वापस नहीं लाया जा सकता. लेकिन इसके बावजूद हिंदी समाचार चैनल मानने के लिए तैयार नहीं और एक तरह चैनल के संपादकों ने मुहिम छेड़ दी है. सबसे तेज चैनल आजतक तो इस कदर परेशान है कि पूछिए मत.

कोहिनूर को लेकर आजतक की बैचेनी कुछ ऐसी है कि हीरा आने के बाद जैसे आजतक के मुकुट पर लग जाएगा.
आजतक की चिंता है कि कैसे लौटेगा भारत की शान कोहिनूर!

वह सवाल उठाता है कि कैसे लौटेगा भारत की शान?

लेकिन एक सवाल आजतक से भी पूछा जाना चाहिए कि कोहिनूर के लौटने या न लौटने से देश की सामजिक या आर्थिक स्थिति में क्या बदलाव आ जाएगा? काश ऐसी ही चिंता उसे गरीबी, अशिक्षा, असमानता आदि विषयों पर भी होती.

खबर कीजिये, तमाशा बंद कीजिये.

मीडिया खबर के लिए सार्थक की रिपोर्ट.

आजतक को पछाड़कर इंडिया टीवी नंबर एक

टीआरपी के मैदान में घमासान
टीआरपी के मैदान में घमासान

लंबे अरसे के बाद आजतक को बड़ा झटका लगा है और वह दूसरे स्थान पर खिसक गया. BARC द्वारा जारी रेटिंग में अबकी हफ्ते इंडिया टीवी चोटी पर पहुँच गया है. पूरी सूची इस तरह से है –

Weekly Relative Share: Source: BARC, HSM, TG:CS15+,TB:0600Hrs to 2400Hrs, Wk 14
India TV 17.6 up 2.6
Aaj Tak 16.4 dn 3.3
India News 13.1 up 1.7
ABP News 10.9 dn 1.0
News Nation 10.7 up 0.6
Zee News 8.8 same
News 24 8.6 up 0.5
IBN 7 5.5 dn 0.5
Tez 3.6 dn 0.1
NDTV India 2.9 up 0.3
DD News 2.1 dn 0.7

——————————————————————————–
TG: CSAB Male 22+
India TV 17.7 up 2.4
Aaj Tak 16.2 dn 2.9
India News 12.3 up 1.7
ABP News 11.1 dn 1.4
Zee News 10.1 dn 0.5
News Nation 9.7 up 0.3
News 24 7.7 up 0.3
IBN 7 5.6 same
NDTV India 3.8 up 0.4
Tez 3.6 same
DD News 2.2 dn 0.2

रवीश कुमार,लालू-नीतिश की तरफदारी करें और वक्त आने पर काला पर्दा दिखा दें

वेद उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार

एनडीटीवी इंडिया के हालिया एंकरिंग को लेकर पत्रकार वेद उनियाल की एक टिप्पणी –

ravish kumar abvpएक अच्छेे पत्रकार का भटकाव दिखता जा रहा है कभी इनके प्राइम टाइम को बहुत रुझान से देखते थे। लेकिन समय ने इन्हें बदल दिया। अपने मन की छुपी इच्छाओं को जमीर का नाम नहीं देना चाहिए। जमीर कभी यह नहीं कहता कि आप नितिश लालू की खुळी तरफदारी करें। बिना बात टीवी का काला पर्दा दिखाकर लोगों को भयभीत करो।

रातों रात किसी कन्हैया को जयप्रकाश नारायण बना दो। जमीर यह भी नहीं कहता कि टीवी वार्ता में जिसकी बात पसंद न आए उसके सामने से कैमरा हटा दो। जमीर यह भी नहीं कहता कि जो लालू राज पंद्रह साल तक बिहार को बर्बाद करता रहा उस पर तीखी टिप्पणियों के बजाय उनके चुटकीलों मुहावरों पर रंग जाओ। जमीर तो यह भी कहता है कि बहुत मैं मैं भी अच्छा नहीं। टीवी की चर्चाओं को आत्मकेंद्रित करना भी एक अपने ढंग का अंहकार है। अपने ढंग की एक सत्ता का गुरूर है। जमीर आपको यह सोचने को विवश नहीं करता कि पत्रकारिता केवल दिल्ली में बैठे पच्चीस लोगों की दुकान नहीं। पत्रकारिता गांव गांव कस्बों में फैली है। आपका जमीर कब आपको बताएगा कि आप पत्रकारिता के स्वयंभू नहीं हो। महज एक पत्रकार हो।

राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी, श्यामा प्रसाद काला, हरीश चंदोला, वी करंजिया, पी साईनाथ कितने ही शानदार पज्ञकारों ने दशकों अपना काम किया। कभी मैं मैं नहीं किया। कुछ तो आपके खासमखासों ने आपको भगवान बना दिया और कुछ आप भी पत्रकारिता के भगवान बनने के लिए जरूरत से ज्यादा आतुर दिखते हैं। प्लीज आप बौद्धिक है, क्रिएटिव है। आगे बहुत अच्छी पत्रकारिता करेंगे। लेकिन सेलिब्रिटी होने का अलग अंदाज आपको मूल पत्रकारिता नहीं करने दे रहा है। जबकि समाज में हम जैसे सामान्य लोग आपसे केवल पत्रकारिता ही चाहते हैं। हां अब तक जो भी किया हो। आप करे या न करें मगर आपके साथ चाटुकारिता शब्द जुडना ही दुख देता है। क्योंकि आपको कुछ और होना था। आप एक कन्हैया के लिए नहीं, देश के लाखों कन्हैया के
लिए है। वो कन्हैया मौज मार रहा है। आप बिना वजह चिंतक बने हैं। सुधीर, रजत, अर्नब, चौरसिया से भी यही सवाल है दूसरेे नहीं।

(स्रोत-एफबी)

संपादक- प्रोड्यूसर ने जब पनामा लीक्स में केजरीवाल का नाम देखा

रवीन्द्र रंजन

संपादक- (प्रोड्यूसर से) वो पनामा लीक्स में केजरीवाल का भी नाम है, निकालो स्साले का कच्चा चिट्ठा। आखिर आ ही गया ऊंट पहाड़ के नीचे। आज इसकी अच्छे से ऐसी तैसी करते हैं. तब पता चलेगा इसे कि हम क्या चीज हैं।

प्रोड्यूसर (संपादक से) लेकिन सर…

संपादक- सर-वर कुछ नहीं, जल्दी जाओ तैयारी में जुटो। ज्यादा टाइम नहीं है। बढ़िया से ग्राफिक बनवा लेना। और कुछ बैकग्राउंड भी निकलवा लेना उसके भ्रष्टाचार का।

प्रोड्यूसर- लेकिन सर…

संपादक- क्या लेकिन, लगता है तुमसे नहीं होगा, उसको बुलाओ जिसने वो पिछले वाले स्टिंग को क्या चालाकी से केजरीवाल से कनेक्ट कर दिया था।

प्रोड्यूसर- लेकिन सर वो पनामा लीक्स में अरविंद नहीं, अनुराग केजरीवाल है

संपादक (क्या पहले क्यों नहीं बताया, अब क्या करें?)

तभी वहां स्मार्ट वाला प्रोड्यूसर आता है- कोई बात नहीं सर, ऐसे करेंगे पूरी खबर में केजरीवाल-केजरीवाल ही बोलेंगे, पूरा नाम नहीं लेंगे।

संपादक- गुड आइडिया। पीठ ठोंकते हुए। तभी मैं तुम्हें बेस्ट प्रोड्यूसर कहता हूं। अच्छा जाओ जल्दी से तैयारी करो। शो का टाइम होने वाला है।

स्रोत-एफबी

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