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ICFJ to hold Journalism Workshop for the first time in Bihar

Apply Now: Learn How to Use Digital Tools to Improve Your Reporting

For the first time in Bihar, the International Center for Journalists (ICFJ), with the support of the U.S. Consulate Kolkata and the U.S. Department of State, will partner with St. Xavier’s College of Management and Technology, Patna to train local journalists and journalism students in Patna during a two-day workshop in Patna on June 20 – 21, 2016.
The program is open to:

· Mid-career journalists working at either English or vernacular-language media organizations in Patna (Bihar).

· Students currently studying journalism at a college or university.

· Applicants must be residents of Bihar in order to attend the workshop in Patna.

· Applicants should demonstrate experience in public interest reporting.

· Journalists, editors or producers employed by print, broadcast or online media are welcome to apply.

· Freelance journalists with a history of publication may also apply.

The program will bring together a panel of U.S. experts to train a total of 120 journalists on how to harness the power of digital tools in order to improve public service reporting. Topics that will be covered in the training program will include:

· journalism standards

· ethics

· data-drive investigative reporting

· multi-media

· social media

· citizen journalism

· public interest storytelling

Participants will also be asked to highlight a community issue they would like to cover more effectively. They will use these ideas as a template during the sessions and will be encouraged to continue reporting on the story after the training session ends. Journalists will work with trainers during the workshops to create reporting projects that will incorporate both digital and citizen journalism practices. Participants will be put in touch with each other and the U.S. trainers via email and social media platforms to receive feedback on completing their individual projects.

Workshop in Patna: June 20 – 21, 2016

Click here for more information about the program.

Apply by May 22, 2016. Click here to apply now.

हिंदीमेंआवेदनकेलिएयहांक्लिककरें

Click on this link:

http://www.icfj.org/our-work/using-digital-tools-improve-public-interest-journalism-eastern-india

For any queries, contact Dr. Manisha Prakash
Asst. Prof, Dept. Of Mass Communication

@ 9431025029

मोदी राज में कैसे टॉप कर गए दलित और मुस्लिम छात्र?

अभिरंजन कुमार

tina dabiमीडिया से पता चला कि इस बार आइएएस टॉपर दलित है और सेकेंड टॉपर मुसलमान। इससे एक बात तो साफ़ है कि हमारे लोकतंत्र ने धीरे-धीरे सबको बराबरी से आगे बढ़ने के मौके मुहैया कराए हैं और अब चाहे आप किसी भी जाति-धर्म के हों, अगर आपमें दम है और लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

राजनीतिक रूप से इसे इस तरह से भी देखा जा सकता है कि मोदी राज में भी दलित टॉप कर सकता है और मुसलमान सेकेंड टॉपर हो सकता है, जबकि विरोधियों का इस सरकार पर सबसे बड़ा आरोप ही यही है कि जबसे मोदी सत्ता में आए हैं, दलितों-अल्पसंख्यकों के लिए आपातकाल आ गया है।

आज ही अपने बड़े भाई और आदरणीय कवि Laxmi Shankar Bajpai जी का भी बयान पढ़ा- “मेरे लिए बहुत खुशी औऱ गर्व की बात है कि इस वर्ष की IAS टॉपर टीना जब Mock Interview के लिए आई तो उस बोर्ड का अध्यक्ष मैं था.. बहुत शानदार interview था उसका… उसके पास एक Vision है और समाज बदलने का जज़्बा भी..”

यद्यपि वाजपेयी जी जैसे लोग जाति-धर्म से ऊपर हैं, फिर भी आज की सस्ती राजनीति के हिसाब से अगर इस वाकये की व्याख्या करें, तो एक ब्राह्मण (माफी सहित) की अध्यक्षता वाले इंटरव्यू बोर्ड के सामने एक दलित छात्रा आई, फिर भी उसके साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ, बल्कि वह ब्राह्मण अध्यक्ष (माफी सहित) उसकी मेधा से न सिर्फ़ प्रभावित हुआ, बल्कि उसके चयन पर गर्व भी प्रकट कर रहा है।

यानी ऐसा कहा जा सकता है कि दलितों-अल्पसंख्यकों के दमन के मुद्दे अब सियासी स्वार्थ सिद्धि के लिए अधिक उछाले जाते हैं और हकीकत से इनका लेना-देना लगातार कम हुआ है। देश बदल रहा है। समाज बदल रहा है। लोगों की सोच बदल रही है। मुझे ख़ुशी होती है, जब देखता हूं कि आज मुसलमानों के हक की लड़ाई लड़ने वालों में हिन्दुओं की और दलितों-पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ने वालों में अगड़ों की बहुलता है।

इसीलिए मैं बार-बार कहता हूं कि नफ़रत और नकारात्मकता छोड़िए। जातिवाद और सांप्रदायिकता से नाता तोड़िए। …और एक साथ मिल-जुलकर इस देश को जोड़िए। देश में ही सभी हैं- क्या हिन्दू, क्या मुसलमान. क्या अगड़े, क्या पिछड़े, क्या दलित, क्या आदिवासी। इसलिए देश की तरक्की में ही सबकी तरक्की है।

आइए, मिल-जुलकर हम जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति के सत्यानाश की बुनियाद डालें, न कि जातिवादी और सांप्रदायिक सोच रखने वालों से हाथ मिला लें। हमें न मुस्लिम तुष्टीकरण चाहिए, न हिन्दू तुष्टीकरण। हमें सबका पुष्टीकरण चाहिए। हमें न दलित-पिछड़ों से भेदभाव का प्रलाप चाहिए, न आरक्षण पर अगड़ों का विलाप चाहिए।

हमें सिर्फ़ देश की तरक्की चाहिए। सभी जातियों और धर्मों के बीच रिश्तों की बुनियाद पक्की चाहिए। जय हिन्द।

(लेखक पत्रकार हैं)

इंडिया टीवी का चौका,आजतक क्लीन बोल्ड!

आजकल आईपीएल का मौसम है और मैदान में चौके-छक्के लग रहे हैं. उधर क्रिकेट के मैदान से इतर टीआरपी के मैदान में भी चौके-छक्के लग रहे हैं तो कोई क्लीन बोल्ड भी हो रहा है. चैम्पियन चैनल पिट रहा है तो दूसरा चैनल चमक रहा है. जी हाँ हम बात कर रहे हैं टीवी रेटिंग की.

बार्क के नए टीवी रेटिंग आ गए हैं,लेकिन इसमें भी आजतक के लिए कोई राहत की बात नहीं है. 17वें हफ्ते में भी इंडिया टीवी ने जीत का चौका लगाकर अपनी पहली पोजीशन वाली स्थिति बरकरार रखी है तो आजतक चौथे हफ्ते भी इंडिया टीवी के हाथों क्लीन बोल्ड हुआ है और दूसरे नंबर से ही उसे संतोष करना पड़ रहा है.

आजतक के लिए चिंता की बात है कि उसके और इंडिया टीवी के बीच की रेटिंग का फासला बहुत ज्यादा है. इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम चैनल की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए फेसबुक पर लिखते हैं –

इंडिया टीवी लगातार चौथे सप्ताह नंबर वन ..और हाँ, नंबर वन ही नहीं हैं ,काफी फासले से हम पहले पायदान पर हैं , बाकी सब बहुत पीछे हैं …इंडिया टीवी की टीम की मेहनत का नतीजा ..इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ,प्रोड्यूसर्स , कैमरामैन, एडिटर्स, असाइनमेंट, आउटपुट, टेक्निकल और डिस्ट्रीब्यूशन टीम को बधाई …टीवी न्यूज़ में टीम के बगैर कुछ भी कर पाना नामुमकिन है …और जब सब जोश और ऊर्जा के साथ काम करते हैं तो ऐसे नतीजे हौसला बढ़ाते हैं …एक बार फिर टीम इंडिया टीवी की जय हो ..

वैसे इस हफ्ते एबीपी न्यूज़ की तीसरे नंबर पर वापसी हुई है और इंडिया न्यूज़ तीसरे से पांचवें पायदान पर पहुँच गया  है. सभी चैनलों की स्थिति इस तरह से है –

 

Weekly Relative Share: Source: BARC, HSM, TG:CS15+,TB:0600Hrs to 2400Hrs, Wk 17
 

India TV 21.3 up 0.1
Aaj Tak 16.8 dn 1.4
ABP News 12.1 up 0.7
News Nation 10.5 same
India News 10.5 dn 1.2
Zee News 7.3 up 0.1
IBN 7 7 up 1.9
News 24 7.0 up 0.4
Tez 3.2 dn 0.4
NDTV India 2.5 dn 0.4
DD News 1.9 up 0.1

 

TG: CSAB Male 22+
India TV 21.6 up 0.1
Aaj Tak 16.6 dn 0.9
ABP News 11.8 up 0.9
India News 9.8 dn 0.1
News Nation 9.3 dn 1
Zee News 8.2 dn 0.1
IBN 7 7.5 up 1.6
News 24 6.4 same
NDTV India 3.4 dn 0.5
Tez 3.4 dn 0.1
DD News 1.8 up 0.1Top of Form 

 

ज़ी न्यूज़ की बुनियाद के पीछे राजीव गांधी

zee factorइन दिनों जी न्यूज का जो हुलिया और लक्षण आपके सामने है, आपको धोखा हो सकता है कि ये भाजपाईयों का चैनल है. ये पूरी तरह भाजपा का चैनल है. इस बात में काफी हद तक सच्चाई है भी. शुरू से ही जैन टीवी के माध्यम से इसे भाजपा का साथ मिला. लेकिन उससे भी बड़ा सच है कि इस चैनल को खड़ा करने में, अप्रत्यक्ष रूप से ही सही तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सुभाष चंन्द्रा की भरपूर मदद की.

आप इस किताब (The Z Factor: My Journey As The Wrong Man at the Right Time,) को पढ़िए. सुभाष चंद्रा ने बहुत साफ-साफ लिखा है कि राजीव गांधी से मेरी पुरानी जान-पहचान रही है लेकिन जी न्यूज के शुरू करने के दौरान ये नजदीकी ज्यादा बढ़ी.

हुआ यूं कि मुझे हर हाल में टेलीविजन न्यूज के बिजनेस में आना था और जिसके लिए स्टार से मेरी बातचीत चल रही थी. मैं उनसे किराये पर ट्रांसपॉन्डर लेना चाहता था जिसका सालभर का किराया 1.2 बिलियन था. मेरे लिए ये रकम ज्यादा थी और दूसरा कि एस्सेल वर्ल्ड के बिजनेस में मैं पहले हाथ जला चुका था. लिहाजा राजीव ने मुझसे पूछा- इतने परेशान क्यों लग रहे हो ? मैंने अपनी परेशानी बतायी और कुछ ही दिनों बाद लंदन से मेरे पास एक सज्जन का फोन आया- वो मेरी कंपनी में उतने ही पैसे लगाना चाह रहे थे जितने पैसे की जरूरत मैंने राजीव से हुई बातचीत में की थी..खैर, इन सबके सहयोग से मैं टीवी के धंधे में उतर गया. मुझे पता था कि मैं जो कर रहा हूं वो भारत के नियम-कायदे के लिहाज से गलत है लेकिन मैं अपने जुनून के आगे रूक नहीं पाया. मैंने पहले टेप पर स्वास्तिक बनाकर सिंगापुर ले गया और अब ये चैनल आपके सामने है.

सुभाष चंद्रा की किताब फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर से कम दिलचस्प नहीं है. इस किताब को हर उस शख्स को पढ़ने की जरूरत है जिन्हें लगता है मीडिया संस्थान किसी खास विचारधारा से संबद्ध होते हैं. इस बात में एक हद तक सच्चाई भी होती है लेकिन बात जब व्यावसायिक स्तर पर और निजी संबंधों तक आती है तो ये समझ भरभराकर गिर जाती है.

आज ये चैनल जितना कांग्रेस विरोधी और भाजपा का बैक टू बैक बुलेटिन जान पड़ रहा है, ऐसा इसलिए कि हम मीडिया की उपरी परतों को छूकर चले जाते हैं और सारी बहस वैचारिकी पर लाकर समेट देते हैं..जब सच बहुत संश्लिष्ट है..

(एफबी)

मुजफ्फरनगर से लॉन्च होगा समाचार TODAY

समाचार टुडे
समाचार टुडे

प्रेस विज्ञप्ति

samachar todayखबरिया चैनल्स की दुनिया में बहुत जल्द एक और नया चैनल अवतार लेने जा रहा है। चैनल का नाम समाचार टुडे है, जो उत्तर प्रदेश – उत्तराखंड सूबे का प्रादेशिक चैनल होगा, लेकिन दिल्ली-NCR समेत देश के प्रमुख शहरों को भी स्थान दिया जाएगा। आरती मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले आने वाला ये चैनल फस्र्ट फेस में आॅन लाइन/Web Channel रहेगा, मगर आने वाले वक्त में इसे सेटेलाइट पर ले जाने की प्लानिंग है। इस चैनल को यूपी के क्राइम कैपिटल के नाम से बदनाम मुजफफरनगर जिले से लाॅंच किया जाएगा। इस जिले से पहली बार इस तरह का कोई चैनल लाॅंच किया जाएगा।
इस चैनल की एक खास बात ये भी रहेगी कि इस चैनल का डिवाइस के माध्यम से विभिन्न केबिल्स पर प्रसारण कराया जाएगा, जिसमें एक नई टेक्नाॅलोजी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रयोग के तौर पर कंपनी पहले मुजफफरनगर में अधिकांश केबिल्स पर इस चैनल का प्रसारण कराएगी। उसके बाद शामली, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर और बुलंदशहर समेत वेस्ट यूपी में इसी तरह से ‘समाचार TODAY’ चैनल का डिस्टीब्युशन कराया जाएगा। यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड के रूड़की-हरिद्वार, देहरादून और ऋषिकेश को भी जोड़ा जाएगा।

कंपनी के CMD/CEO किशोर गोयल है, जो पेशे से काॅस्मेटिक-ज्वैलरी के कारोबारी है और मीडिया से करीब 25 सालों से जुडे़ हुए हैं। साथ ही किशोर गोयल का अपना केबिल का भी काम है। किशोर गोयल का दावा है कि चैनल के साथ-साथ वेबसाइट, तमाम सोशल मीडिया, अखबार और मैगजीन के साथ हम बड़ी मजबूती के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है।

प्रिंट, सोशल और इलैक्टोनिक मीडिया के अनुभवशील युवा पत्रकार अमित सैनी कंपनी में बतौर MD और एडिटर-इन-चीफ कार्य देंखेंगे। आपको बता दें कि वेस्ट यूपी में दंगे के दौरान अमित सैनी जहां अमर उजाला में बतौर क्राइम रिर्पोटर कार्यरत थे, वहीं भास्कर न्यूज और इंडिया क्राइम News Channels की लाॅचिंग में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एमडी अमित सैनी ने बताया कि चैनल, मैगजीन और अखबार के साथ-साथ उनकी कंपनी माॅस काॅम का इंस्टीटयूट भी खोल रही है। चैनल और न्यूज पोर्टल के अलग-अलग Mobile Apps होंगे। अमित सैनी का दावा है कि न्यूज रूम और स्टूडियो से लेकर चैनल का पूरा सैटअप तथा चैनल आईडी से लेकर लोगो, प्रोमो और अन्य तमाम कार्य एक्सपर्ट द्वारा तैयार कराए गए हैं, जिसकी बदौलत ये चैनल प्रजेंटेशन से लेकर लुक-एंड-फील तक किसी नेशनल चैनल से कम नहीं होगा।

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