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फराह खान का ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक

farah khan

कोरियोग्राफर और फिल्म निर्मात्री फराह खान का सोमवार को ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो गया। हालांकि बाद में बाद में उनके पति शिरीष कुंदर ने इंस्टाग्राम को रिस्टोर्ड कर लिया। फराह खान ने प्रशंसकों को उनके अकाउंट से आने वाले किसी भी संदेश का जवाब देने से बचने के लिए कहा।

फराह ने कहा गया, “पिछली शाम से मेरा ट्विटर एकाउंट हैक हो गया है। इससे आने वाले मैसेज पर कृपया क्लिक ना करें और ना जवाब दें। इससे आपका एकाउंट भी हैक किया जा सकता है।

इसके साथ फराह ने बताया कि यह सच है कि उनका इंस्टाग्राम एकाउंट भी हैक कर लिया गया था और इससे कई डायरेक्ट मैसेज भेजे गये होंगे। कृपया सतर्क रहिए। मैंने कम्प्यूटर इंजीनियर शिरीष कुंदर की मदद से इंस्टाग्राम वापस पा लिया है। उम्मीद है, जल्द ही ट्विटर भी ठीक हो जाएगा।

इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का इंस्टाग्राम अकाउंट भी हैक हुआ था।

डेनियल पर्ल के हत्यारे रिहा, अमेरिका चिंतित

daniel pearl

अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के संदिग्ध अपहर्ताओं और हत्यारों को रिहा करने के पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के फैसले ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने सिंध हाईकोर्ट के ब्रिटिश नागरिक अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य लोगों को नौ महीने की हिरासत से रिहा करने के आदेश पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिन्हें 2002 में पत्रकार का अपहरण और नृशंस हत्या होने के मामले में बरी किए के बाद भी हिरासत में रखा गया था।

विभाग ने एक ट्वीट में कहा, “डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार कई आतंकवादियों को छोड़ने के सिंध हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के फैसले की खबर से हम बेहद चिंतित हैं।”

ट्वीट में आगे कहा गया, “हमें भरोसा दिया गया है कि आरोपियों को फिलहाल नहीं छोड़ा गया है।”

विभाग ने दोहराया कि यह मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है और कहा कि पर्ल के परिवार के साथ खड़ा है।

सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) आदेश के विवरण के अनुसार, कोई भी बंदी अदालत की अनुमति के बिना किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा संघीय या प्रांतीय सरकारों द्वारा हिरासत में नहीं रखा जाएगा।

हालांकि, अदालत ने बंदियों के नामों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डालने का आदेश दिया है ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके जब तक कि उनके बरी होने के खिलाफ राज्य की अपील को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नहीं कर दिया जाता।

अदालत के फैसले को आने वाले दिनों में संघीय या प्रांतीय सरकार द्वारा चुनौती दिए जाने की संभावना है क्योंकि इससे देश की न्यायिक प्रक्रिया पर उंगलियां उठने लगी हैं। (एजेंसी)

क्रिसमस पर एंकर चारुल मलिक का अंदाज

charul malik anchor

एंकर चारुल मलिक (charul malik) अपने ख़ास अंदाज के लिए जानी जाती है. अलग-अलग मौकों पर उनका गेटअप ख़ास होता है जिसकी तारीफ़ भी होती है. क्रिसमस के मौके पर भी उन्होंने कुछ ऐसी ही वेशभूषा धारण की जो उनपर फबने के साथ-साथ क्रिसमस के उत्सव को भी जाहिर करता है. देखिये चारुल की चार तस्वीरें –

charul malik anchor
क्रिसमस पर एंकर चारुल मलिक
charul malik anchor
क्रिसमस पर एंकर चारुल मलिक
charul malik anchor
क्रिसमस पर एंकर चारुल मलिक
charul malik anchor
क्रिसमस पर एंकर चारुल मलिक

बबली और शीला का बिछौना देखकर आप भी हो जायेंगे भावुक !

street dog house

बबली का बिछौना..

बिछौना तो शीला का भी लगा है पर फिलहाल ये दोनों शायद कहीं तफरी करने गई हुई हैं.. नटखट भूरु और काली जरूर सुकून नींद निकाल रहे हैं..

कड़ाके की ठंड में ऐसा नर्म-गर्म बिस्तर मिल जाए तो क्या कहने..

इंदौर (Indore) के डॉग लवर्स ग्रुप की ‌की एक शानदार और अनुकरणीय पहल..

वंदना जैन और उनके साथियों ने ठंड के चलते #StreetDog के लिए शहर के कोने-कोने में बोरी से बनाए हुए ऐसे कई गद्दे लगवा दिए हैं..

नगर निगम का नाम सिर्फ इसलिए लिख दिया है कि कहीं नगर निगम वाले कचरा समझ कर ना उठा ले..

यह इंदौर नगर निगम सहित दूसरे नगरीय निकायों के लिए भी… बेशक उनके लिए भी जो इस मैसेज को पढ़ रहे हैं…

अपने आसपास के जानवरों को ठंड से बचाने की पहल करें …

आखिर ठंड तो इन्हें भी लगती है जनाब..

(सुनील सिंह बघेल के वॉल से साभार)

रवीश की नजर में व्हाट्सएप के भोर प्रचारक !

ravish kumar
ravish kumar whattapp messages

सुबह होते ही सुबह ऐसे बदरंग हाल में देखना अपने भीतर की सारी चेतनाओं का अंतिम संस्कार करने जैसा लगता है। ऐसे मैसेज भेजने वाले सुबह से भी नियमित है। किसी दिन इस दुनिया से सूरज अपना लोटा लेकर ग़ायब भी हो जाए और कह दे कि मैंने उगना डूबना छोड़ दिया है तो भी ये लोग मैसेज भेजते रहेंगे। गुड मार्निंग मैसेज भेजने वालों का नैसर्गिक संबंध मैसेज से है, सुबह से नहीं। एक जनाब तो मुझे रात के एक बजे भेजते हैं। उन्हें लगता है कि बारह बजते ही सुबह हो गई। साहब AM-PM के स्टार्टिंग प्वाइंट से ही सुबह को काउंट करने लगते हैं।

इन मैसेजों को खोज कर भेजने वालों को एक बीमारी ने धर लिया है। इसका नाम है मार्निंग मैनिया। यहाँ उल्लेख करना समीचीन होगा कि यह नाम मैंने रखा है। क्योंकि किसी लेख में अगर आप ‘मैं’ पर ज़ोर न दें तो पाठक को लगता है कि लेखक कॉपी पेस्ट वाला है। मैंने कई लोगों को लिखते वक्त ख़ुद को सीरीयसली लेते देखा है। काफ़ी तवज्जो देते हैं ख़ुद पर। जैसे कि वे एक मूर्ख समाज में समझोत्पादन करने का कोई भयंकर काम कर रहे हैं। उन्हीं से आज प्रेरित हो गया।

बहरहाल, सुबह से भी ज़्यादा अगर कोई सुबह को लेकर प्रतिबद्ध हो जाए तो उसका क्या किया जाए। भारत में कोई लोगों को लगता है कि जब तक व्हाट्स एप में गुड मार्निंग मैसेज भेजने की आज़ादी है, लोकतंत्र सुरक्षित है। आप गुड मार्निंग मैसेज के रूप में आने वाली तस्वीरों को देखें। इन्हें देखकर यक़ीन हो गया है कि 24 घंटे के पहर में कोई वक्त बदरंग है तो सुबह है। सुबह की अभिव्यक्तियाँ मर चुकी हैं। कुछ बची हैं जो मैसेज में दर्ज हैं। इसका मतलब है कि सुबह की भाषा मिट चुकी है। आप सुबह को प्रतिनिधि तस्वीरों के ज़रिए व्यक्त करने लगे हैं। कप प्लेट, पहाड़ के पीछे से निकलता सूरज, द चार फूल, कुछ संदेश अतिरिक्त।

ठीक इसी तरह आप ऐसे मैसेज और संदेशों के कारण नेहरू से लेकर जेएनयू और मुसलमानों को पहचानने लगे है। सारा ज्ञान और बोध सिमट जाता है। यही व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी है। मैसेज के साथ आने वाली तस्वीरें आपके दिमाग़ में भाषा की जगह बैठती चली जाएँगी। आप भाषाविहीन होते जाएँगे। आप के भीतर जागने सोने हंसने रोने के बोध पर इन तस्वीरों का क़ब्ज़ा हो जाएगा। ऐसे ही लोगों का समूह रोबोट और आईटी सेल से संचालित होने लगता है। इन चीजों को पहचानिए। इनसे छुटकारा पाइये।

मैं आप गुड मार्निंग मैसेज भेजने वालों को चिरकुट नहीं कहना चाहता। चिरकुट होना बिस्कुट होना है। चाय के साथ आ जाता है और न चाहते हुए भी चाय पीने वाला बिस्कुट खाने लगता है। पता ही नहीं चलता कि चाय पी रहा है कि बिस्कुट खा रहा है। ऐसा लगता है जैसे आप मुँह के भीतर चाय से आटा सान रहे हों। वही काम गुड मार्निंग मैसेज करता है।

मैं आपको भोर प्रचारक कहता हूँ। आप न हों तो दुनिया में भोर का प्रचार न हो। आप ‘भोर प्रचारकों’ की बदौलत ही इनबॉक्स में सूरज के निकलने का इंतज़ाम हो सका है। आप लोग रोबोट हो चुके हैं। मैसेज लिया और किसी के इनबॉक्स में ठेल दिया। मैंने यह लेख आपकी निंदा में नहीं लिखा है बल्कि इन मैसेजों से सुबह को बचाने के लिए लिखा है। मुझे सैंकड़ों की संख्या में लोग हर सुबह गुड मार्निंग मैसेज भेजते हैं। मेरा बस यही कहना है कि इस प्रक्रिया में गुड आफ़्टर नून उपेक्षित महसूस कर रहा है। उसका भी आप लोड ले लीजिए। क्योंकि मना करने से भी सुधरने वाले तो हैं नहीं । ओ भोर के सिपाही, थोड़ा दोपहर का ठेका ले लो रे, दोपहर रह गया है अकेले रे।इसे गाते रहिए। (रवीश कुमार के सोशल मीडिया से साभार)

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