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क्यों चुप रहे मनमोहन, क्यों बोलें मोदी?

1. जब देश जान चुका है कि भारत पाकिस्तान से डरता नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक से अभी मुँहतोड़ जवाब दिया गया है और पहले भी। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भी अकधिक बार ऐसे ही धावा बोला गया था।
लेकिन सवाल मन में यह आता है कि तब मनमोहन सिंह आख़िर चुप क्यों रहे?
2. उस वक़्त भी जब-जब ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक हुई, तत्कालीन विपक्ष यानी भाजपा से सरकार ने जानकारी साझा की थी। इस जानकारी के बावजूद भाजपा नेता मनमोहन सिंह पर लगातार वार करते रहे, उन्हें कायर तक कहा।
3. सवाल फिर वही है – कि पाकिस्तान को सबक़ सिखाने के बावजूद मनमोहन सिंह चुपचाप भाजपा के हाथों अपमान क्यों सहते रहे?
4. क्या यह सिर्फ़ संचार कौशल न होने का मामला था या जनता से संवाद स्थापित करने की नाकामी थी? या फिर सोच-विचार कर चुप रहने का सायास फ़ैसला था?
5. हम लोग, जो उस वक़्त की सरकार की अंदरूनी जानकारी रखते हैं, जानते हैं कि ये मनमोहन सिंह का दो-टूक फ़ैसला था कि देशहित में हमें चुप रहना चाहिए।
6. दरअसल, देशभक्ति चिल्लाने, ललकारने और सफलता मिलने पर अपनी पीठ ख़ुद ठोकने का नाम नहीं होती।
7. देश की ख़ातिर अक्सर चुपचाप क़ुरबानी देनी पड़ती है और उफ़्फ़ तक न करते हुए बहुत कुछ सह जाना पड़ता है।
8. ऐसे बहुत लोग हैं जो ज़िम्मेदारी के पदों पर रहे हैं, ज़ाहिर है वे वे बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन देशहित में चुप हैं, चुप रहेंगे।
9. मनमोहन सिंह की समझ यह थी कि युद्धोन्माद पैदा होने से भारत विकास के रास्ते से भटक जाएगा, हमारी तरक़्क़ी रुक जाएगी ।
10. इसीलिए उन्होंने पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक कर सबक़ दिया, लेकिन इसकी चर्चा नहीं की ।
11. इस नीति के चलते पाकिस्तान को यक़ीनन सबक़ मिला। 2010 के बाद कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई। कश्मीर में माहौल इस तरह सामान्य हुआ कि घाटी में पर्यटकों की बहार आ गयी । लेकिन ढोल न पीटकर युद्धोन्माद से बचा गया, आपसी तनाव भी नहीं बढ़ा और विकास की यात्रा में कोई रुकावट नहीं आने पाई। ख़ुद कुछ नुक़सान उठाया, लेकिन देश को बचाते रहे।
12. भारतीय लोकज्ञान में नीलकंठ की परम्परा सभी जानते हैं, जब शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए विष अपने गले उतार लिया था।
13. नीलकंठ की ज़रूरत हमें आज भी है, आगे भी रहेगी।
14. मोदीजी को इसे समझना होगा। वे इस देश का नेतृत्व हैं। पाकिस्तान को एक सबक़ वे सिखा चुके। ज़रूरत हुई तो और भी सिखाएँ। लेकिन भारत की प्रगति को बरक़रार रखना भी उनकी ही ज़िम्मेदारी है।
15. जुनून भी कभी ज़रूरी हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान को यह सुकून नहीं मिलना चाहिए कि उसने भारत के विकास-रथ को रोक दिया। ऐसा हुआ तो अंततः वह अपने मक़सद में कामयाब माना जाएगा ।
16. यह हमेशा याद रखें की भारत पिछले सत्तर साल में न टूटा है, न डरा है, न विफल हुआ है। 17. भय की भाषा बोलना और भय जगाना कमज़ोरी की निशानी है। मज़बूत राष्ट्र चुपचाप जवाब देते हैं और अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हैं।
‘मजाज़’ का शे’र है –
दफ़्न कर सकता हूँ सीने में राज़ को
और चाहूँ तो अफ़साना बना सकता हूँ।

@fb

ओम थानवी,वरिष्ठ पत्रकार

(एक प्रशासक की डायरी का पन्ना: पढ़ने को मिला था, नाम न देने की शर्त पर यहाँ साझा करता हूँ!)

केजरीवाल को एक्सपोज करने के लिए योगेन्द्र यादव लायेंगें न्यूज़ चैनल

योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण कीनई पार्टी स्वराज इंडिया
योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण कीनई पार्टी स्वराज इंडिया

आम आदमी पार्टी की बुनियाद खड़ी करने और सत्ता में लाने में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण का बड़ा योगदान है. लेकिन सत्ता में आते ही अपनी ख्याति के अनुरूप अरविंद केजरीवाल ने दोनों को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंका.

इससे तिलमिलाए योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण ने स्वराज इंडिया नाम से एक पार्टी का गठन किया ताकि केजरीवाल एंड टीम को टक्कर दी जा सके.

लेकिन उड़ती – उड़ती खबर आ रही है कि केजरीवाल को अच्छी तरह से एक्सपोज करने और मीडिया के मैदान में भी कड़ी टक्कर देने के लिए ‘स्वराज इंडिया’ एक अखबार और न्यूज़ चैनल ला सकता है. हालांकि अभी ये गॉसिप ही है, पार्टी की तरफ से आधिकारिक बयान आना बाक़ी है.

सोशल मीडिया पर पत्रकार संजय कुमार लिखते हैं –

मजेदार ख़बर!!!
—————-
शश्श्श्श्….सुना है योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की नई पार्टी ‘स्वराज इंडिया’ एक राष्ट्रीय अखबार और न्यूज़ चैनल भी लाने जा रहा है, ताकि केजरीवाल को अच्छे से एक्सपोज़ किया जा सके

सर्जिकल स्ट्राईक नरेन्द्र मोदी और नवाज़ शरीफ़ के बीच एक ‘फ़िक्स मैच’ तो नहीं…?

अरुण शौरी का ट्वीट
अरुण शौरी का ट्वीट

जीतेंद्र नारायण सिंह

मनमोहन सिंह ने कम-से-कम 6 सर्जिकल स्ट्राईक किए…मगर कभी राजनैतिक लाभ के लिए इसकी उपयोग नहीं किया…शर्मनाक है कि भाजपा पंजाब और उत्तर प्रदेश में सेना के नाम पर वोट माँग रही है…!!!

सर्जिकल स्ट्राईक नरेन्द्र मोदी और नवाज़ शरीफ़ के बीच एक ‘फ़िक्स मैच’ तो नहीं…???

(अरुण शौरी के तथाकथित पैरोडी एकाउंट से ट्वीट करके ये दावा किया गया है)




अरुण शौरी का ट्वीट
अरुण शौरी के पैरोडी एकाउंट से ट्वीट




अजीत अंजुम का जवाब नहीं,तारिक फतह पर उठाया सवाल

अजीत अंजुम,प्रबंध संपादक,इंडिया टीवी

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतह इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में इस हफ्ते आए और रजत शर्मा से गुफ्तगू की और पाकिस्तान को जमकर कोसा. परवेज मुशर्रफ से लेकर नवाज शरीफ तक किसी को नहीं छोड़ा. दरअसल इसी मकसद से उन्हें इंडिया टीवी के शो में बुलाया भी गया था क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जंगी माहौल में उनसे माकूल इंटरव्यू किसी और का नहीं हो सकता था. पाकिस्तान के अलावा उन्होंने इस्लाम पर भी काफी कुछ कहा. इसी सारे सवाल – जवाब पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने कुछ बुनियादी सवाल उठाये हैं. उनके सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि वे जिसपर सवाल उठा रहे हैं उसका इंटरव्यू खुद उनके ही चैनल पर चला.अजीत अंजुम इसके लिए बधाई के भी हकदार हैं नहीं तो ज्यादातर दूसरे संपादक सहमत न होने पर भी चुप्पी मार जाते हैं.बहरहाल उन्होंने तारिक फतह के इंटरव्यू पर जो कहा है, उसे पढ़े-




 

आप की अदालत में तारिक फ़तेह
आप की अदालत में तारिक फ़तेह

तारिक फ़तेह अगर मुसलमान न होते …पाकिस्तानी होकर पाक और पाकियों को गालियाँ न देते …मुसलमान होकर इस्लाम की बखिया न उधेड़ते …मुसलमान होकर मुस्लिम मुल्कों और उनके आकाओं पर इतने जुमले न उछालते … मुसलमान होकर हिन्दु और हिन्दुस्तान की ख़ूबियाँ न गिनाते.. मुसलमान होकर मुल्लाओं और मुस्लिम देशों और मुस्लिम बादशाहों को यूँ न कोसते ….और सबसे अंत में मुसलमान होकर मोदी को महान न बताते तो भारत में इतनी तालियाँ न बटोरते …अपनी तुकबंदी और जुमलों के बूते वो हिन्दु हृदय सम्राट बन रहे हैं …जो बातें तारिक फ़तेह कह रहे हैं , वहीं बातें कोई तारकेश्वर कह दे तो कौन सुनेगा …तारिक फतेह का कहने का अंदाज़ा जुदा है

आप की अदालत में तारिक फ़तेह
आप की अदालत में तारिक फ़तेह

..शब्दावली अलग है .टारगेट फ़िक्स है . चोट धारदार है . हिन्दुओं मे ग़ज़ब लोकप्रिय हो रहे हैं …लोग यही कहते हैं – क्या बोलता है यार …धोकर रख देता है ..भाई , तारिक फ़तेह जैसा बोलने वाला मुसलमान तो मैंने आजतक नहीं देखा …क्या बंदा है यार …और ये सच भी है कि आप उनसे सहमत हों या असहमत , उनको सुनेंगे तो सुनते रह जाएँगे … इसमें भी कोई शक नहीं कि मुसलमान होकर भी कट्टरपंथियों और आतंकपरस्त इस्लामी ताक़तों पर गहरी चोट करते हैं और किसी भी हद तक जाकर चोट करते हैं ..पाक आतंकियों का पनाहगाह है ये दुनिया जानती है लेकिन पाक की नापाक करतूतों पर जब तारिक अपने शब्दों /मुहावरों और जुमलों से वार करते हैं तो सुनने लायक होता है …भले ही आधी हक़ीक़त , आधा फसाना हो ..
एक मुसलमान होकर कट्टरपंथी मुसलमान /मुल्ला और आतंकपरस्त पाक पर बहुत मारक वार करने में उनका कोई जोड़ नहीं ..

फ़िलहाल मौक़े की नज़ाकत को समझकर तारिक वक़्त को फ़तह करने में जुटे हैं ….
मुसलमान उन्हें मुसलमान न मानते हुआ गालियाँ देते हैं और हिन्दु मुसलमान होकर भी उनके मन की बात कहने के लिए तालियाँ बजाते हैं …
आख़िर में ….

बड़ी आसानी से मशहूर हुआ मैं, अपने से बड़े शख्स को गाली देकर’
तारिक फ़तेह के लिए मुनव्वर राना का ये शेर …



डियर रुबिका आपका सर्जिकल स्ट्राइक अब बर्दाश्त के बाहर है

Rubika Liyaquat Anchor
पाकिस्तान पर ज़ी न्यूज़ की गोलाबारी

पाकिस्तान पर ज़ी न्यूज़ की गोलाबारी
पाकिस्तान पर ज़ी न्यूज़ की गोलाबारी
हिन्दुस्तान में पाकिस्तान का नाम लेना मतलब बर्रे के छत्ते में हाथ डालना.नेता,अवाम और मीडिया तीनों के लिए ये सुलगता विषय है.आपने छुआ नहीं कि भस्म हुए.उड़ी अटैक के बाद से ही भारत में माहौल गर्म और राजनीति चरम पर है.चैनलों के लिए तो मानों मन की मुराद पूरी हो गयी.उड़ी अटैक के जवाब में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तो उनकी लॉटरी ही निकल गयी.अब चैनलों पर दिन रात युद्ध ही युद्ध.वैसे तो संतुलन लगभग सभी चैनलों का खराब हो चुका है लेकिन अपनी ‘राष्ट्रभक्ति’ के लिए सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रहा न्यूज़ चैनल ज़ी न्यूज़ तो युद्धोन्माद में पागलपन की हद तक पहुँच चुका है.उसके एंकर स्क्रीन से ऐसे मामले को पेश कर रहे हैं मानों युद्ध शुरू हो चुका और वे बंकर से बैठकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं.चीखते-चिल्लाते-गुर्राते एंकर और उनकी शब्दावली तो सुभान अल्लाह.और जब से पाकिस्तान के आतंकी हाफ़िज़ सईद ने ज़ी का नाम लिया है तब से तो इनका मिजाज़ और गर्म हो गया है. चैनल की एक एंकर रुबिका लियाकत तो इस जुबान में ज़हर उगल रही हैं मानों भारत-पाकिस्तान समस्या का हल उनके बुलेटिन में छुपा हुआ है. इसीपर सोशल मीडिया पर एक दर्शक प्रतिक्रिया देते हुए लिखते हैं –

डिश टीवी के 555 नंबर से हमेशा गुर्राने की ही आवाज़ आती है।आसपास से गुजरते हुए सावधानी बरतिएगा।गलत बटन दबा दिए तो सीधे पाकिस्तान में हाफ़िज़ सईद के सामने ही गिरेंगे।

वही सज्जन आगे लिखते हैं –

‘रुबिका’ जंग हम जीत चुके हैं।हाफ़िज़ सईद ने ज़ी न्यूज़ का नाम भी ले लिया है।गांधी जी के नाम पर ही सही आज तो कम से कम बख्श दीजिये।आपका सर्जिकल स्ट्राइक अब बर्दाश्त के बाहर है।

वाकई में इनका सर्जिकल स्ट्राइक अब बर्दाश्त के बाहर है. #एंकर को देखते ही सामने #बंकर घूमने लगता है।

सोशल मीडिया पर मीडिया खबर

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