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‘आजतक’ शर्म करो ‘मुहर्रम’ के दिन तो ‘सईद अंसारी’ से खबर मत पढ़वाओ

sayeed ansari
सईद अंसारी,एंकर,आजतक

(ओम प्रकाश,दर्शक,आजतक)-

सईद अंसारी,एंकर,आजतक
सईद अंसारी,एंकर,आजतक

saeed-ansari-2आजतक पेशेवर न्यूज़ चैनल है और यही वजह है कि लंबे समय से हिंदी न्यूज़ चैनलों में चोटी पर बना हुआ है. यहाँ काम करने वाले पत्रकार भी बेहद प्रोफेशनल हैं और छुट्टी की परवाह किये बिना भी अपने काम में जुटे रहते हैं.

यहाँ तक कि वक्त आने पर पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे वरिष्ठ पत्रकार भी 12-12 घंटे तक न्यूज़ स्टूडियो में लगातार ख़बरें पेश करते नज़र आते हैं. लेकिन कुछ ऐसे मौके होते हैं जब पत्रकारों को व्यक्तिगत या धार्मिक कारणों से भी छुट्टी मिलनी चाहिए, चाहे वो मांगे या न मांगे.

आज मुहर्रम का दिन है और मुहर्रम हर मुसलमान के लिए बेहद पाक दिन होता है.इसी वजह से सरकारी छुट्टी भी होती है. प्राइवेट सेक्टर में गैर मुस्लिम् काम करते हैं और बाकी छुट्टी पर रहे हैं.

लेकिन आजतक पर आज सईद अंसारी को ख़बरें पढ़ते देख दुःख हुआ. वैसे दुख तो उनके चेहरे से भी ऑनस्क्रीन झलक ही रहा था.आजतक का कट्टर दर्शक होने की वजह से हर एंकर का चेहरा तो पढ़ ही सकता हूँ.

ख़ैर मुहर्रम के दिन छुट्टी तो दूर की बात ऐसा लगता है कि सईद अंसारी की डबल ड्यूटी लग गयी.पुण्य प्रसून की जगह दस तक भी उन्हीं से करवाया.

एक दर्शक के नजरिये से मुझे ये बात अच्छी नहीं लगी और दिल से आह निकली ‘आजतक’ शर्म करो ‘मुहर्रम’ के दिन तो ‘सईद अंसारी’ से खबर मत पढ़वाओ.

आजतक का एक दर्शक

ओम प्रकाश

(दर्शक की नज़र से)

अरविंद केजरीवाल पार्टी प्रचार के लिए सरकारी छुट्टी लेते हैं क्या?

संदर्भभाजपा के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री क्या सरकारी अवकाश लेते हैं?




सत्यानंद निरुपम
सत्यानंद निरुपम

सवाल तो यह भी है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने स्वास्थ्य-सुधार अभियान से लेकर पार्टी प्रचार हेतु विभिन्न राज्यों के भ्रमण तक के लिए छुट्टी लेनी पड़ती है या नहीं? अगर वे ऐसे निजी कामों के लिए कार्यालय से छुट्टी लेते रहे हैं तो अब तक उन्होंने कुल कितने दिनों का अवकाश ले रखा है? आखिर भारत में किसी मुख्यमंत्री को साल भर में कितने रोज की छुट्टी का प्रावधान है? ठीक उसी तरह जैसे भारत के प्रधानमंत्री के लिए भी कोई प्रावधान होगा! जहाँ तक मुझे याद है, मई 2003 में मनाली में छुट्टी पर गए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने कई जरूरी फाइल वहीँ से निपटाए थे और सुरक्षा मसले पर अहम् टेलिफोनिक वार्ता भी की थी। और भी प्रधानमंत्रियों के ऐसे किस्से हैं। वे लोग छुट्टी लेते थे इसलिए निकम्मे नहीं हो जाते। जो नहीं ले रहे, वे कामबहादुर हों, ऐसा भी नहीं है।

मेरी तो बस एक ही जिज्ञासा है। पार्टी के काम से या निजी काम से प्रधानमंत्री कार्यालय या मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर रहना अवकाश की श्रेणी में आता है या नहीं आता है? अगर नहीं आता तो इसकी क्या वजह है? अगर परंपरा में ऐसा ही होता रहा है तो देशप्रेमी कर्तव्यनिष्ठ प्रधानमंत्री फर्जीवाड़े की ऐसी परम्परा को कूड़ेदान में डालें। एक नई मिसाल कायम करें। इतिहास बदल जाएगा। वे वाकई अमर हो जाएंगे। सरकार की जिम्मेदारी संभाल रहे तमाम नेता पार्टी कार्य के लिए पहले अवकाश लें, तब कार्यालय से बाहर जाएँ। पार्टी और सरकार के कार्यों को अलग किया जाए। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री कार्यालय में उपस्थिति दिखा कर कोई निजी काम करने या अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने जाने को ईमानदारी तो नहीं ही कहते!




जागरण के डिजीटल टीम के साथ जुड़े हीरेन्द्र झा

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जागरण के डिजीटल टीम के साथ जुड़े हीरेन्द्र झा

पत्रकारों में डिजीटल मीडिया का क्रेज तेजी से बढ़ता जा रहा है. अच्छे – अच्छे पत्रकार ऑनलाइन पत्रकार के रूप में डिजीटल मीडिया में आ रहे हैं. इसी कड़ी में नया नाम है हीरेन्द्र झा का.

हीरेंद्र झा ने अपनी डिजीटल पारी की शुरुआत मुंबई जागरण की डिजिटल टीम के साथ की है. वे दैनिक जागरण डॉट कॉम के लिए एसिस्टेंट डेस्क एडिटर, इंटरटेनमेंट के रूप में काम करेंगे.

दस साल दिल्ली में पत्रकारिता और लेखन से जुड़े रहने के बाद पिछले एक साल से वे मुम्बई में रह रहे थे। मुंबई से पहले वे दिल्ली में जुलाई 2013 से सितम्बर 2015 तक “आधी आबादी” पत्रिका के सहायक संपादक के रूप में भी काम कर चुके हैं.

आकाशवाणी के लिए सैकड़ों नाटक लिख चुके हीरेंद्र डीडी किसान के लिए ” आदर्श ग्राम” और डीडी उर्दू के लिए ” जहान-ए -निस्वाह जैसे कार्यक्रम लिख चुके हैं.उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जन
संचार में एम ए की पढ़ाई की है. नई पारी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए मीडिया खबर की तरफ से शुभकामनाएं.

journalist hirendra jha
जागरण के डिजीटल टीम के साथ जुड़े हीरेन्द्र झा

पत्रकारों के अधिकार पर दिल्ली पत्रकार संघ का व्याख्यान

दिल्ली पत्रकार संघ
दिल्ली पत्रकार संघ




दिल्ली पत्रकार संघ
दिल्ली पत्रकार संघ

दिल्ली पत्रकार संघ शनिवार, 15 अक्टूबर, 2016 को दोपहर तीन बजे 27 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित दत्तोपंत ठेंगड़ी भवन के समाभार में “पत्रकारों के अधिकार” विषय़ पर वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस काउंसिल के दो बार सदस्य रहे डा. नन्द किशोर त्रिखा जी का एक विशेष व्याख्यान आयोजित कर रहा है।

नवभारत टाइम्स के पूर्व स्थानीय संपादक रहे डा. त्रिखा प्रेस कानून और पत्रकार मसलों के जानकार हैं। वे मजीठिया वेज बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष श्री रास बिहारी करेंगे, जबकि वरिष्ठ पत्रकार और दिल्ली पत्रकार संघ के पूर्व महासचिव श्री मनोज मिश्र इस अवसर पर विशेष अतिथि होंगे।

इस कार्यक्रम में सभी पत्रकार सादर आमंत्रित हैं।

(प्रेस विज्ञप्ति)



पत्रकार रविशंकर रवि और संजय सिंह को मिलेगा आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान

आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान की घोषणा
आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान की घोषणा

(प्रेस विज्ञप्ति)-

आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान की घोषणा
आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान की घोषणा

वर्ष 2016 के आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान की घोषणा कर दी गयी। अपने— अपने क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धी अर्जित किए इन लोगों आगामी 16 अक्टूबर को मुंगेर नगर भवन में अपराह्न तीन बजे आयोजित समारोह में बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती जी सम्मानित करेंगे। इस समारोह में मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त श्री नवीनचंद्र झा भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। इस वर्ष पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दैनिक पूर्वोदय, गुवाहाटी के संपादक श्री रविशंकर रवि, दैनिक जागरण भागलपुर संस्करण के मुख्य उप संपादक श्री संजय सिंह को दिया जाएगा। वहीं साहित्य के लिए ख्याति प्राप्त गजलगो अनिरूद्ध सिन्हा का चयन किया गया है। जबकि वीरपुर निवासी पंचम नारायण सिंह का चयन समाजसेवा के क्षेत्र में और श्रीमती यशस्वी विश्वास का चयन कला संस्कृति के क्षेत्र में क्षेत्र में किया गया है। यह जानकारी आचार्य लक्ष्मी मिश्रा स्मृति सम्मान के चयन समिति के सदस्य तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने दी। इस चयन समिति में प्रसून लतांत के अतिरिक्त सूचना एंव जनसंपर्क पूर्व उपनिदेशक डॉ रामनिवास पांडेय, तिलकामांझाी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाघ्यक्ष डॉ नृपेन्द्र प्रसाद वर्मा, अमरेन्द्र मिश्रा और मनोज सिन्हा है। आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्रा स्मृति समारोह के अवसर पर’ अहिंसक लोकशक्ति, शिक्षा और पत्रकारिता पर संगोष्ठी भी होगी।आचार्य मिश्र बिहार के चर्चित पत्रकारों में एक रहे हैं। आप सभी इस समारोह में सादर आमंत्रित हैं। पिछले वर्ष यह सम्मान पत्रकारिता के लिए राणा गौरीशंकर को, साहित्य के लिए अतुल कुमार को, शिक्षा के लिए अमिता मोइत्रा को, समाजसेवा के लिए बंदना झा को और पर्यावरण के लिए अनिल राम को प्रदान किया गया था।

सम्मानित होनेवाले का परिचय-

रविशंकर रविः- भागलपुर के कोहड़ा ग्राम में जन्में रविशंकर रवि 1986 से नवभारत टाइम्स से सक्रिय पत्रकारिता में आए। लंबे अरसे से पत्रकारिता और पूर्वोत्तर की हिन्दी पत्रकारिता का जाना-पहचाना नाम है। पूर्वोत्तर के साहित्य और संस्कृति को पूरे देश के हिन्दी पाठकों तक पहुंचाने के लिए गुवाहाटी से उलुपी नामक पत्रिका का 1997 से संपादन-प्रकाशन। पूर्वोत्तर के बारे में नई दुनिया, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, आउटलुक, राष्ट्रीय सहारा समय समेत कई राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन और जर्मन रेडियो-डच वेले और व्याइस आफ अमेरिका की हिन्दी सेवा के लिए पूर्वोत्तर से संवाद प्रेषण। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा रूपकुअंर ज्योतिप्रसाद आगरवाला, असम साहित्य सभा- असम का महाकुंभ, असमिया का प्रतिनिधि कहानियां का संपादन भी किया है। इन्हें विष्णु प्रभाकर पत्रकारिता सम्मान तथा असम सरकार के अधीन असम पयर्टन विकास निगम का बेस्ट फीचर (प्रिंट)अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

श्री संजय सिंह:- मुंगेर के हवेलीखड़गपुर में पले-बढे संजय सिंह का रूझान हिन्दी पत्रकारिता की ओर रहा। उचित शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी इन्होंने सरकारी सेवा की ओर रूख नहीं किया। पत्रकारिता के प्रति प्रतिवद्ध रहे और अपनी लेखनी के माध्यम से पत्रकारिता में रहकर अपने उत्कर्ष की ओर गतिमान रहे। यही कारण है कि बड़े प्रतिष्ठानों से निकलनेवाले समाचार पत्र समाचार गंभीरता से लेते हुए अपने संस्थान से जोड़ने का प्रयास करते रहे। इनका पत्रकारिता का सफर पाटलिपुत्र टाईम्स, नवभारत टाईम्स, हिन्दुस्तान आदि से होता हुआ वर्तमान में वर्तमान में दैनिक जागरण भागलपुर में मुख्य उप संपादक के रूप में पड़ाव पर है। पत्रकारिता के इतने लंवे सफर के बाद भी इनकी छवि वेदाग है। यह बहुत बड़ी बात है। इनकी निश्छल वाकपटुता इन्हें अन्य पत्रकारों से अलग करती है। इसका कारण है इनकी कथनी और करनी में एकरूपता है।

श्री अनिरूद्ध सिन्हा:- मुंगेर में जन्में एवं स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात सरकारी सेवा में आए।साहित्य उन्हें विरासत में मिला है। उनके बड़े भाई बाल्मिकी बिकट हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि थे जो दिनकर के समकालीन थे। उन्होंने अपना लेखन स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही आरंभ कर दिया था जो अहर्निस जारी है। अब तक उनकी कुल मौलिक पुस्तकें तेरह हैं। दो पुस्तकों का संपादन भी किया है। तीन पत्रिकाओं के विशेषांक का भी संपादन किया है। बिहार राजभाषा, बिहार उर्दू अकादमी तथा देश की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। हाल ही में नई धारा की घोषणा के आधार पर नई धारा रचना सम्मान किया जाएगा। हिन्दी गजल लेखन के साथ-साथ हिन्दी गजल की आलोचना पर भी इन्होंने काफी काम किया है। हिन्दी गजल समाज में इनका कद बहुत बड़ा है।

यशस्वी विश्वास:- जमालपुर में जन्मी यशस्वी विश्वास ने साहित्य और संगीत के क्षेत्र में अलग पहचान बनायी है। प्रयाग विश्वविद्यालय से संगीत शिक्षा ली। साथ ही मूल शिक्षा भी ग्रहण करती रही। तत्पश्चात होमियोपैथिक में चिकित्सक की डिग्री हासिल कर फिलहाल इंटर्नशिप कर रही है। उनकी खास विशेषता है कि गजल पाठ हो या गायन श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर देती हैै। मंचों के साथ-साथ पत्र- पत्रिकाओं खासी पैठ है। जाति, घर्म से परे सद्भावना के क्षेत्र में काम कर रही है। भागलपुर में अंग मदद फांउडेशन की ओर अंग महिला सम्मान के साथ- साथ कई सम्मानों से सम्मानित हो चुकी है।

पंचम नारायण सिंह:- सुपौल जिला के कुनौली में जन्मे पंचम नारायण सिंह पंचम भाई के नाम से लोकप्रिय हैं।देश के लगभग बड़ी-बड़ी गांधी, विनोबा जी की संस्थाओं/संगठनों सेवाग्राम आश्रम, पवनार आश्रम, साबरमती आश्रम, प्रस्थान आश्रम से समाज सेवा को ही लक्ष्य मानकर गाॅव के गरीब, दलित, महादलित, शोषित, पिड़ीत, प्रताड़ित, उपेक्षित, बंचित समुदाय को अनत्योदय से सर्वोदय के सिद्धांत पर समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का संकल्प लेकर आज तक सतत् प्रयासरत है। सम्पुर्णक्रान्ति के अनेक नेताओं जिनमें स्व0 सिद्धराज ढड्ढा , स्व0 प्रो0 ठाकुरदास बंग , स्व0 आचार्य राममूर्ति , श्री गंगा प्रसाद अग्रवाल , श्री रामजी भाई, श्री अमरनाथ भाई, डाॅ0 सच्चिदानन्द , डाॅ0 रामजी सिंह, स्व0 त्रिपुरारी शरण , श्री एस0 एन0 सुब्बाराव , श्री शिवानन्द भाई आदि के साथ सर्वोदय, सम्पुर्णक्रान्ति का प्रत्यक्ष अभ्यास करने की दिशा में प्रयासरत। पर्यावरणविद् स्व0 सुन्दरलाल बहुगुणा जी के सानिध्य में गंगासागर से गंगोत्री तक साईकिल यात्रा में भागीदारी।शोषित, पीड़ित, प्रताड़ित, उपेक्षित, बंचित समुदाय के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती, आपदा के समय राहत-पुनर्वास, हक और अधिकार हेतु जागरूकता, कानुनी सहायता, बाल एवं महिला व्यापार को रोकना, बाल एवं बंधुआ मजदूरी को रोकने, आदि की दिशा में काम लगातार जारी। ।

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