एंकर सुशांत सिन्हा अब जल्द ही इंडिया न्यूज़ के स्क्रीन पर ये कहते नज़र आयेंगे कि मैं हूँ सुशांत सिन्हा और आप देख रहे हैं इंडिया न्यूज़. अभी एक हफ्ते पहले ही उन्होंने एनडीटीवी को अलविदा कहा था.यहाँ इनकी नियुक्ति सीनियर एंकर और डेपुटी एडिटर के तौर पर हुई है.
एनडीटीवी इंडिया से पहले सुशांत न्यूज़24 और लाइव इंडिया में काम कर चुके हैं.
10अक्टूबर को फेसबुक पर एनडीटीवी छोड़ने की खबर साझा करते हुए उन्होंने वायदा किया था कि नई पारी की जानकारी भी यहाँ साझा करेंगे. आज अपना वायदा पूरा करते हुए उन्होंने फेसबुक पर इंडिया न्यूज़ ज्वाइन करने की सूचना अपने चाहने वालों तक पहुंचाई. भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं.
भारत में चीन के सामान के बहिष्कार की मुहिम जोर पकडती जा रही है. अब तो पातंजलि के कर्ताधर्ता और योग गुरु बाबा रामदेव भी चीन के सामान के विरोध में उतर आए हैं.
बाबा रामदेव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चीन के सामानों की ख़रीद बंद करके ही चीन पर नियंत्रण किया जा सकता है.चीन के सामान को ख़रीदना देश के दुश्मन की मदद करने जैसा है.उन्होंने कहा, दीवाली से लेकर सभी त्यौहारों पर, यहां तक कि हमारे घर में राम, कृष्ण, हनुमान और गणेश जी की भी मूर्तियां चीन से आ रही हैं.
बहरहाल चीन के सामान का पूरी तरह से तुरंत बहिष्कार कर देना संभव भी नहीं जान पड़ता. लेकिन बहिष्कार का समर्थन करने वाले अपने-अपने तरीके से जागरूकता फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में एक एनीमेशन भी जारी किया गया. देखें –
अरनब गोस्वामी को “पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण” उसी दिन मिल गया था, जिस दिन उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का Soft Interview लिया था. भारत सरकार की ओर से अरनब को मिली Y कैटिगरी की सुरक्षा उसकी पहली कड़ी भर है.
Soft Journalism का ये कमाल आगे कइयों के सिर चढ़कर बोलने वाला है. Soft रहके ही स्वादिष्ट SOFTY खाई जा सकती है. बस Softy पिघलने से पहले उसे गटकने का हुनर आना चाहिए.
Soft Journalism तेजी से फैलती बीमारी है. पत्रकारों के अलावा सोशल मीडिया पर citizen journalists भी द्रुत गति से इसकी चपेट में आ रहे हैं.
अरनब गोस्वामी रिटार्यड पाकिस्तानी फौजियों-विशेषज्ञों को अपने शो में बुलाकर खूब लताड़ते हैं, दूसरों से गरियावाते हैं और बदले में उन पाकिस्तानियों को अपने शो में शामिल होने की मोटी फीस देेते हैं. वरना अरनब की गाली सुनने कौन पाकिस्तानी उनके शो में शामिल होगा?
फिर वही अरनब को कोई धमकी दे देता है. पाकिस्तान वाला ही कोई होगा. और अरनब को Y कैटिगरी की सुरक्षा मिल जाती है. लेकिन भारत सरकार को कोई नुमाइंदा और अरनब को सुरक्षा देने वालों में से कोई ये बताएगा कि अरनब की जिन बातों को सुनकर पाकिस्तान वालों की तरफ से उन्हें धमकी मिली है, वही आतंकी पाकिस्तान में ही रह रहे उन रिटार्यड फौजियों-विशेषज्ञों को क्यों नहीं धमकाते कि खबरदार जो अरनब के शो में शामिल हुए तो!! अरनब के शो के गेस्ट तो वहीं रह रहे हैं, उन्हें धमकाना आसाना है. अरनब तो इंडिया में है, उन्हें धमकाना मुश्किल है.
आपका लड़का अगर गलत रास्ते पर चल पड़ेगा तो आप पहले उसे डांटेंगे-समझाएंगे या फिर मुहल्ले के उस दादा के धमकाएंगे कि खबरदार ! जो मेरे बेटे के साथ दुबारा दिखे तो !! पहले आप अपने बच्चे को ही समझाएंगे ना. फिर सीमा पार से धमकी देने वाले पहले अपने पाकिस्तानी भाइयों को ही समझाएंगे-धमकाएंगे ना कि भारत के किसी भी टीवी शो में पार्टिसिपेट ना करो. या फिर दंबूक लेकर भारत के टीवी एंकरों को ही धमकाना शुरु कर देंगे ??!! सोचने वाली बात है.
फिर भी अरनब डर गए. सरकार भी डर गई. झटपट अरनब को बड़ी वाली सुरक्षा दे दी गई. उनका शो जारी रहेगा. फुंक चुके पाकिस्तानी विशेषज्ञ उनकी शो की शान बढ़ाते रहेंगे, टाइम्स नाऊ उनकी खाली जेबें गर्म करता रहेगा और शो चलता रहेगा.
सब फिक्स है. अरनब को अगर इतना ही खतरा है तो उनका संस्थान और वे खुद प्राइवेट सिक्युरिटी गार्ड क्यों नहीं रख लेते??!1 गजब पतन हुआ है ई अरनब का. सारा किया-धरा मट्टी में मिलाई दिया रे. अब से उसे अरनब गोस्वामी नहीं, भक्त अरनब कह के बुलाया जाएगा.
टाइम्स नाऊ के प्रमुख अर्नब गोस्वामी सिर्फ खबर करते नहीं, बल्कि ख़बरों में भी रहते हैं. दूसरे शब्दों में कह लीजिए कि वर्तमान में देश-विदेश में सबसे ज्यादा किसी भारतीय पत्रकार/एंकर की चर्चा होती है तो वो अर्नब गोस्वामी ही हैं.इसलिए वे बहुत सारे बुद्धजीवियों आदि के निशाने पर भी रहते हैं. लेकिन अब वे आतंवादियों के निशाने पर भी आ गए हैं.
पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. इस धमकी के तत्काल बाद सरकार ने अर्नब को वाई कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है.इसके तहत अर्नब की सुरक्षा में 24 घंटे दो सिक्यूरिटी ऑफिसर समेत 20 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
अर्नब को पाकिस्तान के किस आतंकवादी संगठन ने धमकी दी है, उसके नाम का खुलासा अबतक नहीं हुआ है और धमकी किस बात के लिए दी गयी है, उसके बारे में भी ठीक-ठीक पता नहीं चला है. हां ये शत प्रतिशत तय है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन उनकी पाकिस्तान और आतंक विरोधी ख़बरों से जरूर नाराज़ है.
वैसे अर्नब पहले ऐसे पत्रकार नहीं हैं जिन्हें सरकारी सुरक्षा प्रदान किया जा रहा है. वर्तमान में ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी(एक्स कैटेगरी), समाचार प्लस के संपादक उमेश कुमार (वाई कैटेगरी) और पंजाब केसरी के आश्विन चोपड़ा (जेड प्लस) को भी सरकार ने खतरे की वजह से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाया हुआ है.