Home Blog Page 1043

इंडिया टीवी की चिरकुटई ने निकम्मा बना दिया !

india tv world end

डीटीएच की बदौलत चैनलों की पहुँच दूर – दराज के गाँवों तक हो गयी है जहाँ कुछ लोगों के पास ही टेलीविजन होता है. वहां बिजली के अभाव में लोग जेनरेटर या ट्रैक्टर की बैटरी से टेलीविजन देखते हैं.

अब जहाँ इतनी दिक्कत से लोग कुछ देर टेलीविजन देख पाते होंगे उनकी टेलीविजन कार्यक्रमों और समाचार चैनलों की खबरों में कितनी गहरी रुचि होगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. ऐसे गाँव – देहात में खबरिया चैनलों की खबर का असर भी गहरा होता है और समाचार चैनलों की खबरों को लोग सच मानकर चलने लगते हैं.

इंडिया टीवी की एक ऐसी ही खबर से पिछले काफी समय से गाँव – देहात में लोग चिंतित थे. खबर दुनिया के खत्म होने की.

इंडिया टीवी चिरकुटई करते हुए अलग – अलग अंदाज़ में ये ख़बरें चलाता रहा कि 21 दिसंबर, 2012 को खत्म हो जायेगी.

असर ये हुआ कि लोगों में भय का वातावरण फैल गया. कुछ लोग इसे सच मानकर चल रहे थे और डर की वजह से इस अफवाह को हवा भी दे रहे थे.

इंडिया टीवी अपना पिछाड़ी सामने कीजिये, सोंटा मारना है !

india tv world end

चलिए इंडिया टीवी, एक – एक सोंटा लगाकर आते हैं

आप इस पोस्ट को पढ़ पा रहे हैं. मतलब दुनिया खत्म नहीं हुई है. 21 दिसम्बर आ गया और चला भी जाएगा. लेकिन दुनिया के खत्म होने का कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा. अमेरीका की स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि 21 दिसंबर 2012 को दुनिया का आखिरी दिन नहीं होगा.

यानी समाचार चैनलों के संपादकों और उनके प्रोड्यूसरों की सारी मेहनत मिट्टी में मिल गयी जो दुनिया के खत्म होने से संबंधित खबरों को बनाने में उन्होंने लगा दी.

ऊपर से नासा की चिरकुटई करते हुए ये कहना कि अभी दुनिया खत्म होने नहीं जा रही. भला ये भी कोई बात है. नासा का बेड़ा गर्क हो जो चैनलों के लिए आगे का भी रास्ता बंद कर रहा है और हम दर्शकों को खबरिया चैनलों की बेमिसाल स्टोरीज को देखने से वंचित कर रहा है. सत्यानाश हो इस मुएँ नासा का और इस नामुराद पर सीधे शनि ग्रह आकर गिरे.

समाचार चैनलों का एग्जिट पोल – सच और कल्पना का अंतर

समाचार चैनलों पर चुनाव परिणाम के पहले एग्जिट पोल सर्वे बहुतायत में होते हैं. कई बार ये सर्वे सही साबित होते हैं तो कई दफे बिलकुल गलत. गुजरात चुनाव के पहले भी सभी चैनलों ने अलग – अलग संस्थानों के साथ मिलकर सर्वे करवाया. अब चुनाव परिणाम आ चुके हैं तो दौर है चुनाव परिणामों और एग्जिट पोल के तुलनाताम्क अध्ययन का. कलकत्ता विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे जगदीश्वर चतुर्वेदी की नज़र में समाचार चैनलों का एग्जिट पोल :

1. हिमाचल के बारे में एग्जिट पोल सर्वे गलत साबित हुए हैं। इन सर्वेक्षणों में जो अनुमान भाजपा के बारे में लगाए गए थे वे सही साबित नहीं हुए हैं। मसलन सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर है। इस सर्वे में कांग्रेस को 41 फीसद और भाजपा को 40 फीसद वोट मिलने की बात कही गई है। सीटों के हिसाब से देखें तो इस सर्वे में कांग्रेस को 29-35 सीटों पर जीत दिखाई गई है तो भाजपा को भी कमोबेश इतनी ही सीटें दी गई हैं। वहीं सीवोटर्स द्वारा कराए गए सर्वे में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए दिखाया गया है। इसमें कांग्रेस को 40 सीटों पर विजयी दिखाया गया है जबकि भाजपा के खाते में कुल 24 सीटें ही दिखाई गई हैं। वहीं सीएनएन आईबीएन के सर्वे में भी कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर होने की बात सामने आई है। इस सर्वे में कांग्रेस को कुल मतों का 41 फीसद और भाजपा को 40 फीसद मत मिलने का दावा किया गया है। न्यूज 24 के सर्वे में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत दिया है। इस सर्वे में कांग्रेस को 40 सीट और भाजपा को 23 सीटें दी गई हैं। ताजा परिणाम बताते हैं कि भाजपा को 26 और कांग्रेस को 36 सीटें मिली हैं।

टाइम्स नाउ पर गुजरात का शेर हिमाचल का बकरा

vinod kapdi

नरेंद्र मोदी और भाजपा की गुजरात में जीत के बाद अंग्रेजी और हिंदी के न्यूज़ चैनलों पर लगातार विश्लेषण चल रहा है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर मंथन शुरू हो गया है.

आजतक के अभिसार शर्मा मोदी की जीत से इस कदर उत्साहित हो गए कि उन्हें 2014 का प्रधानमंत्री ही करार दिया. ज़ी न्यूज़ पर भी उनका महिमामंडन चल रहा है और तारीफों के पुल बंधे जा रहे हैं.

वही कुछ चैनलों पर कटाक्ष का दौर भी शुरू हो चुका है. इसी क्रम में टाइम्स नाउ पर एक मजेदार टिप्पणी आयी. टाइम्स नाउ पर पत्रकार जे.स्वामीनाथन अय्यर ने कहा कि गुजरात का शेर हिमाचल का बकरा. कलकत्ता विश्वविश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा –

नरेंद्र मोदी ज्यादा टेलीविजन देख रहे हैं – दिबांग

मीडिया पर मोदी का निशाना

मोदी मीडिया से नाराज हैं. गुजरात में जीत के बाद अपने पहले संबोधन में ही मीडिया पर मोदी ने कई बार निशाना साधा. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि टीवी पंडितों को जीत पच नहीं रही है.

टेलीविजन चैनलों पर मोदी की गुजरात में तीसरी जीत को कम कर आंकने को लेकर मोदी नाराज दिखे. इसी वजह से अपने भाषण के दौरान मीडिया को कई बार आड़े हाथ लिया.

एबीपी न्यूज़ पर वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने सुमेरा खान के पूछने पर कहा कि लगता है कि मोदी ज्यादा टेलीविजन देख रहे हैं और देख ही नहीं रहे बल्कि चुनाव विश्लेषण से उनके दिल को चोट भी पहुँच रही है.

सोशल मीडिया पर मीडिया खबर

665,311FansLike
4,058FollowersFollow
3,000SubscribersSubscribe

नयी ख़बरें

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों से निपटने को संसदीय पैनल की...

नई दिल्ली: संसदीय स्थायी समिति ने फर्जी खबरों को लोकतंत्र और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए "गंभीर खतरा" बताते हुए इसके खिलाफ कड़े उपाय अपनाने...