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आध्यात्मिक और लाइफ स्टाइल वेब चैनल प्रेरणा टीवी लॉन्च

आप लोगों को बताने में अति हर्ष हो रहा हैं कि भारत का पहला ऑन लाइन स्पिरिचुअल और लाइफ स्टाइल वेब टीवी चैनल एक जनवरी २०१३ से लांच किया जा चूका है। इस चैनल पर, विश्वभर में दर्शकों को आध्यात्मिक और लाइफ स्टाइल से जुड़ा हुआ कंटेंट मिलेगा। हमारा मकसद भारत की संस्कृति के दर्शन विदेशों में रह रहे उन भारतीयों तक पहुँचाना है जो अपने देश की संस्कृति को विदेशों में भी रह कर महसूस करना चाहते हैं।

हमें लगता है कि दर्शकों की ओर से हमारे इस प्रयास को खासा पसंद किया जायेगा। क्योंकि ये अपने आप में पहला और अनोखा प्रयोग है। अभी प्रेरणा वेब टीवी से ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, स्वामीनारायण मंदिर कुंडल धाम, डॉ. वशिष्ठ (लाल किताब एक्सपर्ट), शंकर साहने अपनी हनुमान चालीसा पाठ और सबसे प्रसिद्ध महामृतुन्जय मंत्र के साथ जुड़ गए है।

आगे कई अन्य प्रोग्रामों को जोड़ा जा रहा हैं। हमारा मुख्य उद्देश अपने उन लोगों को जोड़ना है जो भारत के बहार रहते हैं। जल्द ही प्रेरणा वेब टीवी का मोबाइल एप्लीकेशन भी लाया जाएगा जिससे की इसे दर्शक अपने स्मार्ट फोन पर भी आसानी से देख सकेंगे । इसे तकनीकि रूप से पूरी तरह आईपी टीवी, स्मार्ट फोन आदि के लिए समृद्ध बनाया जा रहा है। इस चैनल को www.prerna.tv पर जाकर देखा जा सकता है।

समाचार चैनलों के एंकर लोकतंत्र के लिए खतरा – मणिशंकर अय्यर

समाचार चैनलों के एंकर को राज्य सभा सदस्य मणिशंकर अय्यर लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. ये बात बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कही. उन्होंने न्यूज़ चैनलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आप कितना भी उनको कह लीजिये कि पूरी बात दिखाना लेकिन जैसे ही टीवी वालों की स्टोरी बन जाती हैं झूठ शुरू हो जाता है. वो टीवी में नीचे जो टिकर चलता है उसमें आपके शब्दों को तोड़ मरोड़ कर लिख दिया जाएगा और उसके बाद कोई याद नहीं रखेगा कि आपने दरअसल कहा क्या था. पेश है उनका पूरा वक्तव्य :

anhcor-terror

हमारे जो टीवी एंकर हैं वो लोकतंत्र के सबसे बड़ा ख़तरा बनते जा रहे हैं. क्योंकि लोगों को भड़काते है और उनका सत्य से कोई लेना देना नहीं है. ख़ास तौर पर एक-दो वो टीवी एंकर जिनकी टीआरपी सबसे ज़्यादा है.

यह एंकर हर नौजवान एंकर को यह बुरा सबक सिखा रहे हैं कि आप शिष्टता को एक तरफ छोड़िये ज़ोर ज़ोर से चीखिये. सवाल ऐसे कीजिये जैसे मुजरिम खड़ा है अपने कठघरे में. सामने वाले के बारे में मत सोचिये कि उसकी नज़र में उसका खुद का कोई सम्मान होगा. आपके टीआरपी रेटिंग उठ जायेगें.

यह सिखा रहे हैं कि शहद बटोरने वाली मधुमक्खी की तरह हर दिन आगे बढ़ जाओ. एक दिन शिंदे साहब का नाम लेकर चीखो, दूसरे दिन पाकिस्तान का नाम लेकर चीखो, उसके बाद आशीष नंदी का नाम लेकर.

आपके टीआरपी बढ़ते जायंगे और आपको आपकी बात के लिए कोई जिम्मेवार नहीं ठहराएगा.

चैनलों के बौद्धिक तमाशे पर द हिंदू में लेख

बौद्धिक विमर्श और गंभीर बातों को समाचार चैनल और उनके एंकर कितना हल्का बना देते हैं, इसका सबूत बार – बार मिलता रहता है. हाल के दिनों में पाकिस्तान के मुद्दे से लेकर आशीष नंदी और शाहरुख खान तक के मामले में चैनलों पर यही सब दिखाई दिया. बौद्धिक विमर्श और गंभीर परिचर्चा की बजाये टेलीविजन पर सिर्फ तमाशा क्रियेट हुआ. तभी मणिशंकर अय्यर ने कहा कि टीवी के एंकर लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. इसी संदर्भ में ‘द हिंदू’ आज एक लेख छपा है जिसे मीडिया खबर के पाठकों के लिए यहाँ प्रकाशित किया जा रहा है.

Death of irony in the age of media

BY Sankaran Krishna

Although Ashis Nandy has explained the context in which he made his corruption remark, the furious pace of TV and Internet does not allow space for a re-evaluation

Aaj Tak is yet again the most trusted TV brand: Brand Trust Report 2013

New Delhi . Aaj Tak, the leading News Channel for 12 years has once again been selected as the most trusted brand in the TV Industry, according to the Brand Trust Report 2013. The overall ranking of Aaj Tak has also gone up in the Brand Trust List.

The Most trusted TV brand has improved on its ranking since last year and is presently ranked 121 in the most trusted brand of the country. Last year, it was ranked at 168 & was one of the very few TV brands to feature in the Top 200 Brand list. Aaj Tak is ranked better than brands such as ICICI Bank, Hero Honda & Aircel and is also above media brands such as Satyamev Jayate & Kaun Banega Crorepati.

भाजपा की डूबती नैय्या को है मोदी चालीसा का सहारा

हाल ही जबसे नरेन्द्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव को फ़तेह किया है तब से भाजपा में नेताओ से लेकर कार्यकर्ताओ को मोदी चालीसा का पाठ पढ़ते हुए देखा जा सकता है। भाजपा में एक गुट द्वारा ये मांग लगातार उठायी जा रही है कि पार्टी मोदी के नेत्र्तव में लोकसभा चुनाव 2014 लड़ने की घोषणा करे। ये मांग तब से और तेज़ हो गयी है जब से हाल ही में एक न्यूज चैनल द्वारा किये गए सर्वे में मोदी को देश के 57 फीसदी युवाओं की पसंद बताया गया है। इस संदर्भ में कल नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नव निर्वाचित अध्यक्ष राजनाथ सिंह की दिल्ली में मुलाक़ात भी हुई। उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी इस मुलाकात के बाद कोई बड़ी घोषणा करेगी, पर ऐसा हुआ नहीं। इस पूरे राजनैतिक घटनाक्रम के बाद जो बात महतवपूर्ण रूप से निकल क्र सामने आयी वो ये कि क्या वास्तव में मोदी 57 फीसदी युवाओं की पसंद है ? और क्या वास्तव में मोदी चालीसा के सहारे भाजपा 2014 लोकसभा चुनाव की नैय्या पार लगा लेगी? अगर सर्वे रिपोर्ट पर भरोसा करे तो हम कह सकते हैं कि हाँ मोदी इस देश के 57 फीसदी युवाओं की पसंद है लेकिन जैसा की किसी भी चुनाव के पूर्व विभिन्न न्यूज चैनलो और अखबारों द्वारा कराये जाने वाले एग्जिट पोल की हर रिपोर्ट सत्य से काफी दूर होती है वैसे ही संभव है कि इस सर्वे की रिपोर्ट भी वास्तविकता से परये हो क्योकि ये जग जाहिर है कि राजनैतिक दलों के पक्ष में राजनैतिक हवा बनाने के लिए जितना मुफीद माध्यम आज के दौर में मीडिया है उतना कोई और नहीं। ऐसी स्थिति में यह संभव है कि इस सर्वे की परिणाम पहले से ही पूर्व निर्धारित रहे हो। ये तो बात हुई उस सर्वे रिपोर्ट की जिसमे मोदी को युवाओ की पहली पसंद बताया गया है। अब बात करते है भाजपा के उस उम्मीद की जिसमे वो मोदी के सहारे 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता मे काबिज होने का सपना देख रही है।

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