p7 के आंदोलनकारी
पत्रकारों की जीवटता देखनी है तो पी7 आइए जहां दो रातों से मीडियाकर्मी अपने हक़ के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं, इनके साथ वो न्यूज़ चैनल नहीं हैं जो चिंदी ख़बरों पर टीवी को ब्रेकिंग प्वाइंट बना देते हैं। 19 फरवरी को शुरू हुआ पी7 कर्मचारियों का धरना 21 फरवरी तक पहुंच चुका है और मैनेजमेंट दबाव में होते हुए कुछ ख़ास आगे नहीं बढ़ा है।
19 फरवरी को जब कर्मचारियों ने धरने की शुरुआत की तो केसर सिंह ने अपने चम्पक लाल उदय सिन्हा को टोही विमान की तरह पी7 में लैंड करवाया जहां वो कर्मचारियों को केसर सिंह के झूठे वादों से लुभाने का प्रयास करते रहे लेकिन कर्मचारी किसी भी सूरत में पैसा लिये बिना हटने को राज़ी नहीं हुए। इस दौरान नोएडा पुलिस का एक दस्ता लगातार उसी दिन से पी7 के दफ़्तर में डटा है और सेक्टर 57 चौकी इंचार्ज ख़ुद यहां मोर्चा संभाले हुए हैं।
19-20 फरवरी की रात पत्रकारों का एक जत्था यहां बारिश के बीच भी जमा रहा और हिला नहीं, 20 फरवरी को दिन भर पी7 में कार्यरत पत्रकारों से लेकर एडमिन, अकाउंट्स, मार्केटिंग, सपोर्ट, टेक्निकल सभी एक होकर केसर सिंह के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहे और जैसे ही सूरज सर के ठीक ऊपर आया पी7 के मेन गेट पर दो डब्बे लटकाए गये, एक पर लिखा गया कि “मैं केसर सिंह हूं मुझे भीख दो” और दूसरे पर लिखा गया “मैं विधु शेखर हूं, मुझे भीख दो”
पी7 की ओर से आता-जाता हर एक शख़्स इसे देख रहा है पढ़ रहा और हंस रहा है, कुछ लोगों ने तो वाकई उसमें भीख डाल भी दी है और कुछ ये कहते पाये गये कि कहीं ये दोनों भीख के पैसे में भी घोटाला ना कर दें।
कर्मचारियों के अतिरिक्त कुछ ऐसे लोग भी दफ़्तर के सामने आकर केसर सिंह को गालियां दे रहे हैं जिन्होंने केसर सिंह के ब्लैक पैसे को व्हाइट किया और वो भी इनके धोखे का शिकार बन गये। ये ख़ुद को फाइनेंसर बता रहे थे, जबकि कुछ लोग उन्हें वेंडर बता रहे थे हालांकि इनके बारे में अभी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।
शाम होते-होते कुछ लोग तो अपने घरवालों को लेकर भी धरना स्थल पर पहुंचने लगे हैं जिससे बाकी लोगों का भी उत्साहवर्धन हो रहा है कि वो भी अपने परिवार को भी धरने पर लेकर बैठ जाएं। धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि अगर रविवार तक कुछ नहीं होता है तो सोमवार से ये लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
फिलहाल अभी भी धरना जारी है।