सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर दिल्ली में आग लगी हुई और उस आग में दिल्लीवासी जल रहे हैं. इंडिया गेट, राजपथ आदि जगहों पर लोग जमा हैं और बलात्कारियों को फांसी दो के नारों से नेताओं का कलेजा काँप रहा है.
दिल्ली पुलिस डंडे के जोर पर लोगों को हटाने – भागने की नाकाम कोशिश कर रही है और अपनी बर्बरता का परिचय दे रही है.
इसी बर्बरता के कारण न्यूज़ एक्स की पत्रकार रिद्धिमा तोमर भी घायल हो गयी और हो सकता है कि और भी पत्रकार घायल हुए हों. उन्हें भी चोटें लगी हो. अफरा – तफरी के ऐसे माहौल में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है.
ऐसे में रिपोर्टिंग चुनौतीपूर्ण होती है. एक तरफ पब्लिक उसकी रिपोर्ट से न भड़क जाए, इसका ख्याल रखना पड़ता है और दूसरी तरफ उपद्रवियों के साथ – साथ पुलिस के डंडे और गोलियों से भी बचना.
यह जोखिम भरा काम है. लेकिन भारतीय न्यूज़ चैनल अपने रिपोर्टरों की सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं करते और बड़े बर्बर तरीके से उनसे सिर्फ ब्रेकिंग न्यूज़ की अपेक्षा करते हैं.
दरअसल ऐसी कवरेज के लिए रिपोर्टरों को भी हेलमेट आदि देना चाहिए. लेकिन ज्यादातर न्यूज़ चैनलों को सिर्फ रिपोर्ट की चिंता रहती हैं, अपने रिपोर्टरों की सुरक्षा का उन्हें तनिक भी ख्याल नहीं रहता.
अपनी सुरक्षा आप करें, इसी सिद्धांत पर चलते हैं. यह एक तरह की बर्बरता ही है और इस मामले में पुलिस से भी ज्यादा बर्बर न्यूज़ चैनल हैं.