सुजीत ठमके :-
लाइफ ओके चैनल पर प्रसारित होने वाला क्राइम बेस्ड शो सावधान इंडिया – फाइट्स बैक नाउ या फिर सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला शो क्राइम पैट्रॉल दस्तक डायल – १०० दोनों शो टीआरपी के मामले में हिट है। एंकर अनूप सोनी की बेहतर, सूझबूझ वाली एंकरिंग, समूचे टीम द्वारा स्टोरी का चयन, प्रस्तुतीकरण, भाषा, शब्द, मुहावरे, संवेदनशीलता, गंभीरता तथा वास्तविक घटनाओ पर बने शो की गरिमा को सिल्वर स्क्रीन पर उतारने की कसौटी पर अनूप सोनी १०० % फीसदी खरे उतरे है। वही लाइफ ओके पर प्रसारित होने वाला शो सावधान इंडिया – फाइट्स बैक नाउ के एंकर सुशांत सिंह कभी कभी गंभीर एवम संवेदनशील मुद्दों को उठाते है। चुकी सावधान इंडिया – फाइट्स बेक नाउ शो में अतिरंगकता ज्यादा होती है। लेकिन दोनों शो वास्तविक घटना पर आधारित है।
कल सावधान इंडिया – फाइट्स बेक नाउ में एक शो को प्रसारित किया गया। मुम्बई बेस्ड स्टोरी थी। स्टोरी भी बेहद पुरानी नहीं जो आज के सुचना, मीडिया क्रान्ति के दौर में दब जाए। बावजूद स्टोरी नेशनल मीडिया का हिस्सा नहीं बनी। एक राजनीतिक पार्टी के दफ्तर में पति- पत्नी पार्टी की सदस्यता लेने जाते है। पति से प्राथमिक सदस्यता का फॉर्म भरवाया जाता है। पत्नी को दूसरे केबिन में जाने को कहा जाता है। चन्द सेकेण्ड में उनकी पत्नी लाफ्ता हो जाती है। पति राजनेताओ से पूछता है मेरी पत्नी कहा गई नेता कहता है आप तो अकेला आये। नेता के सुर में सुर पार्टी दफ्तर में बैठे उनके कार्यकर्ता भी मिलाते है। बेबस पति पुलिस थाने में दरवाजा खटखटाता है। नेताओ का बड़ा रसूख पुलिस अफसर पर भारी पड़ता है। पुलिस अफसर एफआईआर लेने से मना करता है। थाने के बाहर बेबस पति टकटकी लगाकर बैठता है। उसका दर्द सुने।
उतने में एक खोजी महिला रिपोर्टर थाने में आती है। महिला रिपोर्टर कहती है मुझे बताइये मै खोजी पत्रकार हूँ । बेबस पति उस खोजी महिला पत्रकार को उनकी पत्नी पार्टी दफ्तर से गुमशुदा होने की बात कहता है। खोजी महिला पत्रकार स्पाई केमेरा के जरिये स्टोरी के कई पहलुओ को खंगालने में लग जाती है। और एक बड़ी स्टोरी हाथ में लग जाती है। महिला पत्रकार नाम बदल देती है। पार्टी दफ्तर में जाकर पार्टी की सदस्यता लेती है। धीरे धीरे खोजी पत्रकार को बड़ी खबर की बू आने लगती है। नेताओ के दफ्तर में आते ही कई महिला लापता हो जाती है। कई को मार दिया जाता है। कई महिलाओ को नेताजी फ़ार्म हाउस में बंधक बनाकर रखते है। और कई महिलाओ को सेक्स रैकेट में धकेल दिया जाता है। महिला खोजी पत्रकार को भी बंधन बनाया जाता है। उसे मरवाने की पूरी साजिश नेता करवाते है। मुम्बई सपनो की नगरी है। हर दिन देश दुनिया की बड़ी उठापठक यहाँ होती रहती है। मुम्बई में एक से बढ़कर एक खोजी पत्रकार है और वो हमेशा चौकन्ना रहते है। बावजूद मुम्बई की इतनी बड़ी स्टोरी नेशनल मीडिया से गायब हो जाती है।