वेद उनियाल
आज आज तक चैनल में एक न्यूज लाइन थी —
ओबामा मैं आ रहा हूं।
क्या भाषा हो गई है। कोई देख परख करने वाला भी है नहीं। सलीम जावेद के शोले से प्ररित होकर तो नहीं लिखा इसे। क्या यही हैं हमारे टीवी चैनल के संस्कार। क्या ऐसा लिख देने से दुनिया की महाशक्ति का सबसे बड़ा नेता सहम जाएगा। या ऐसा लिख देने से नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व महाविराट हो जाएगा।
बेशक चैनल की भाषा को लेकर अपनी मजबूरी हो सकती है। पर उसे ललकार की ऐसी भाषा न बनाइए कि कल बच्चों को ओबामा टीवी पर दिखे, और वो कहने लग जाएं ओबामा जरा बच के हमारा मोदी आ रहा है।
भाषा शानदार और आकर्षक हो , पर हैरत में डालने वाली न हो प्लीज । आज तक चैनल के साथियों ऐसे ज्यादा प्रयोग आपकी तरफ से ही हो रहे हैं। हम दर्शक तो विनती ही कर सकते हैं।
(स्रोत-एफबी)
हमारी भाषा से ही हमारे वक्तित्व का पता चलता है…..कृपया थोड़ी सावधानी बरते…
जौली अंकल